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बेटी पैदा होने पर विवाहिता को जिंदा फूंक दिया, 80% शरीर राख, आरोपियों पर FIR

  • लेखक की तस्वीर: ANH News
    ANH News
  • 14 अक्टू॰
  • 3 मिनट पठन
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उत्तराखंड के हरिद्वार जनपद से दो अत्यंत चिंताजनक और दिल दहला देने वाली घटनाएं सामने आई हैं, जिनमें से एक महिला पर कथित रूप से पेट्रोल डालकर उसे जलाए जाने का मामला है, जबकि दूसरी घटना में एक नवजात शिशु का शव रेलवे ट्रैक के किनारे पॉलिथीन में पड़ा मिला है। दोनों ही मामलों ने जिले की कानून व्यवस्था और समाज की संवेदनशीलता पर गंभीर सवाल खड़े कर दिए हैं।


पहली घटना हरिद्वार के सिडकुल थाना क्षेत्र की है, जहां एक विवाहिता संदिग्ध परिस्थितियों में आग से गंभीर रूप से झुलस गई। पीड़िता की हालत इतनी नाजुक है कि वह लगभग 80 प्रतिशत तक जल चुकी है और वर्तमान में देहरादून के एक निजी अस्पताल में जीवन-मृत्यु से संघर्ष कर रही है।


पुलिस को इस घटना की सूचना बहादराबाद क्षेत्र स्थित एक निजी अस्पताल से मिली, जहां पीड़िता को उपचार के लिए भर्ती कराया गया था। सूचना मिलते ही सिडकुल कोतवाली प्रभारी निरीक्षक नितेश शर्मा और महिला उपनिरीक्षक मनीषा नेगी मौके पर अस्पताल पहुंचे। चूंकि पीड़िता की स्थिति गंभीर थी, इसलिए उसके बयान तहसीलदार की उपस्थिति में दर्ज किए गए।


पीड़िता की पहचान भारती के रूप में हुई है, जिसकी शादी 27 अक्टूबर 2024 को ग्राम हेत्तमपुर रोशनाबाद निवासी आशीष कुमार से हुई थी। पीड़िता के भाई जयप्रकाश, जो डोईवाला (देहरादून) निवासी हैं, ने पुलिस को दी गई तहरीर में आरोप लगाया कि शादी के कुछ महीनों बाद से ही भारती को उसके ससुराल पक्ष द्वारा दहेज के लिए प्रताड़ित किया जाने लगा था। उन्होंने बताया कि उनके परिवार ने कई बार रिश्तों को बचाने और समझौता कराने की कोशिश की, लेकिन हालात और बिगड़ते चले गए।


करीब दो हफ्ते पहले भारती ने एक बेटी को जन्म दिया था, जिसके बाद ससुराल वालों का रवैया और अधिक कठोर और क्रूर हो गया। पीड़िता के भाई का आरोप है कि 11 अक्टूबर, शनिवार की शाम को ससुराल पक्ष ने उसकी बहन पर पेट्रोल डालकर आग लगा दी। जैसे ही यह सूचना मायके पक्ष को मिली, वे तुरंत भारती के ससुराल पहुंचे और पुलिस की सहायता से उसे अस्पताल में भर्ती कराया।


पुलिस ने इस मामले में तत्परता दिखाते हुए आरोपी पति आशीष कुमार, ससुर विजय पाल, सास, ननद और जेठ के खिलाफ गंभीर धाराओं में मुकदमा दर्ज कर लिया है और मामले की गहन जांच शुरू कर दी गई है। साथ ही इस गंभीर प्रकरण की शिकायत राज्य महिला आयोग तक भी पहुंचाई गई है। आयोग की अध्यक्ष कुसुम कंडवाल ने मामले को गंभीरता से लेते हुए संबंधित पुलिस अधिकारियों से बात की और तत्काल कार्रवाई के निर्देश दिए हैं। राज्य महिला आयोग को इस मामले की विस्तृत रिपोर्ट भी भेज दी गई है, जिसमें पीड़िता के भाई द्वारा आरोपियों के खिलाफ दर्ज शिकायत को संलग्न किया गया है।


वहीं, दूसरी घटना हरिद्वार के ब्रह्मपुरी क्षेत्र से सामने आई है, जो उतनी ही हृदयविदारक है। यहां रेलवे ट्रैक के पास एक पॉलिथीन में नवजात शिशु का शव मिला है। सबसे दुखद बात यह रही कि शव पर जानवरों के नोंचने के निशान मिले हैं, और बताया जा रहा है कि नवजात का एक हाथ जानवरों द्वारा नोच लिया गया था। इस घटना से क्षेत्र में सनसनी फैल गई है और मानवता पर एक बार फिर सवाल खड़े हो गए हैं।


दोनों ही घटनाएं समाज की उस विकृति और संवेदनहीनता को उजागर करती हैं, जहां एक ओर दहेज के लिए बेटियों को जिंदा जलाया जा रहा है, तो वहीं दूसरी ओर जन्म लेते ही मासूम नवजातों को कूड़े की तरह फेंक दिया जा रहा है। हरिद्वार जैसे धार्मिक और सांस्कृतिक रूप से समृद्ध शहर में इस तरह की घटनाएं केवल अपराध की नहीं, बल्कि सामाजिक पतन की ओर भी इशारा करती हैं।


फिलहाल दोनों मामलों की जांच जारी है और उम्मीद की जा रही है कि प्रशासन दोषियों को जल्द से जल्द कानून के कठघरे में लाएगा और पीड़ितों को न्याय मिलेगा।

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