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चुनावी खर्च का ब्योरा न देने वाले प्रत्याशियों को नोटिस, लग सकता तीन साल का प्रतिबंध

  • लेखक की तस्वीर: ANH News
    ANH News
  • 12 अप्रैल
  • 2 मिनट पठन

राज्य निर्वाचन आयोग ने निकाय चुनावों में हिस्सा लेने वाले उन प्रत्याशियों को नोटिस जारी किया है जिन्होंने अपने चुनावी खर्च का ब्योरा आयोग को नहीं सौंपा है। इस नोटिस के माध्यम से आयोग ने प्रत्याशियों से 20 दिनों के भीतर उत्तर देने की मांग की है। यदि इन प्रत्याशियों के द्वारा प्रस्तुत किया गया जवाब संतोषजनक नहीं पाया गया, तो उनके चुनाव लड़ने पर तीन साल तक का प्रतिबंध भी लगाया जा सकता है।


चुनावी खर्च पर कड़ी निगरानी:

इस बार राज्य निर्वाचन आयोग ने निकाय चुनावों से पहले निर्वाचन व्यय की सीमा और उसकी लेखा परीक्षक आदेश 2024 लागू किया था। इसके तहत नगर निगम, नगर पालिका और नगर पंचायतों के चुनाव लड़ने वाले प्रत्याशियों को अपने चुनावी खर्च की पूरी जानकारी देनी थी। इस आदेश के बाद आयोग ने चुनावी खर्च का लेखा-परीक्षण किया और जिला निर्वाचन अधिकारियों ने इन खर्चों का निरीक्षण किया।


जांच और नोटिस की प्रक्रिया:

चुनावी खर्च की जांच के दौरान जिन प्रत्याशियों ने या तो चुनावी खर्च का ब्योरा नहीं दिया या फिर गलत जानकारी दी, उनकी जानकारी राज्य निर्वाचन आयोग को भेजी गई। इस पर आयोग ने इन प्रत्याशियों को कारण बताओ नोटिस जारी किया है और उन्हें 20 दिनों के भीतर जवाब देने का आदेश दिया है। नोटिस की एक प्रति आयोग के नोटिस बोर्ड पर भी चस्पा की गई है, ताकि अन्य लोग भी इसे देख सकें।


अभी कुछ जिलों की रिपोर्ट बाकी:

ज्ञात हो कि अभी कुछ जिलों से रिपोर्ट आनी बाकी है, और जैसे ही वह रिपोर्ट प्राप्त होगी, आयोग पूरी जांच प्रक्रिया को पूरा करेगा। आयोग के सचिव राहुल गोयल ने बताया कि प्रत्याशियों को नोटिस जारी करने की प्रक्रिया पहले ही शुरू की जा चुकी है और यदि इन प्रत्याशियों के जवाब संतोषजनक नहीं पाए गए, तो उन्हें आगामी चुनावों में तीन साल के लिए चुनावी प्रतिबंध का सामना करना पड़ सकता है।


राज्य निर्वाचन आयोग का यह कदम निर्वाचन खर्च की पारदर्शिता और चुनाव प्रक्रिया की शुचिता को सुनिश्चित करने के लिए बेहद अहम है। इससे यह सुनिश्चित होगा कि सभी प्रत्याशी चुनावी खर्च के मामले में समान रूप से जवाबदेह हों और चुनावी प्रक्रिया में धांधली से बचा जा सके।

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