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उत्तरकाशी आपदा में तबाही की जमीनी हकीकत, PDNA टीम ने किया दौरा

  • लेखक की तस्वीर: ANH News
    ANH News
  • 26 सित॰
  • 2 मिनट पठन

अपडेट करने की तारीख: 27 सित॰

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मानसून काल में उत्तरकाशी जिले के हर्षिल, धराली, स्यानाचट्टी सहित कई अन्य क्षेत्रों में आई भीषण आपदा से हुए व्यापक नुकसान का गहन और विस्तृत आकलन करने के लिए केंद्र और राज्य सरकार की संयुक्त पीडीएनए (पोस्ट डिजास्टर नीड्स असेसमेंट) टीम गुरुवार को धराली पहुंची। टीम ने गंगोत्री यात्रा मार्ग के विभिन्न हिस्सों का दौरा किया, जहां बारिश और बाढ़ के कारण सड़कों का वाशआउट हुआ था और कई क्षेत्र गंभीर रूप से क्षतिग्रस्त हो चुके थे।


पीडीएनए टीम ने धराली और हर्षिल के तेलगाड़ तथा खीर गंगा प्रभावित इलाकों का विशेष निरीक्षण किया। इस दौरान टीम ने वहां तैनात अधिकारियों तथा आपदा प्रभावित ग्रामीणों से मिलकर उनकी परेशानियों और नुकसानों को करीब से जाना। प्रभावित ग्रामीणों ने मकानों, होटलों, बगीचों, फसलों, व्यवसायों और अन्य परिसंपत्तियों को हुई भारी क्षति का ब्योरा साझा किया। इसके साथ ही उन्होंने पुनर्वास, रोजगार के अवसर और मुआवजे की भी मांग की।


टीम ने सड़कों, पुलों, सरकारी भवनों, विद्युत और जल आपूर्ति लाइनों समेत बुनियादी ढांचे को पहुंची चोट का भी विस्तृत निरीक्षण किया। इसके अतिरिक्त, कृषि, पशुपालन और स्थानीय आजीविका क्षेत्र को हुए नुकसान का भी गहराई से अध्ययन किया। आपदा के कारण कई क्षेत्रों में यात्रा मार्ग पूरी तरह से टूट चुके हैं, जिससे न केवल आम जनजीवन प्रभावित हुआ है बल्कि स्थानीय पर्यटन व्यवसाय भी भारी संकट में आ गया है।


इस दौरान एडीएम मुक्ता मिश्र, एसडीएम भटवाड़ी शालिनी नेगी, अधीक्षण अभियंता सिंचाई संजय राज, जिला शिक्षा अधिकारी शैलेन्द्र अमोली, एसीएमओ बी.एस. पांगती, डीटीडीओ के.के. जोशी, अधिशासी अभियंता यूपीसीएल मनोज गुसाईं सहित कई जिला स्तरीय अधिकारी भी मौजूद रहे और निरीक्षण में टीम का सहयोग किया।


ग्रामीणों ने सरकार से राहत और पुनर्वास कार्यों में तेजी लाने की गुहार लगाई। उनका कहना था कि आपदा के कई दिनों बाद भी उन्हें पूरी सहायता नहीं मिल पाई है और वे बेहद परेशान हैं। प्रभावित लोगों ने आशा जताई कि अगर राहत कार्य त्वरित गति से शुरू हो जाएं तो वे शीघ्र सामान्य जीवन की ओर लौट सकेंगे। इस प्रकार, आपदा प्रभावित क्षेत्रों में राहत और पुनर्वास के लिए तत्काल प्रभावी कदम उठाने की आवश्यकता पर सभी ने जोर दिया।

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