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जितेंद्र आत्महत्या मामला: परिजनों ने किया चक्काजाम, कड़ी कार्रवाई की मांग

  • लेखक की तस्वीर: ANH News
    ANH News
  • 22 अग॰
  • 3 मिनट पठन

अपडेट करने की तारीख: 23 अग॰

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उत्तराखंड के पौड़ी जिले के तलसारी गांव से एक दुखद खबर सामने आई है। 32 वर्षीय जितेंद्र कुमार ने बीते गुरुवार को गोली मारकर आत्महत्या कर ली। यह घटना पूरे क्षेत्र में सनसनी फैलाने वाली है, और इसकी प्रतिक्रिया में शुक्रवार को उनके शव का अंतिम संस्कार तलसारी से बिलकेदार के पारिवारिक घाट पर किया गया। इस दौरान परिजनों और स्थानीय नागरिकों ने सड़क पर आकर बड़े पैमाने पर चक्का जाम कर दिया, जिससे बर्डीनाथ राजमार्ग पूरी तरह से जाम हो गया। प्रदर्शनकारियों ने मुख्य आरोपी बीजेपी युवा मोर्चा के प्रदेश मंत्री हिमांशु चमोली को कठोर सजा दिलाने की मांग उठाई, जिसमें उन्होंने फांसी की सजा की भी बात कही।


वायरल वीडियो और जांच का शुरूआत-

मृतक जितेंद्र ने आत्महत्या से पहले अपने सोशल मीडिया अकाउंट पर एक वीडियो पोस्ट किया, जिसने पूरे मामले को नई दिशा दी। इस वीडियो के आधार पर पुलिस ने गंभीरता से जांच शुरू की और मुख्य आरोपी हिमांशु चमोली सहित कुल पांच आरोपियों को गिरफ्तार कर लिया। परिजनों का आरोप है कि जब तक मुख्य आरोपी को सजा नहीं मिल जाती या उसे उनके हवाले नहीं किया जाता, तब तक वे शव का अंतिम संस्कार नहीं करेंगे। उनका कहना है कि यह हत्या का मामला है और न्याय की अविलंब प्राप्ति जरूरी है।


परिजनों का आरोप और पारिवारिक पृष्ठभूमि-

जितेंद्र की बहन पूनम ने बताया कि हिमांशु चमोली उनके भाई को अक्सर परेशान करता था, जिससे उसकी मनोस्थिति काफी प्रभावित हुई। उनका आरोप है कि हिमांशु और उसके साथियों ने अपने स्वार्थ के लिए उनके भाई को मानसिक रूप से प्रताड़ित किया। पूनम ने यह भी बताया कि उनके भाई ने गिरगांव में डंपिंग स्थल को लेकर हुई झड़प में हिस्सा लिया था, जिसके बाद कुछ लोगों ने उनके ऊपर झूठा मुकदमा दर्ज करवाया। इस झूठे मुकदमे ने जितेंद्र की जिंदगी को और भी तनावपूर्ण बना दिया। आखिरी बार गुरुवार को जितेंद्र ने पेट्रोल भराने के लिए पैसे भेजने को लेकर अपनी अंतिम कॉल की थी, जिसके बाद वह अपने दो दोस्तों के साथ गांव की ओर निकला और आत्महत्या कर ली।


स्थानीय लोगों का गुस्सा और प्रदर्शन-

जितेंद्र की मौत के बाद स्थानीय लोग गहरी नाराजगी और आक्रोश में आ गए। उन्होंने बर्दीनाथ राजमार्ग पर चक्का जाम कर दिया और सरकार के खिलाफ नारेबाजी शुरू कर दी। उनका कहना था कि भाजपा शासन में अपराध की घटनाएं लगातार बढ़ रही हैं और जघन्य अपराधों में वृद्धि हो रही है। प्रदर्शनकारियों ने अंकिता हत्याकांड और जितेंद्र की आत्महत्या मामले में भाजपा नेताओं की संलिप्तता का आरोप लगाया। उन्होंने न्याय की मांग करते हुए हिमांशु चमोली को तुरंत गिरफ्तार कर कड़ी से कड़ी सजा देने की मांग की।


प्रशासनिक प्रयास और स्थिति का नियंत्रण-

घटना स्थल पर उपजिलाधिकारी नुपूर वर्मा पहुंचीं और परिजनों को समझाने का प्रयास किया। बावजूद इसके प्रदर्शनकारी अपनी मांग पर अड़े रहे और हिमांशु चमोली को तुरंत सौंपने या फांसी की सजा सुनिश्चित करने की जिद पर डटे रहे। पुलिस उपाधीक्षक अनुज कुमार, कोतवाली प्रभारी निरीक्षक जयपाल सिंह नेगी और कीर्तिनगर पुलिस बल मौके पर मौजूद रहे। पुलिस और प्रशासनिक अधिकारी यातायात व्यवस्था सुचारू बनाने और भीड़ को नियंत्रण में रखने का हर संभव प्रयास कर रहे थे, लेकिन प्रदर्शनकारियों का आक्रोश अभी भी बना हुआ है।


यह मामला उत्तराखंड के पौड़ी जिले में सामाजिक और राजनीतिक विवाद का केंद्र बन चुका है। परिजनों और स्थानीय लोगों का गुस्सा फूट पड़ा है, और न्याय की मांग जोर-शोर से उठ रही है। पुलिस और प्रशासन की टीम मामले की गंभीरता से जांच कर रही है, और दोषियों को सजा दिलाने का संकल्प व्यक्त किया गया है। इस घटना ने पूरे क्षेत्र में एक नई चेतना और जागरूकता का संकेत दिया है, और जनता के मन में न्याय और निष्पक्षता की उम्मीदें जगी हैं।

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