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कामिका एकादशी 2025: इन वस्तुओं के दान से मिलेगा अक्षय फल और जीवन में आएगी समृद्धि

  • लेखक की तस्वीर: ANH News
    ANH News
  • 14 जुल॰
  • 2 मिनट पठन
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सावन महीने की पहली एकादशी, जिसे कामिका एकादशी के नाम से जाना जाता है, हिंदू धर्म में अत्यंत पवित्र और महत्व पूर्ण मानी जाती है। यह दिन भगवान विष्णु को समर्पित होता है और इस दिन भक्त व्रत रखते हुए उनकी विशेष पूजा-अर्चना करते हैं। कामिका एकादशी का व्रत कठिन होता है, लेकिन इसके फलस्वरूप अत्यधिक पुण्य की प्राप्ति होती है।


कामिका एकादशी का विशेष महत्व

कामिका एकादशी को भगवान विष्णु की कृपा प्राप्त करने का श्रेष्ठ अवसर माना जाता है। इस दिन किए गए व्रत, पूजा और दान का फल अनेक गुना बढ़ जाता है। यही वजह है कि इस दिन भक्त न केवल व्रत रखते हैं, बल्कि दान पुण्य और परोपकार को भी अपनी आध्यात्मिक साधना का हिस्सा बनाते हैं।


कामिका एकादशी पर करें ये विशेष दान — व्रत का फल बढ़ाने वाले पावन कर्म

पीले वस्त्रों का दान

भगवान विष्णु को पीला रंग अत्यंत प्रिय है। इस दिन पीले वस्त्रों का दान करने से भगवान की विशेष कृपा प्राप्त होती है। कहा जाता है कि पीले वस्त्र दान करने से घर में सुख-शांति, समृद्धि और सौभाग्य बनी रहती है।


फल और मिठाई दान करें

मौसमी फल और पीली मिठाइयां दान करना भी बहुत शुभ माना गया है। यह दान दरिद्रता को दूर करता है और परिवार में अन्न-धान्य की वृद्धि करता है। फलाहार दान से जीवन में सकारात्मक ऊर्जा आती है।


अन्न का दान (चावल, दाल, गेहूं आदि)

कामिका एकादशी पर अनाज का दान अत्यंत पुण्यकारी होता है। विशेष रूप से चावल का दान अक्षय फलदायी माना जाता है। अन्नदान से घर में अन्न की कमी नहीं होती और भगवान विष्णु की कृपा सदैव बनी रहती है।


तिल का दान

तिल का दान पितरों की शांति और मोक्ष के लिए विशेष महत्व रखता है। काले या सफेद तिल का दान करने से पितृदोष निवारण होता है तथा सभी पापों का नाश होता है। यह दान अत्यंत पुण्यकारी और शुभ माना जाता है।


घी और दही का दान

शुद्ध घी और दही का दान भी कामिका एकादशी पर अत्यंत शुभ होता है। इससे स्वास्थ्य में सुधार होता है और समृद्धि का आगमन होता है।


धन का दान और दक्षिणा

दान के साथ-साथ दक्षिणा देना भी अत्यंत महत्वपूर्ण है। कोई भी दान करें, उसे क्षमता और मन से दक्षिणा के साथ दें। इससे दान की पूर्णता होती है और उसका फल अधिक मिलता है।


दान के नियम — मन और समय का रखें विशेष ध्यान

दान हमेशा सच्चे मन, श्रद्धा और भक्ति के साथ करें।


दान को किसी ब्राह्मण या जरूरतमंद व्यक्ति को ही दें।


दान सूर्यास्त के बाद न करें।


दान दिन में ही करने का प्रयास करें, ताकि उसका पुण्य सिद्ध हो।


कामिका एकादशी के दिन व्रत और पूजा के साथ किया गया दान न केवल आपके जीवन में खुशहाली लाता है, बल्कि यह आपके पूर्वजों की आत्मा की शांति का भी कारण बनता है। इस दिन किए गए हर पुण्य कर्म का फल कई जन्मों तक प्राप्त होता है। अतः इस पावन अवसर का सदुपयोग करें और सच्चे मन से दान-पुण्य का कार्य करें।

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