महाकुंभ 2025: घर पर त्रिवेणी संगम के जल से स्नान करने से मिलेगा पुण्य, जानें महत्व
- ANH News
- 30 जन॰
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महाकुंभ 2025 का आयोजन प्रयागराज में होने वाला है, जहां करोड़ों श्रद्धालु संगम में स्नान कर पुण्य अर्जित करेंगे। धार्मिक मान्यताओं के अनुसार, कुंभ के दौरान त्रिवेणी संगम में स्नान करने से जन्मों के पाप नष्ट हो जाते हैं और मोक्ष की प्राप्ति होती है। लेकिन क्या आप जानते हैं कि यदि आप कुंभ में नहीं जा सकते, तो घर पर ही त्रिवेणी संगम का जल लाकर स्नान करने से भी पुण्य की प्राप्ति हो सकती है? आइए जानते हैं इसका महत्व और विधि।
त्रिवेणी संगम का धार्मिक महत्व
प्रयागराज का त्रिवेणी संगम तीन पवित्र नदियों – गंगा, यमुना और अदृश्य सरस्वती का मिलन स्थल है। इसे मोक्षदायिनी भूमि माना गया है, जहां स्नान करने से व्यक्ति के पापों का क्षय होता है और आत्मा को शुद्धि प्राप्त होती है। महा कुंभ के दौरान संगम स्नान का महत्व और भी बढ़ जाता है।
क्या घर पर स्नान करने से भी मिलेगा पुण्य?
धार्मिक ग्रंथों में उल्लेख है कि यदि कोई श्रद्धालु किसी कारणवश कुंभ में संगम स्नान नहीं कर पाता, तो वह त्रिवेणी संगम से लाया गया जल अपने घर पर स्नान के जल में मिलाकर उपयोग कर सकता है। इससे भी कुंभ स्नान का पुण्य फल प्राप्त होता है और नकारात्मक ऊर्जा दूर होती है।
घर पर त्रिवेणी संगम के जल से स्नान करने की विधि
1. प्रयागराज से त्रिवेणी संगम का जल लाकर उसे घर के पूजा स्थान में रख दें।
2. प्रतिदिन स्नान के समय इस जल की कुछ बूंदें अपने स्नान के पानी में मिला लें।
3. स्नान से पहले भगवान विष्णु और गंगा माता का स्मरण करें।
4. स्नान के बाद 'ॐ गंगे च यमुने चैव गोदावरि सरस्वति। नर्मदे सिंधु कावेरी जलेऽस्मिन सन्निधिं कुरु।।' मंत्र का जाप करें।
त्रिवेणी संगम के जल का अन्य उपयोग
इसे घर में छिड़कने से नकारात्मक ऊर्जा समाप्त होती है।
पीने से आध्यात्मिक और मानसिक शुद्धि होती है।
इसे घर के मंदिर में रखने से सकारात्मक ऊर्जा बनी रहती है।
अगर आप महा कुंभ 2025 में प्रयागराज नहीं जा सकते, तो त्रिवेणी संगम से लाया गया जल आपके लिए कुंभ स्नान का पुण्य अर्जित करने का एक सरल उपाय हो सकता है। इसे स्नान, पूजा और शुद्धि के लिए उपयोग कर आध्यात्मिक लाभ प्राप्त किया जा सकता है।