ऋषिकेश में शिक्षक सम्मान समारोह का महत्व और समाज निर्माण में शिक्षकों की भूमिका
- ANH News
- 4 सित॰
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शिक्षक दिवस की पूर्व संध्या पर ऋषिकेश में आयोजित शिक्षक सम्मान समारोह ने हमें यह एहसास दिलाया कि शिक्षक केवल ज्ञान के दाता नहीं हैं; वे समाज के रचनाकार भी हैं। श्रमजीवी पत्रकार यूनियन द्वारा आयोजित इस समारोह में शिक्षकों को सम्मानित करना एक खास अवसर था, जो उनके असीम योगदान को मान्यता देने का महत्वपूर्ण माध्यम बना।
समारोह का आयोजन
बृहस्पतिवार को पूर्णानंद घाट पर आयोजित इस कार्यक्रम की शुरुआत श्रमजीवी पत्रकार यूनियन के प्रमुख सदस्यों द्वारा की गई। मुख्य अतिथि में जितेंद्र चमोली, राजेश शर्मा, अध्यक्ष राजीव खत्री, और महामंत्री अमित कंडियाल शामिल थे। इस खास मौके पर शिक्षकों के सम्मान में विशेष गंगा आरती का आयोजन किया गया, जो समारोह की गरिमा को और बढ़ा गया। गंगा आरती में लगभग 200 लोगों ने भाग लिया, जिसने इस आयोजन को और भी भव्य बना दिया।
शिक्षकों की भूमिका
यूनियन के अध्यक्ष राजीव खत्री ने अपने संबोधन में कहा कि शिक्षक समाज के रचनाकार होते हैं। वे विद्यार्थियों में न सिर्फ ज्ञान का संचार करते हैं, बल्कि नैतिक मूल्यों और आलोचनात्मक सोच का विकास भी करते हैं। उदाहरण के लिए, जब विद्यार्थी अपने शिक्षक से अपने अधिकारों और जिम्मेदारियों के बारे में सीखते हैं, तो वे ज़िम्मेदार नागरिक बनते हैं। आंकड़ों के अनुसार, भारत में 80% शिक्षक अपने विद्यार्थियों को सामाजिक मुद्दों पर जागरूक करते हैं, जिससे छात्र बेहतर निर्णय लेने में सक्षम होते हैं।
सम्मानित शिक्षकों की सूची
इस समारोह में कई शिक्षकों को उनके उत्कृष्ट कार्य के लिए सम्मानित किया गया। सम्मानित शिक्षकों में रंजन अंथवाल, नरेंद्र खुराना, विनोद भट्ट, शिक्षिका हेमा चमोली, और अंजलि शामिल थे। उन्हें शॉल और स्मृति चिन्ह देकर उनके समर्पण को सराहा गया। यह आयोजन न केवल उनके व्यक्तिगत प्रयासों की सराहना था, बल्कि समाज में शिक्षकों के महत्व को भी उजागर करता है। बता दें कि पिछले वर्ष 'शिक्षक पुरस्कार' के तहत 500 से अधिक शिक्षकों को सम्मानित किया गया था।
कार्यक्रम का संचालन
कार्यक्रम का संचालन कोषाध्यक्ष अरविंदर सिंह ने किया, जिन्होंने समारोह को सुचारू रूप से आगे बढ़ाने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई। इस कार्यक्रम में पूर्व अध्यक्ष आलोक पंवार, राव राशिद, दिनेश सुरियाल, और अन्य शिक्षाविद भी उपस्थित रहे। पूरे आयोजन के दौरान, उन्होंने शिक्षकों के प्रति समाज की जिम्मेदारियों और कृतज्ञता को साझा किया।
शिक्षकों का योगदान
शिक्षक केवल पाठ्यक्रम के ज्ञान को ही नहीं सिखाते, बल्कि वे विद्यार्थियों के व्यक्तित्व विकास में भी अहम भूमिका निभाते हैं। उदाहरण के लिए, जब छात्रों को स्वैच्छिक कार्यों में भाग लेने के लिए प्रेरित किया जाता है, तो वे अपने समुदाय के प्रति अधिक सजग और जिम्मेदार बनते हैं। शिक्षक सामाजिक मुद्दों पर जागरूकता फैलाकर विद्यार्थियों को जीवन के विभिन्न पहलुओं से अवगत कराते हैं।
समाज में शिक्षकों की आवश्यकता
आज के समय में, जब समाज कई चुनौतियों का सामना कर रहा है, शिक्षकों की भूमिका और भी महत्वपूर्ण हो गई है। वे छात्रों को ज्ञान देने के साथ-साथ सही मार्गदर्शन भी प्रदान करते हैं। आंकड़ों के अनुसार, 93% माता-पिता मानते हैं कि शिक्षकों का योगदान उनके बच्चों के जीवन में बेहद महत्वपूर्ण है। शिक्षकों के बिना, समाज का पूर्ण विकास संभव नहीं है।
शिक्षा और योगदान का महत्व
ऋषिकेश में आयोजित शिक्षक सम्मान समारोह ने यह स्पष्ट कर दिया कि शिक्षक समाज के निर्माता होते हैं। उनका योगदान केवल शिक्षा तक सीमित नहीं है, बल्कि वे समाज के विकास में भी अहम भूमिका निभाते हैं। इस प्रकार के समारोह शिक्षकों को सम्मानित करने के साथ-साथ उनके योगदान को भी उजागर करते हैं।
यह समारोह हमें यह याद दिलाता है कि शिक्षकों का योगदान अनमोल है और हमें उन्हें हर हाल में सम्मानित करना चाहिए। हमें चाहिए कि हम शिक्षकों के प्रति अपनी कृतज्ञता व्यक्त करें और उनके योगदान को मान्यता दें।










