top of page

CM धामी परिवार संग शामिल हुए इगास महोत्सव में, लोकधुनों पर झूम उठा देहरादून

  • लेखक की तस्वीर: ANH News
    ANH News
  • 4 दिन पहले
  • 2 मिनट पठन
ree

उत्तराखंड में पारंपरिक उल्लास और सांस्कृतिक उत्साह के साथ इगास महोत्सव मनाया जा रहा है। देहरादून स्थित मुख्यमंत्री शिविर कार्यालय में आयोजित भव्य कार्यक्रम में मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी अपने परिवार के साथ शामिल हुए। इस अवसर पर राज्यपाल समेत कई वरिष्ठ नेता, जनप्रतिनिधि और अधिकारी भी उपस्थित रहे। पूरे कार्यक्रम में लोकगायक सौरभ मैठाणी के गीतों पर लोग झूमते नजर आए, जिससे वातावरण पूरी तरह उत्तराखंडी लोक-संस्कृति के रंग में रंग गया।

ree

मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने इस अवसर पर कहा कि इगास पर्व उत्तराखंड की सांस्कृतिक अस्मिता, लोक आस्था और सामूहिक भावना का प्रतीक है। यह पर्व हमें अपनी जड़ों से जोड़ता है और लोक संस्कृति के संरक्षण का संकल्प दिलाता है। उन्होंने कहा कि ईगास केवल पर्व नहीं, बल्कि अपनी परंपराओं के पुनर्जागरण का माध्यम है। रविवार की देर शाम मुख्यमंत्री आवास में भी यह पर्व पूरे हर्षोल्लास और पारंपरिक रीति-रिवाजों के साथ मनाया गया।

ree

कार्यक्रम में उत्तराखंड के सुप्रसिद्ध लोक कलाकारों, गायकों और सांस्कृतिक दलों ने पारंपरिक लोकगीतों व लोकनृत्यों की शानदार प्रस्तुतियाँ दीं। हारुल, झूमेलो, चांचरी, थड़िया और जागर जैसे पारंपरिक नृत्यों ने उपस्थित दर्शकों को मंत्रमुग्ध कर दिया। मुख्यमंत्री और राज्यपाल ने स्वयं कलाकारों के बीच जाकर उनके प्रदर्शन का आनंद लिया और उन्हें प्रोत्साहित किया। मुख्यमंत्री ने कहा कि लोक संस्कृति और परंपराएं हमारी सबसे बड़ी धरोहर हैं, इन्हें संरक्षित कर अगली पीढ़ियों तक पहुंचाना हम सभी का दायित्व है।


परंपरागत मान्यताओं के अनुरूप मुख्यमंत्री धामी ने ‘भैलो’ भी खेला, जिससे कार्यक्रम में उल्लास का नया रंग भर गया। मुख्यमंत्री ने कार्यक्रम में शामिल सभी कलाकारों और प्रतिभागियों को सम्मानित किया और कहा कि उत्तराखंड सरकार लोक कलाकारों के उत्थान, पारंपरिक कलाओं के संवर्धन तथा संस्कृति आधारित रोजगार के सृजन के लिए निरंतर प्रयासरत है।

ree

इस अवसर पर कैबिनेट मंत्री सतपाल महाराज, गणेश जोशी, पूर्व मुख्यमंत्री भगत सिंह कोश्यारी, डॉ. रमेश पोखरियाल ‘निशंक’, राज्यसभा सांसद नरेश बंसल, मुख्य सचिव आनंद वर्द्धन, बद्री-केदार मंदिर समिति अध्यक्ष हेमंत द्विवेदी सहित अनेक गणमान्य व्यक्ति उपस्थित रहे।


वहीं, ढ़वाल संसदीय क्षेत्र के सांसद एवं भाजपा के राष्ट्रीय मीडिया प्रमुख अनिल बलूनी ने कहा कि जैसे गुजरात में डांडिया और पंजाब में लोहड़ी को सांस्कृतिक पहचान प्राप्त है, वैसे ही इगास पर्व भी उत्तराखंड की विशिष्ट पहचान बनेगा। उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के विजन और प्रेरणा से इगास पर्व को पुनर्जीवन मिला है।


शनिवार को पौड़ी के ऐतिहासिक रामलीला मैदान में सांसद बलूनी ने लोकपर्व इगास महोत्सव का शुभारंभ किया। उन्होंने विधिवत इगास पूजन कर ‘भैलो’ जलाकर कार्यक्रम की शुरुआत की। बलूनी ने कहा कि पिछले वर्ष हमने उत्तराखंड की इस प्राचीन लोक परंपरा को फिर से जीवंत करने का संकल्प लिया था, और आज यह देखना गर्व की बात है कि न केवल उत्तराखंड, बल्कि देश और विदेश में बसे प्रवासी उत्तराखंडी भी बड़े उत्साह के साथ इगास पर्व को मना रहे हैं।


इगास महोत्सव ने एक बार फिर यह साबित कर दिया है कि उत्तराखंड की लोकसंस्कृति अपनी परंपराओं, लोकगीतों और सामूहिक उत्सवों के माध्यम से न केवल जीवंत है, बल्कि नई पीढ़ी में सांस्कृतिक चेतना भी जगा रही है।

bottom of page