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मई 2025: बुद्ध पूर्णिमा से लेकर शनि जयंती तक, जानिए धार्मिक दृष्टि से क्यों खास रहेगा यह महीना?

  • लेखक की तस्वीर: ANH News
    ANH News
  • 2 मई
  • 3 मिनट पठन

मई 2025 का महीना धार्मिक दृष्टि से बेहद महत्वपूर्ण और खगोलीय दृष्टिकोण से भी विशेष होने वाला है। इस महीने कई महत्वपूर्ण व्रत, त्योहार और ग्रहों का गोचर होने जा रहा है, जो हमारे जीवन के विभिन्न पहलुओं को प्रभावित कर सकते हैं। आइए, जानते हैं मई 2025 के धार्मिक महत्त्व, व्रत-त्योहार और ग्रहों के गोचर के बारे में:


मई 2025 का महीना – धार्मिक और खगोलीय दृष्टि से खास

मई 2025 का महीना विशेष रूप से धार्मिक दृष्टिकोण से अहम रहेगा। इस महीने वट सावित्री व्रत, बुद्ध पूर्णिमा, शनि जयंती, और नृसिंह जयंती जैसे महत्वपूर्ण व्रत और त्योहार मनाए जाएंगे। साथ ही, मई के महीने में 6 ग्रहों का अपनी राशियों में परिवर्तन होने जा रहा है, जिसमें से बुध ग्रह दो बार राशि परिवर्तन करेगा, जो एक बहुत बड़ी खगोलीय घटना मानी जाती है।


ग्रहों का गोचर – मई 2025

मई के महीने में बुध, सूर्य, शुक्र, गुरु, राहु और केतु अपनी राशियों में परिवर्तन करने जा रहे हैं। खास बात यह है कि बुध दो बार राशि परिवर्तन करेगा, और इसका प्रभाव करियर, पारिवारिक जीवन, स्वास्थ्य और वित्तीय मामलों पर देखा जा सकता है। जब ग्रह अपनी राशियों में प्रवेश करते हैं, तो उनका प्रभाव हमारे जीवन के विभिन्न पहलुओं में बदलाव ला सकता है।


मई 2025 में मनाए जाने वाले प्रमुख व्रत और त्योहार


1. 3 मई – गंगा सप्तमी

गंगा सप्तमी, जिसे मां गंगा के पुनर्जन्म का दिन माना जाता है, 3 मई को मनाई जाएगी। यह व्रत वैशाख शुक्ल सप्तमी तिथि को मनाया जाता है। इस दिन विशेष रूप से मां गंगा की पूजा की जाती है, और तीर्थ यात्रा पर जाने का भी महत्व होता है।


2. 5 मई – सीता नवमी

सीता नवमी, जिसे सीता जयंती भी कहा जाता है, 5 मई को मनाई जाएगी। इस दिन माता सीता का प्राकट्य हुआ था। विवाहित महिलाएं इस दिन अपने पति की लंबी उम्र के लिए व्रत रखती हैं और विशेष रूप से सीता माता की पूजा करती हैं।


3. 8 मई – मोहिनी एकादशी

मोहिनी एकादशी व्रत 8 मई को रखा जाएगा। यह व्रत विशेष रूप से भगवान विष्णु के मोहिनी रूप से जुड़ा हुआ है। इस दिन विशेष रूप से व्रत रखकर भगवान विष्णु की पूजा की जाती है।


4. 11 मई – नृसिंह जयंती

नृसिंह जयंती 11 मई को मनाई जाएगी। यह भगवान विष्णु के चौथे अवतार नृसिंह की जयंती है। इस दिन विशेष रूप से उनके व्रत और पूजा का आयोजन किया जाता है।


5. 12 मई – वैशाख पूर्णिमा / बुद्ध पूर्णिमा

वैशाख पूर्णिमा, जिसे बुद्ध पूर्णिमा के रूप में भी मनाया जाता है, 12 मई को मनाई जाएगी। यह दिन भगवान बुद्ध का जन्मदिन होता है और इस दिन उनके विचारों और शिक्षाओं का पालन करने का महत्व है। इसके साथ ही इस दिन कूर्म जयंती भी मनाई जाती है, जो भगवान विष्णु के द्वितीय अवतार से जुड़ी है।


6. 13 मई – नारद जयंती

नारद जयंती 13 मई को मनाई जाएगी। देवर्षि नारद को भगवान विष्णु का परम भक्त माना जाता है, और इस दिन उनके जीवन और कार्यों की पूजा की जाती है।


7. 16-17 मई – एकदंत संकष्टी चतुर्थी

संकष्टी चतुर्थी व्रत 16 मई को रखा जाएगा। यह व्रत विशेष रूप से गणेश भगवान की पूजा के लिए होता है, और इस दिन गणेश जी की पूजा करके भक्त उनसे सुख, समृद्धि और ज्ञान की प्राप्ति करते हैं।


8. 23 मई – अपरा एकादशी

अपरा एकादशी 23 मई को मनाई जाएगी। इस दिन विशेष रूप से भगवान विष्णु की पूजा होती है, और यह दिन आध्यात्मिक उन्नति के लिए बहुत शुभ माना जाता है।


9. 24 मई – शनि प्रदोष व्रत

शनि प्रदोष व्रत 24 मई को मनाया जाएगा। यह व्रत भगवान शिव और माता पार्वती की पूजा के लिए होता है, और शनि ग्रह की विशेष पूजा की जाती है ताकि जीवन में शांति और समृद्धि बनी रहे।


10. 26 मई – शनि जयंती और वट सावित्री अमावस्या

26 मई को शनि जयंती और वट सावित्री अमावस्या मनाई जाएगी। यह दिन शनि ग्रह की पूजा और वट वृक्ष की पूजा के लिए विशेष रूप से महत्वपूर्ण है। इस दिन विशेष रूप से पितरों की पूजा की जाती है और उनके प्रति सम्मान व्यक्त किया जाता है।


मई में ग्रहों का गोचर

मई में 6 ग्रह अपनी राशियों में परिवर्तन करेंगे, जिसमें बुध, सूर्य, शुक्र, गुरु, राहु, और केतु शामिल हैं। यह खगोलीय घटनाएं हमारे जीवन में महत्वपूर्ण बदलाव ला सकती हैं। विशेष रूप से बुध ग्रह का दो बार राशि परिवर्तन इस महीने को और भी खास बना देता है।

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