चारधाम यात्रा अब अंतिम चरण में, हेमकुंड साहिब के कपाट 10 अक्टूबर को होंगे बंद
- ANH News
- 6 अक्टू॰
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सिख श्रद्धालुओं के लिए पवित्र तीर्थ स्थल हेमकुंड साहिब इस वर्ष 10 अक्टूबर को शीतकाल के लिए अपने कपाट बंद करेगा। हर साल की तरह इस बार भी कपाट बंदी के अवसर पर श्रद्धा और भक्ति का विशेष वातावरण रहेगा। गुरुद्वारा गोविंद घाट के प्रबंधक सरदार सेवा सिंह ने जानकारी दी कि इस मौके पर गुरुद्वारे को विशेष रूप से सजाया जाएगा। भजन-कीर्तन और सेवा कार्यक्रमों का आयोजन होगा, जिसमें पंजाब समेत देश के विभिन्न हिस्सों से आई बैंड टीमें भी भाग लेंगी। अब तक इस वर्ष करीब 2 लाख 68 हजार श्रद्धालु हेमकुंड साहिब के दर्शन कर चुके हैं, जो तीर्थ यात्रा की लोकप्रियता और आस्था का प्रमाण है।
इसी के साथ चारधाम यात्रा भी अपने समापन की ओर बढ़ रही है। उत्तराखंड के चार प्रमुख तीर्थ- बद्रीनाथ, केदारनाथ, गंगोत्री और यमुनोत्री- हर वर्ष की भांति इस बार भी अक्टूबर-नवंबर में शीतकाल के लिए बंद किए जाएंगे। गंगोत्री धाम के कपाट 22 अक्टूबर, यमुनोत्री और केदारनाथ धाम के 23 अक्टूबर, जबकि बद्रीनाथ धाम के कपाट 6 नवंबर 2025 को श्रद्धालुओं के दर्शनार्थ अंतिम बार खोले जाएंगे।
हर वर्ष शीतकाल की शुरुआत के साथ ही देव प्रतिमाओं को विधिपूर्वक उनके शीतकालीन गद्दी स्थलों की ओर ले जाया जाता है। बद्रीनाथ के भगवान विष्णु की गद्दी जोशीमठ, केदारनाथ के भगवान शिव की ऊखीमठ, गंगोत्री की मुखवा गांव, और यमुनोत्री की खरसाली में स्थापित की जाती है, जहां पूरे छह महीने तक पूजा-अर्चना होती है। यह परंपरा न केवल धार्मिक रूप से महत्वपूर्ण है, बल्कि उत्तराखंड की सांस्कृतिक विरासत और हिमालयी जीवनशैली का भी अभिन्न हिस्सा मानी जाती है।
हेमकुंड साहिब और चारधाम की यह यात्रा न केवल आध्यात्मिक अनुभव देती है, बल्कि श्रद्धालुओं को प्रकृति की गोद में शुद्ध आस्था की अनुभूति भी कराती है। शीतकालीन विश्राम के बाद अगले वर्ष जब ये तीर्थ फिर से खुलेंगे, तो एक बार फिर लाखों श्रद्धालु आस्था की इस यात्रा पर निकलेंगे।





