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ऋषिकेश में अवैध निर्माणों पर एमडीडीए की कार्रवाई, छह बहुमंजिला इमारतें सील

  • लेखक की तस्वीर: ANH News
    ANH News
  • 24 मई
  • 2 मिनट पठन
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ऋषिकेश शहर में अवैध निर्माणों पर कार्रवाई न करने के आरोपों के बाद मसूरी-देहरादून विकास प्राधिकरण (एमडीडीए) की टीम ने सोमवार को सख्ती दिखाते हुए छह अवैध निर्माणों को सील कर दिया। यह कार्रवाई तब की गई जब स्थानीय प्रशासन और नागरिक समाज ने एमडीडीए की कार्यप्रणाली पर सवाल उठाए थे, खासकर अवैध निर्माणों पर कार्रवाई में कथित भेदभाव को लेकर।


अवैध निर्माणों की बढ़ती संख्या और एमडीडीए की भूमिका पर सवाल

ऋषिकेश में कई स्थानों पर अवैध निर्माण किए जा रहे हैं, जहां कई बार पहले से नक्शा पास नहीं कराया जाता या फिर निर्माण नक्शे के विपरीत किया जाता है। इससे न केवल शहर की सूरत बिगड़ रही है, बल्कि पर्यावरण और सुरक्षा संबंधित समस्याएं भी उत्पन्न हो रही हैं। इन अवैध निर्माणों पर अब तक प्रभावी कार्रवाई न होने पर एमडीडीए की कार्यप्रणाली पर सवाल उठने लगे थे।


इसके अलावा, छात्र संघ भी इस मुद्दे पर लगातार विरोध प्रदर्शन कर रहा था, उनका आरोप था कि एमडीडीए अवैध निर्माणों पर कार्रवाई में भेदभाव कर रहा है, जिससे अवैध निर्माणकर्ताओं को संरक्षण मिलता है।


एसडीएम योगेश मेहरा की पहल पर सील की कार्रवाई

सोमवार को एसडीएम योगेश मेहरा ने अवैध निर्माणों से संबंधित मिल रही शिकायतों पर गंभीरता से विचार किया और एमडीडीए के सहायक अभियंता से रिपोर्ट तलब की। रिपोर्ट में यह खुलासा हुआ कि कुछ निर्माणकर्ताओं को कार्य रोकने के नोटिस दिए गए थे, लेकिन बावजूद इसके उन्होंने निर्माण कार्य जारी रखा। इसके बाद, एसडीएम ने अवैध निर्माणों पर कड़ी कार्रवाई करने का आदेश दिया, जिसके तहत छह निर्माणों को सील कर दिया गया।


सील किए गए निर्माणों की सूची

आदेश के बाद, एमडीडीए और पुलिस की संयुक्त टीम ने निम्नलिखित स्थानों पर अवैध निर्माणों को सील किया:


हर्षित पांडे और बाबी गुप्ता, पुरानी चुंगी के पास, हरिद्वार रोड


सुमित मल्होत्रा, बाबा राम मोहन, गली नंबर 11, निर्मल ब्लॉक बी, पशुलोक


कृष्णा फर्नीचर, लाइन नंबर 10, मालवीय नगर, हरिद्वार रोड


कर्मवीर सिंह, गली नंबर 11, निर्मल ब्लॉक बी, पशुलोक


विजय पालीवाल, गुमानीवाला, हरिद्वार रोड


सुनील सोनी, देहरादून रोड


आगे की कार्रवाई

एसडीएम ने आदेश दिया कि इन निर्माणों को सील करने के बाद, अगर निर्माणकर्ताओं द्वारा फिर से कार्य शुरू किया जाता है, तो सख्त कानूनी कार्रवाई की जाएगी। इसके अलावा, एमडीडीए और स्थानीय प्रशासन को निर्देश दिया गया है कि वे शहर में और भी ऐसे अवैध निर्माणों की पहचान कर जल्द से जल्द कार्रवाई करें, ताकि शहर में अवैध निर्माणों की समस्या पर पूरी तरह से काबू पाया जा सके।


इस कार्रवाई से जहां अवैध निर्माणकर्ताओं में डर का माहौल बना है, वहीं यह संदेश भी गया है कि अब प्रशासन अवैध निर्माणों के खिलाफ सख्त कदम उठाएगा।

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