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'भारत अब नहीं झुकेगा...', स्वामी रामदेव ने अमेरिका की 'गुंडागर्दी' के खिलाफ बड़ा बयान

  • लेखक की तस्वीर: ANH News
    ANH News
  • 17 अग॰
  • 2 मिनट पठन
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हरिद्वार। 79वें स्वतंत्रता दिवस के पावन अवसर पर योग गुरु स्वामी रामदेव ने एक साहसिक और दूरगामी दृष्टिकोण प्रस्तुत करते हुए दावा किया कि भारत शीघ्र ही रूस और चीन जैसे वैश्विक शक्तियों के साथ मिलकर अमेरिका की राजनीतिक और आर्थिक गुंडागर्दी का अंत करेगा। पतंजलि विश्वविद्यालय और पतंजलि योग भवन में ध्वजारोहण समारोह के दौरान उपस्थित जनसमूह को संबोधित करते हुए उन्होंने कहा कि भारत अब झुकने वाला नहीं, डटकर खड़े होने वाला राष्ट्र बन गया है।


स्वामी रामदेव ने कहा कि आज वैश्विक परिदृश्य में एक नई धुरी का निर्माण हो रहा है-भारत, रूस, चीन, यूरोप और मध्य एशिया के कुछ देशों के बीच एक सशक्त गठबंधन आकार ले रहा है, जो दुनिया के लिए एक सकारात्मक और संतुलनकारी संदेश लेकर आ रहा है। उनका मानना है कि यह गठजोड़ न केवल अमेरिका की दादागिरी को चुनौती देगा, बल्कि एक नए, न्यायसंगत और बहुध्रुवीय विश्व व्यवस्था की नींव रखेगा।


पूर्व अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप की उस टिप्पणी पर प्रतिक्रिया देते हुए जिसमें भारत की अर्थव्यवस्था को मृत बताया गया था, योग गुरु ने करारा प्रहार किया। उन्होंने कहा, “भारत की अर्थव्यवस्था न केवल जीवंत है, बल्कि तीव्र गति से प्रगति कर रही है। हमें किसी की मुहर की आवश्यकता नहीं है—हम अपने बलबूते पर आत्मनिर्भर भारत की दिशा में अग्रसर हैं।”


स्वामी रामदेव ने ऐतिहासिक परिप्रेक्ष्य को भी छुआ और बताया कि तीन सौ साल पहले भारत विश्व की सबसे समृद्ध अर्थव्यवस्थाओं में से एक था, जिसकी कुल संपत्ति 400 से 500 ट्रिलियन डॉलर के बीच आंकी जाती थी। उन्होंने कहा कि इस संपन्नता को पहले मुगलों और फिर अंग्रेजों ने लूटा, लेकिन भारत आज भी अडिग और स्वाभिमानी होकर खड़ा है।


उन्होंने देशवासियों से आह्वान किया कि अब समय आ गया है कि हम ‘स्वदेशी’ को अपने जीवन का मूलमंत्र बनाएं। पतंजलि योगपीठ के साधु-संतों, कार्यकर्ताओं और देशवासियों को संबोधित करते हुए उन्होंने आर्थिक, शैक्षिक, और बौद्धिक स्वतंत्रता प्राप्त करने के लिए स्वदेशी उत्पादों को अपनाने का संकल्प दिलाया।


स्वामी रामदेव ने अमेरिका की भूमिका पर कटाक्ष करते हुए कहा, “भारत अब अमेरिका के आगे सिर झुकाने वाला नहीं है। अब भारत नेतृत्व की भूमिका में है और एक नया वर्ल्ड ऑर्डर (वैश्विक व्यवस्था) बनाने की दिशा में अग्रसर है। यदि रूस, चीन, भारत, मध्य एशिया और कुछ यूरोपीय राष्ट्र एकजुट हो जाएं, तो अमेरिका को उसकी औकात दिखा दी जाएगी। फिर न ट्रंप का रौब रहेगा और न अमेरिका का साम्राज्यवाद।”


पाकिस्तान की परमाणु धमकियों पर टिप्पणी करते हुए उन्होंने तीखा व्यंग्य किया। कहा, “पाकिस्तान के पास जो परमाणु हथियार हैं, वे वास्तव में उसके नहीं है- वे किसी और देश के नियंत्रण में हैं। पाकिस्तान का डराने वाला रवैया अब असरहीन हो चुका है। भारत ने ऑपरेशन सिंदूर के माध्यम से उसे उसके ही घर में घुटनों पर ला दिया है।”


स्वामी रामदेव का यह बयान भारत के वैश्विक दृष्टिकोण, स्वाभिमान और स्वदेशी आंदोलन को नई ऊर्जा देने वाला है। उनका यह वक्तव्य न केवल राजनीतिक चेतना को जगाता है, बल्कि भारत की ऐतिहासिक विरासत, वर्तमान शक्ति और भविष्य की संभावना को भी मुखर रूप से प्रस्तुत करता है।

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