समर्पण, प्रेम, एवं संयम के साथ करवा चौथ मनाया, बना परिवार की खुशहाली का प्रतीक
- ANH News
- 11 अक्टू॰
- 2 मिनट पठन

करवा चौथ का पर्व भारतीय संस्कृति में समर्पण, प्रेम और परिवार की खुशहाली का सजीव प्रतीक माना जाता है। इस विशेष दिन विवाहित महिलाएं अपने पति की लंबी आयु और परिवार की समृद्धि के लिए व्रत रखती हैं, जो न केवल एक धार्मिक अनुष्ठान है बल्कि भावनाओं और रिश्तों की गहराई को भी दर्शाता है। पूरे दिन संयम और भक्ति के साथ बिताया जाने वाला यह व्रत महिलाओं के मन को शांति और आत्मा को सुकून प्रदान करता है, जिससे उनमें आत्मबल और धैर्य की वृद्धि होती है।
डोईवाला की पूर्व ब्लाक प्रमुख नगीना रानी ने इस पर्व के अनुभव को अत्यंत विशेष बताते हुए कहा कि करवा चौथ हमें हमारे परिवार और रिश्तों के महत्व की याद दिलाता है। उन्होंने बताया कि पूरे दिन संयम और श्रद्धा के साथ बिताना अत्यंत संतोषजनक होता है, जो जीवन में एक नई ऊर्जा और सकारात्मकता लेकर आता है। स्थानीय निवासी रश्मि महावर ने इस पर्व को हमारी सांस्कृतिक विरासत और पारंपरिक संस्कारों को जीवित रखने वाला उत्सव बताया। उन्होंने कहा कि व्रत के दौरान भक्ति और ध्यान की भावना मन को गहरी शांति देती है और यह अवसर महिलाओं को अपनी आंतरिक शक्ति को जागृत करने का अवसर भी प्रदान करता है।
अनीता गुप्ता ने करवा चौथ को केवल एक व्रत नहीं बल्कि परिवार और रिश्तों में प्रेम, विश्वास और समर्पण की अभिव्यक्ति बताया। उन्होंने कहा कि इस दिन की पूजा और व्रत का अनुभव अत्यंत आनंददायक और मन को सुकून देने वाला होता है, जो हमें हमारी सांस्कृतिक परंपराओं पर गर्व महसूस कराता है। नगरपालिका की पूर्व सभासद विमला वर्मा ने इस पर्व के महत्व को रेखांकित करते हुए कहा कि करवा चौथ हमारे पारंपरिक जड़ों से जोड़ने वाला त्योहार है, जो हमारे रिश्तों में प्रेम और भक्ति की भावना को और प्रबल करता है। यह पर्व पूरे वर्ष हमारे पारिवारिक संबंधों को मजबूत बनाए रखने में सहायक होता है।
दिव्या लोधी, जिन्होंने चार दिन पहले ही शादी की है, ने अपने पहले करवा चौथ के अनुभव को भावुक और उत्साह से भरा बताया। उन्होंने कहा कि यह अवसर उनके लिए न केवल एक धार्मिक अनुभव है, बल्कि यह उनकी नई जिम्मेदारियों और नए परिवार में प्रेम और अपनापन की शुरुआत का प्रतीक भी है। करवा चौथ का यह पर्व भारतीय महिलाओं के समर्पण, आस्था और प्रेम की अनमोल छवि प्रस्तुत करता है, जो हर वर्ष नई उमंग और श्रद्धा के साथ मनाया जाता है।





