उत्तराखंड में महिला और साइबर यौन अपराधों में 13% की गिरावट, पुलिस की सतर्कता का असर
- ANH News
- 8 अक्टू॰
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उत्तराखंड में महिला अपराध और साइबर यौन अपराधों में पिछले कुछ वर्षों के दौरान उल्लेखनीय गिरावट दर्ज की गई है। नेशनल क्राइम रिकॉर्ड ब्यूरो (एनसीआरबी) की ताजा रिपोर्ट में यह खुलासा हुआ है कि महिला अपराधों में करीब 13 प्रतिशत की कमी आई है, जबकि साइबर ठगी के मामले में भी राज्य पुलिस का प्रदर्शन बेहतर रहा है। चोरी के मामलों में उत्तराखंड की रिकवरी दर 52 प्रतिशत है, जो राष्ट्रीय औसत से दोगुनी होने के साथ-साथ प्रदेश पुलिस की कार्यकुशलता को दर्शाती है। साइबर ठगी में भी पुलिस ने बेहतरीन काम किया है और इस मामले में उत्तराखंड देश में छठे स्थान पर है। वर्ष 2024 में साइबर पुलिस ने पीड़ितों के कुल 47.2 करोड़ रुपये की राशि वापस दिलाने में सफलता हासिल की है।
इस रिपोर्ट के संबंध में पुलिस मुख्यालय में आयोजित पत्रकार वार्ता में आईजी कानून व्यवस्था डॉ. नीलेश आनंद भरणे ने बताया कि वर्ष 2024 में महिला अपराधों की संख्या में उल्लेखनीय कमी आई है। वर्ष 2022 में जहां महिला अपराध के 4337 मामले दर्ज हुए थे, वह संख्या वर्ष 2023 में घटकर 3808 और वर्ष 2024 में और भी कम होकर 3342 रह गई। खासतौर पर हत्या के मामलों में 1.75 प्रतिशत की गिरावट आई है और कुल 56 मामले ही दर्ज किए गए। दहेज हत्या के मामलों में भी 2023 की तुलना में 2024 में 20 प्रतिशत की कमी देखने को मिली है।
अपहरण के मामलों में भी उत्तराखंड पुलिस ने बेहतर काम किया है। वर्ष 2024 में 530 अपहरण के मामले सामने आए, जिनमें से 94 प्रतिशत मामलों का खुलासा कर दिया गया। बलात्कार के मामलों में भी 98 प्रतिशत मामलों में आरोपियों की गिरफ्तारी हुई है, जिससे स्पष्ट होता है कि पुलिस ने अपराध नियंत्रण और न्याय के मामले में मजबूती दिखाई है। यही कारण है कि साइबर यौन अपराधों में भी 2024 में 13 प्रतिशत की कमी दर्ज की गई है।
बच्चों से संबंधित अपराधों की बात करें तो वर्ष 2023 में राज्य में कुल 1025 बच्चे गुमशुदा हुए, जिनमें 729 बालिकाएं और 296 बालक शामिल थे। पुलिस ने तेजी से कार्रवाई करते हुए वर्ष के अंत तक 933 बच्चों को बरामद कर लिया था। यह आंकड़ा भी उत्तराखंड पुलिस की प्रभावी कार्यप्रणाली को दर्शाता है।
साइबर अपराधों के मामले में भी प्रदेश पुलिस का प्रदर्शन प्रशंसनीय रहा है। साइबर ठगी के मामलों में पुलिस ने 47.02 करोड़ रुपये की रिकवरी की है, जो देश में छठे नंबर पर उत्तराखंड की स्थिति को दर्शाता है। इसके अलावा साइबर अपराधों में दोषसिद्धि की दर राष्ट्रीय औसत से ढाई गुना अधिक है। राज्य में 64 प्रतिशत से अधिक मामलों में आरोपियों को अदालत ने दोषी ठहराया है, जबकि राष्ट्रीय औसत केवल 27 प्रतिशत के करीब है। यह तथ्य यह साबित करता है कि उत्तराखंड पुलिस न केवल अपराध दर्ज करने में तत्पर है, बल्कि मुकदमों की पैरवी और न्यायिक प्रक्रिया में भी उत्कृष्ट प्रदर्शन कर रही है।
इस तरह उत्तराखंड पुलिस ने अपराध नियंत्रण, न्याय व्यवस्था और पीड़ितों की सहायता के क्षेत्र में प्रदेश को देश के अन्य राज्यों की तुलना में बेहतर स्थान दिलाया है। महिला सुरक्षा से लेकर साइबर अपराध तक सभी क्षेत्रों में इस सफल प्रयास ने प्रदेशवासियों के दिलों में सुरक्षा और विश्वास की भावना को मजबूत किया है।





