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आपदा में राहत कार्यों को मिलेगी रफ्तार, कुमाऊं के अफसरों को मिलेंगी 'थार'

  • लेखक की तस्वीर: ANH News
    ANH News
  • 17 सित॰
  • 2 मिनट पठन

अपडेट करने की तारीख: 18 सित॰

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कुमाऊं मंडल में आपदा के समय अक्सर ऐसी परिस्थितियाँ उत्पन्न हो जाती हैं, जहाँ अधिकारियों को मौके पर पहुँचने में गंभीर कठिनाइयों का सामना करना पड़ता है। भारी बारिश, भूस्खलन और टूटी हुई सड़कों की वजह से संवेदनशील क्षेत्रों तक पहुंचना जोखिम भरा हो जाता है। विशेषकर जब सड़कों पर मलबा जमा हो या मार्ग पूरी तरह से अवरुद्ध हों, तब सामान्य हल्के वाहनों से यात्रा करना अधिकारियों की सुरक्षा के लिहाज से अत्यंत खतरनाक हो जाता है।


इन्हीं चुनौतियों और ज़मीनी हकीकत को ध्यान में रखते हुए कुमाऊं मंडल के आयुक्त दीपक रावत ने एक महत्वपूर्ण पहल की है। उन्होंने बताया कि मंडल की सभी 22 तहसीलों के अधिकारियों को फोर बाई फोर (4x4) वाहन, विशेष रूप से 'थार' जैसी क्षमतावान गाड़ियाँ, उपलब्ध कराई जाएंगी। इन वाहनों को आपदा प्रबंधन मद से खरीदा जाएगा, जिससे आपदा की स्थिति में अधिकारियों की त्वरित और सुरक्षित पहुंच सुनिश्चित की जा सके।


आयुक्त दीपक रावत के अनुसार, इस योजना के तहत उत्तराखंड राजस्व परिषद को प्रस्ताव भेज दिया गया है। शासन से बजट स्वीकृत होते ही वाहन खरीद की प्रक्रिया शुरू की जाएगी और 22 संवेदनशील तहसीलों में पदस्थ अधिकारियों को यह विशेष वाहन सौंप दिए जाएंगे।


इस पहल का उद्देश्य केवल अधिकारियों की सुरक्षा सुनिश्चित करना ही नहीं, बल्कि आपदा के समय राहत और बचाव कार्यों को अधिक प्रभावी और समयबद्ध बनाना भी है। थार जैसे 4x4 वाहनों की मदद से दुर्गम, पहाड़ी और मलबे से भरे रास्तों पर भी अधिकारियों की आवाजाही सुचारु रूप से संभव होगी। इससे न केवल मौके पर तत्काल निरीक्षण किया जा सकेगा, बल्कि निर्णय लेने में भी तेजी आएगी, जिससे आमजन को राहत पहुंचाने में देरी नहीं होगी।


कुल मिलाकर, यह कदम कुमाऊं मंडल में आपदा प्रबंधन को अधिक मजबूत और कार्यक्षम बनाने की दिशा में एक सार्थक प्रयास है, जो भविष्य में बड़ी राहत प्रदान कर सकता है।

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