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Kumbh 2027: हरिद्वार में बसाया जाएगा अस्थायी शहर, मिलेगी थाने से लेकर अस्पताल तक की सुविधा

  • लेखक की तस्वीर: ANH News
    ANH News
  • 15 अक्टू॰
  • 2 मिनट पठन
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हरिद्वार कुंभ 2027 की भव्यता को ध्यान में रखते हुए उत्तराखंड सरकार ने एक विशाल अस्थायी शहर बसाने की योजना तैयार की है। यह शहर पूरी तरह से आधुनिक सुविधाओं से लैस होगा और इसमें श्रद्धालुओं के ठहरने से लेकर सुरक्षा और स्वास्थ्य सेवाओं तक की पूरी व्यवस्था सुनिश्चित की जाएगी। राज्य सरकार ने इस प्रस्ताव को केंद्र सरकार को भेजा है, ताकि समय रहते इसकी तैयारियां शुरू की जा सकें।


हर बार की तरह इस बार भी कुंभ मेले में करोड़ों श्रद्धालुओं के आने की संभावना है। कल्पवास करने वाले श्रद्धालु लंबे समय तक वहां ठहरते हैं, ऐसे में उनके लिए ठहरने की सुविधाएं सबसे बड़ी चुनौती बनकर सामने आती हैं। इन्हीं जरूरतों को देखते हुए प्रदेश सरकार ने फैसला लिया है कि कुंभ क्षेत्र में लगभग 500 हेक्टेयर भूमि पर एक अस्थायी शहर विकसित किया जाएगा।


इस अस्थायी शहर में 1000 लोगों की क्षमता वाला एक कन्वेंशन हॉल बनाया जाएगा, जहां धार्मिक, सांस्कृतिक और प्रशासनिक गतिविधियां संचालित की जा सकेंगी। इसके साथ ही शहर में पुलिस थाने, अस्पताल, प्रशासनिक कार्यालय, धार्मिक संस्थाओं के कार्यालय और सूचना केंद्र भी स्थापित किए जाएंगे, ताकि संपूर्ण कुंभ आयोजन को व्यवस्थित और सुगम बनाया जा सके। श्रद्धालुओं के ठहरने के लिए 25,000 लोगों की क्षमता वाले 10 सार्वजनिक आवास परिसर प्रस्तावित हैं। इसके अलावा मेला सर्किट हाउस परिसर में 150 कैंप भी लगाए जाएंगे, ताकि किसी को भी रुकने में असुविधा न हो।

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इस विशाल आयोजन की सबसे बड़ी चुनौती स्वच्छता व्यवस्था को लेकर भी है। वर्तमान में हरिद्वार क्षेत्र से प्रतिदिन लगभग 280 मीट्रिक टन कचरा निकलता है, लेकिन कुंभ मेले के दौरान यह बढ़कर 582 मीट्रिक टन प्रतिदिन तक पहुंचने का अनुमान है। इस बढ़ते दबाव को संभालने के लिए सरकार ने 161.18 करोड़ रुपये की लागत वाले एक विशेष प्रस्ताव को तैयार किया है, जिसमें कचरा निस्तारण और सफाई व्यवस्था के लिए अत्याधुनिक संसाधनों की व्यवस्था की जाएगी।


इस प्रस्ताव में 10 कॉम्पैक्टर वाहन, 50 टिपर, 75 ई-रिक्शा, और शौचालयों के निस्तारण हेतु छह फीकल स्लज ट्रीटमेंट प्लांट शामिल हैं। साथ ही घाटों की सफाई के लिए विशेष मशीनें, फॉगिंग डिवाइसेज़, डस्टबिन, ट्रैश बूम इंटरसेप्टर और रिफ्यूज कॉम्पैक्टर जैसे उपकरण भी शामिल किए गए हैं।


कुंभ मेले के सचिव नितेश झा के अनुसार, स्वच्छता से लेकर श्रद्धालुओं की सुविधा तक, हर पहलू पर विशेष ध्यान दिया जा रहा है ताकि 2027 का कुंभ मेला न सिर्फ धार्मिक दृष्टि से, बल्कि व्यवस्थागत रूप से भी एक मिसाल बन सके।


यह प्रस्ताव यह सुनिश्चित करता है कि श्रद्धालुओं को किसी भी स्तर पर असुविधा न हो और कुंभ मेला पूरी तरह से सुरक्षित, स्वच्छ और सुव्यवस्थित माहौल में संपन्न हो।

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