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प्रयागराज में मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी का संतों ने किया अभिनंदन, यूसीसी को बताया ऐतिहासिक कदम

  • लेखक की तस्वीर: ANH News
    ANH News
  • 10 फ़र॰
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प्रयागराज: उत्तराखंड के मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने रविवार को प्रयागराज में आचार्य शिविर के तहत आयोजित 'समानता और समरसता' कार्यक्रम में हिस्सा लिया। इस दौरान उत्तराखंड में सर्वप्रथम समान नागरिक संहिता (UCC) लागू करने के लिए संत समाज ने उनका भव्य स्वागत किया और पुष्पमालाओं से सम्मानित किया। इस अवसर पर कई प्रसिद्ध संतों और महामंडलेश्वरों ने मुख्यमंत्री धामी के फैसले की सराहना की।



यूसीसी को लेकर संत समाज ने मुख्यमंत्री की सराहना


कार्यक्रम में मौजूद संतों ने उत्तराखंड सरकार द्वारा समान नागरिक संहिता लागू करने को एक ऐतिहासिक निर्णय बताया। आचार्य महामंडलेश्वर स्वामी कैलाशानंद गिरि महाराज ने मुख्यमंत्री धामी की प्रशंसा करते हुए कहा, "उत्तराखंड ने पूरे देश को नई दिशा दिखाई है। छोटा राज्य होते हुए भी उसने सबसे पहले यूसीसी लागू करके भारत को मजबूत किया है। अब अन्य राज्य भी इस दिशा में आगे बढ़ेंगे।"


उन्होंने यह भी कहा कि यूसीसी की कमेटी ने निर्णय लेने से पहले साधु-संतों से भी संवाद किया था, जिससे यह स्पष्ट होता है कि यह कदम पूरी तरह से समाज के हित में उठाया गया है।


मुख्यमंत्री धामी ने संतों का आभार व्यक्त किया


मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने संत समाज द्वारा किए गए सम्मान पर उत्तराखंड की जनता की ओर से आभार व्यक्त किया। उन्होंने कहा, "त्रिवेणी की पवित्र भूमि पर, महाकुंभ के अवसर पर, पूज्य संतों का आशीर्वाद मिलना मेरे लिए सौभाग्य की बात है।"


उन्होंने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की 'विकसित भारत' की परिकल्पना को साकार करने में संत समाज के योगदान को महत्वपूर्ण बताया और कहा कि यूसीसी केवल कानून नहीं, बल्कि समानता और समरसता की ओर एक बड़ा कदम है।


मुख्यमंत्री धामी ने याद दिलाया कि 2022 के विधानसभा चुनाव से पहले उनकी सरकार ने उत्तराखंड में यूसीसी लागू करने का संकल्प लिया था। जनता ने इस संकल्प पर भरोसा जताया और सरकार बनने के बाद सबसे पहले मंत्रिमंडल की बैठक में यूसीसी के लिए एक कमेटी का गठन किया गया। इसके बाद उत्तराखंड देश का पहला राज्य बना जिसने आजादी के बाद यह महत्वपूर्ण कानून लागू किया।


यूसीसी बेटियों की सुरक्षा और समानता का प्रतीक


मुख्यमंत्री ने यूसीसी को महिलाओं और बेटियों के अधिकारों की रक्षा का माध्यम बताया। उन्होंने दिल्ली में हुई श्रद्धा वाकर हत्याकांड का जिक्र करते हुए कहा, "यूसीसी लागू होने के बाद ऐसी घटनाओं पर पूरी तरह से रोक लगेगी। अब हमारी बेटियों के साथ कोई अन्याय नहीं कर पाएगा।"


उन्होंने विश्वास जताया कि भविष्य में पूरे देश में समान नागरिक संहिता लागू की जाएगी, जिससे भारत की एकता और अखंडता को और मजबूती मिलेगी।


महाकुंभ और सनातन संस्कृति का महत्व


मुख्यमंत्री धामी ने महाकुंभ को सनातन संस्कृति की महान परंपरा का प्रतीक बताया और कहा कि यह केवल एक धार्मिक आयोजन नहीं, बल्कि भारत की संस्कृति और विरासत की विशालता का परिचायक है।


उन्होंने कहा, "हमारी सनातन संस्कृति हमेशा समानता और समरसता का संदेश देती रही है। उसी प्रेरणा से उत्तराखंड सरकार ने यूसीसी लागू करने का साहसिक निर्णय लिया। देवभूमि उत्तराखंड से समान नागरिक संहिता की यह गंगा अब पूरे देश में बहेगी।"


संत समाज ने यूसीसी को भारत की एकता के लिए महत्वपूर्ण बताया


महामंडलेश्वर स्वामी बालकानंद गिरी जी महाराज, श्रीमहंत रविंद्रपुरी जी महाराज, महंत श्रीहरि गिरी जी महाराज, महामंडलेश्वर नारायण गिरी जी महाराज, महामंडलेश्वर साध्वी निरंजन ज्योति और महामंडलेश्वर स्वामी आशुतोषानंद गिरी महाराज सहित कई संतों ने अपने विचार व्यक्त किए।

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