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स्वस्थ नारी और सशक्त परिवार: अष्टम पोषण माह में कुपोषण के खिलाफ सामूहिक प्रयास

  • लेखक की तस्वीर: ANH News
    ANH News
  • 8 अक्टू॰
  • 2 मिनट पठन
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शाहपुरा ब्लॉक में अष्टम पोषण माह का कार्यक्रम वास्तव में प्रेरणादायक था। इस पहल ने न केवल महिलाओं को सशक्त बनाने की दिशा में महत्वपूर्ण कदम उठाया, बल्कि परिवारों के पोषण स्तर को भी ऊपर उठाने का काम किया। यह कार्यक्रम कुपोषण के खिलाफ जागरूकता फैलाने का एक बड़ा अवसर था, जिसमें भाग लेने वाले सभी व्यक्तियों को स्वस्थ आहार के महत्व पर ध्यान केंद्रित करने का मौका मिला।



कार्यक्रम का उद्देश्य

इस कार्यक्रम का मुख्य उद्देश्य पोषण के प्रति जागरूकता बढ़ाना और विशेष रूप से महिलाओं और बच्चों को इसके महत्व के बारे में जानकारी देना था। यह तथ्य चिंताजनक है कि लगभग 38% बच्चे कुपोषण के शिकार हैं, जिससे उनकी विकास क्षमता प्रभावित होती है। इस माह के दौरान विभिन्न गतिविधियों के माध्यम से महिलाओं को उचित आहार लेने की प्राप्ति का महत्व बताया गया।

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रेसिपी और प्रदर्शनी

कार्यक्रम में स्थानीय लाभार्थी महिलाओं और कार्यकर्ताओं ने गुणवत्ता युक्त रेसिपी और व्यंजन प्रदर्शित किए। समूह ने हरी सब्जियों की विभिन्न डिशेज पेश की जैसे पालक पनीर और मटर पुलाव, जो सभी के लिए पौष्टिक विकल्प बने। फलों की प्रदर्शनी ने बच्चों को डाइट में फलों की अहमियत समझाई, जैसे कि सेब और केले, जो विटामिन C और फाइबर का अच्छा स्रोत हैं



रंगोली और नारे

कुपोषण के खिलाफ जागरूकता फैलाने के लिए रंगोली और नारे का निर्माण किया गया। इस गतिविधि ने कार्यक्रम में टनल की सुंदरता जोड़ दी और उपस्थित लोगों का ध्यान आकर्षित किया। नारे जैसे "सही आहार, स्वस्थ परिवार" ने सभी की सोच को प्रभावित किया और कुपोषण के दुष्प्रभावों को उजागर किया।

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महिला पर्यवेक्षक का योगदान

कार्यक्रम में उपस्थित महिला पर्यवेक्षक संजू भील ने बताया कि कैसे घर में मौजूद कच्ची सामग्री से पौष्टिक व्यंजन तैयार किए जा सकते हैं। उन्होंने चना, दालें, और अनाज जैसे सामान्य लेकिन पौष्टिक सामग्रियों का उपयोग करने की सलाह दी। यह जानकारी महिलाओं के लिए अत्यंत महत्वपूर्ण साबित हुई, जो अब आसान और सस्ते तरीके से अपने परिवार के पोषण को सुधार सकती हैं।

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आंगनबाड़ी कार्यकर्ताओं की भूमिका

आंगनबाड़ी कार्यकर्ताओं का योगदान कार्यक्रम में महत्वपूर्ण रहा। सीमा बारेठ, पूजा रैगर और आशा खटीक जैसी कार्यकर्ताओं ने अपने अनुभव साझा किए और कहा कि परिवारों में एकता और जागरूकता से कुपोषण से लड़ाई संभव है। इसने महिलाओं को जागरूक किया कि वे अपनी भूमिका को समझें और अपने परिवार की सेहत का ध्यान रखें।



सामूहिक प्रयास

अष्टम पोषण माह ने यह साबित कर दिया कि सामूहिक प्रयासों से कुपोषण के खिलाफ लड़ाई लड़ी जा सकती है। जब महिलाएं एकजुट होती हैं और एक-दूसरे को समर्थन देती हैं, तो वे अपने परिवारों का पोषण स्तर सुधारने में सक्षम होती हैं। यह अद्भुत है कि केवल 10% ही महिलाओं ने अपने परिवारों में पोषण के मुद्दे पर चर्चा की है, लेकिन यह कार्यक्रम उन्हें एक मंच प्रदान करता है।



निष्कर्ष

अष्टम पोषण माह का आयोजन महिलाओं और पूरे समुदाय के लिए एक महत्वपूर्ण कदम था। यह कार्यक्रम नारी सशक्तिकरण और स्वस्थ परिवार के लिए प्रेरणा स्रोत बना है। सामूहिक प्रयासों से ही हम एक स्वस्थ समाज की दिशा में बढ़ सकते हैं। हमें उम्मीद है कि इस तरह के कार्यक्रम निरंतर चलते रहेंगे, ताकि हम सभी मिलकर कुपोषण के खिलाफ एक मजबूत लड़ा।



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