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कांवड़ यात्रा के लिए पुलिस ने जारी किया 24×7 हेल्पलाइन नंबर, हर शिकायत पर होगी सख्त कार्रवाई

  • लेखक की तस्वीर: ANH News
    ANH News
  • 11 जुल॰
  • 2 मिनट पठन
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हरिद्वार: कांवड़ यात्रा के दौरान श्रद्धालुओं की सुविधा और सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए पुलिस प्रशासन ने एक विशेष हेल्पलाइन नंबर जारी किया है। इस नंबर 91-9520625934 पर कांवड़ यात्रा से जुड़ी किसी भी प्रकार की शिकायत, सुझाव या सहायता संबंधी जानकारी साझा की जा सकती है।


एसएसपी प्रमेंद्र सिंह डोबाल ने बताया कि यह हेल्पलाइन 24 घंटे सक्रिय रहेगी और इसमें प्राप्त होने वाली सभी शिकायतों पर गंभीरता से कार्रवाई की जाएगी। श्रद्धालुओं की सेवा और यात्रा के सुचारू संचालन के लिए पुलिस हर स्तर पर सजग और प्रतिबद्ध है।


उच्चस्तरीय बैठक में हुए महत्वपूर्ण निर्णय

कांवड़ यात्रा को लेकर एडीजी अपराध एवं कानून व्यवस्था वी. मुरुगेशन की अध्यक्षता में एक महत्वपूर्ण बैठक का आयोजन किया गया। इस बैठक में एडीजी अभिसूचना ए.पी. अंशुमान, आईजी यातायात एन.एस. नपच्याल, आईजी गढ़वाल राजीव स्वरूप, हरिद्वार के डीएम मयूर दीक्षित और एसएसपी प्रमेंद्र सिंह डोबाल सहित कई वरिष्ठ अधिकारियों ने भाग लिया।


वी. मुरुगेशन ने अधिकारियों को निर्देश देते हुए कहा कि कांवड़ यात्रा एक बड़ी प्रशासनिक और सुरक्षा चुनौती है, जिसे सामूहिक समन्वय और सजगता के साथ सफलतापूर्वक संपन्न कराना होगा। उन्होंने कहा, “कोई भी घटना छोटी नहीं होती, सतर्कता ही सबसे बड़ी सुरक्षा है।”


चार हज़ार जवानों की तैनाती, चप्पे-चप्पे पर निगरानी

कांवड़ मेले की सुरक्षा के लिए करीब 4,000 पुलिस और अर्द्धसैनिक बलों की तैनाती की गई है।


एडीजी ए.पी. अंशुमान ने कहा कि असामाजिक तत्वों की गतिविधियों पर गहन निगरानी रखी जाए और सोशल मीडिया पर फैलने वाली अफवाहों और धार्मिक भावनाएं भड़काने वाले कंटेंट पर विशेष रूप से नजर रखी जाए।


आईजी एन.एस. नपच्याल ने कहा कि भीड़ नियंत्रण और यातायात व्यवस्था का सुचारू प्रबंधन प्रत्येक मेले की सफलता का आधार होता है। यातायात की 24 घंटे निगरानी सुनिश्चित की जानी चाहिए।


आईजी राजीव स्वरूप ने भी यातायात योजना को व्यवस्थित तरीके से लागू करने पर बल दिया और निर्देश दिए कि सड़क किनारे किसी भी वाहन की पार्किंग न की जाए।


उत्तराखंड पुलिस प्रशासन कांवड़ यात्रा को सुरक्षित, व्यवस्थित और श्रद्धालुओं के अनुकूल बनाने के लिए हर स्तर पर सक्रिय है। हेल्पलाइन नंबर, भारी पुलिस बल की तैनाती और वरिष्ठ अधिकारियों की सतत निगरानी यह सुनिश्चित करती है कि श्रद्धालुओं की आस्था, सुरक्षा और सुविधा को सर्वोच्च प्राथमिकता दी जा रही है।

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