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नीलकंठ मेला: 483 बिछड़े श्रद्धालु पुलिस की मदद से परिजनों से मिलाए गए

  • लेखक की तस्वीर: ANH News
    ANH News
  • 25 जुल॰
  • 1 मिनट पठन
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नीलकंठ महादेव मेला क्षेत्र में श्रावण मास की कांवड़ यात्रा के दौरान भीड़-भाड़ और अफरा-तफरी के बीच 483 श्रद्धालु अपने परिजनों से बिछड़ गए, लेकिन पुलिस प्रशासन की तत्परता और संवेदनशीलता के चलते उन्हें सुरक्षित उनके परिवार से मिलाया गया।


वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक (एसएसपी) लोकेश्वर सिंह ने बताया कि हरिद्वार, उत्तर प्रदेश, हरियाणा और दिल्ली से आए हजारों श्रद्धालुओं की भारी भीड़ के बीच कई लोग अपने परिजनों से अलग हो गए थे। इन सभी की सहायता के लिए मेला क्षेत्र में स्थापित खोया-पाया केंद्रों ने प्रमुख भूमिका निभाई।


पुलिस की सतर्कता से टली कई संभावित दुर्घटनाएं

मेला क्षेत्र में पुलिस द्वारा बनाए गए अस्थायी सूचना केंद्र, सार्वजनिक उद्घोषणा प्रणाली और स्वयंसेवकों की टीम ने सक्रिय रूप से कार्य करते हुए बिछड़े हुए लोगों को सुरक्षित उनके परिजनों से मिलाया। बच्चों, बुजुर्गों और महिलाओं को प्राथमिकता के आधार पर खोजा गया और उनकी पहचान के बाद उन्हें उनके परिवार से मिलवाया गया।


एसएसपी लोकेश्वर सिंह ने कहा:

"नीलकंठ यात्रा केवल धार्मिक आयोजन नहीं, बल्कि पुलिस-प्रशासन की मानवता, जिम्मेदारी और तत्परता का भी प्रतीक बन चुकी है। श्रद्धालुओं की सुरक्षा हमारी सर्वोच्च प्राथमिकता है।"

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