अब सिर्फ 3 मिनट में होंगे कैंची धाम के दर्शन, धामी सरकार ला रही हवाई यात्रा की खास योजना
- ANH News
- 3 अक्टू॰
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उत्तराखंड के विश्वविख्यात आध्यात्मिक स्थल कैंची धाम के दर्शन अब और भी सुगम और तीव्र गति से संभव हो सकेंगे। राज्य सरकार, विशेष रूप से मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी के नेतृत्व में, प्रदेश में हवाई कनेक्टिविटी को सशक्त बनाने की दिशा में तेज़ी से कार्य कर रही है। इसी क्रम में अब हल्द्वानी से कैंची धाम तक की हवाई यात्रा को केवल तीन मिनट में पूरा करने की योजना पर तेजी से काम किया जा रहा है।
यह अनूठा प्रयास न केवल पर्यटन और आध्यात्मिकता को नया आयाम देगा, बल्कि श्रद्धालुओं, वरिष्ठ नागरिकों और सीमित समय में यात्रा करने वाले श्रद्धालुओं के लिए भी बड़ी राहत बनकर सामने आएगा। इस सेवा के जरिए श्रद्धालु भवाली स्थित कैंची धाम तक हवाई मार्ग से केवल कुछ ही मिनटों में पहुंच सकेंगे।
हेरिटेज एविएशन प्राइवेट लिमिटेड नामक कंपनी, जो कि पहले से ही उत्तराखंड के पहाड़ी क्षेत्रों में हेली सेवा उपलब्ध करा रही है, अब हल्द्वानी से कैंची धाम तक हवाई शटल सेवा शुरू करने की योजना पर काम कर रही है। कंपनी के बेस मैनेजर रवींद्र सिंह के अनुसार, कैंची धाम के लिए यात्रियों की मांग अत्यधिक है और इसी को ध्यान में रखते हुए जिला प्रशासन से हेलीपैड निर्माण के लिए भूमि की माँग की गई है। अनुमति मिलते ही सेवा का संचालन शुरू कर दिया जाएगा।
इस प्रस्तावित हवाई सेवा का किराया लगभग ₹1000 निर्धारित किया गया है, हालांकि अंतिम निर्णय प्रदेश सरकार और कंपनी के बीच आपसी सहमति से लिया जाएगा। यदि यह योजना मूर्त रूप लेती है, तो यह उत्तराखंड के पर्यटन, धार्मिक यात्रा और हवाई कनेक्टिविटी के क्षेत्र में मील का पत्थर साबित होगी।
वर्तमान में हल्द्वानी से पिथौरागढ़, मुनस्यारी, चंपावत, बागेश्वर और अल्मोड़ा जैसे दुर्गम पहाड़ी क्षेत्रों के लिए पहले से ही हवाई सेवाएं चालू हैं, जिनका लाभ रोज़ाना लगभग 150 यात्री उठा रहे हैं। गौरतलब है कि 24 जनवरी 2024 को शुरू हुई हल्द्वानी-पिथौरागढ़ सेवा के बाद से ही राज्य में हेली सेवाओं के प्रति लोगों का रुझान लगातार बढ़ रहा है।
अब तक के अनुभवों से यह सामने आया है कि कुमाऊं मंडल के 14 हवाई सर्किट में चल रही हेली सेवाओं में 80 से 90 प्रतिशत सीटें प्रतिदिन भरी जा रही हैं, जो इस योजना की सफलता और लोकप्रियता को दर्शाता है। इसके अतिरिक्त, सरकार पिथौरागढ़ और धारचूला के बीच भी एक नया हवाई सर्किट विकसित करने की योजना बना रही है, ताकि सीमांत क्षेत्रों तक भी त्वरित और सुरक्षित पहुंच सुनिश्चित की जा सके।
चारधाम यात्रा की तर्ज पर कुमाऊं क्षेत्र में भी हवाई यात्रा को बढ़ावा देने की यह पहल उत्तराखंड सरकार की उस दूरदर्शी सोच का प्रमाण है, जो राज्य को धार्मिक पर्यटन के साथ-साथ आधुनिक बुनियादी ढांचे की दिशा में भी अग्रसर कर रही है। कैंची धाम तक हवाई मार्ग से त्वरित पहुंच निश्चित ही श्रद्धालुओं के लिए एक नई और अविस्मरणीय सुविधा के रूप में सामने आएगी।





