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कुख्यात नकल माफिया हाकम सिंह और साथी को जेल, 12 से 15 लाख की मांग का मामला दर्ज

  • लेखक की तस्वीर: ANH News
    ANH News
  • 22 सित॰
  • 2 मिनट पठन

अपडेट करने की तारीख: 23 सित॰

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उत्तराखंड अधीनस्थ सेवा चयन आयोग (यूकेएसएसएससी) की स्नातक स्तरीय परीक्षा में नकल कराने और अभ्यर्थियों को परीक्षा पास कराने की सौदेबाजी करने वाले कुख्यात नकल माफिया हाकम सिंह तथा उसके साथी पंकज गौड़ को पुलिस ने गिरफ्तार कर लिया है। दोनों आरोपियों को ड्यूटी मजिस्ट्रेट, अपर मुख्य न्यायिक मजिस्ट्रेट-6 ममता पंत के समक्ष पेश किया गया, जहां से उन्हें न्यायिक अभिरक्षा में जेल भेज दिया गया है। बताया गया है कि दोनों को सोमवार को पुनः न्यायालय के समक्ष पेश किया जाएगा।


यह कार्रवाई उस समय हुई जब उत्तराखंड के 13 जिलों में 445 परीक्षा केंद्रों पर यूकेएसएसएससी की स्नातक स्तरीय परीक्षा आयोजित की गई। परीक्षा से दो दिन पहले पुलिस और एसटीएफ को सूचना मिली कि कुछ लोग अभ्यर्थियों को परीक्षा में सफल कराने के नाम पर भारी रकम वसूल रहे हैं। सूचना के आधार पर देहरादून पुलिस और एसटीएफ ने गुप्त जांच शुरू की, जिसमें पता चला कि ग्राम नौगांव, जिला उत्तरकाशी के निवासी पंकज गौड़ कुख्यात नकल माफिया हाकम सिंह के संपर्क में है। जांच में यह भी सामने आया कि दोनों आरोपी अभ्यर्थियों को परीक्षा में नकल कराने का झांसा देकर 12 से 15 लाख रुपये की मांग कर रहे थे।


पुलिस ने शनिवार को दोनों आरोपियों को पटेलनगर कोतवाली क्षेत्र से गिरफ्तार किया और उनके खिलाफ उत्तराखंड प्रतियोगी परीक्षा अध्यादेश अधिनियम के तहत मुकदमा दर्ज किया। पूछताछ में यह खुलासा हुआ कि दोनों ने धोखा देकर कम से कम छह अभ्यर्थियों से मोटी रकम वसूलने की कोशिश की थी। अभियोजन अधिकारी सोमिका अधिकारी ने बताया कि सोमवार को दोनों आरोपियों को जिला जज के समक्ष पेश किया जाएगा।


हाकम सिंह की भूमिका इस मामले में खास महत्व की है। वह पहले भी 2021 में स्नातक स्तरीय भर्ती परीक्षा में पेपर लीक कराने के आरोप में गिरफ्तार हो चुका है। उसके नाम पर अन्य प्रतियोगी परीक्षाओं और नौकरियों में भर्ती कराने तथा पेपर लीक कराने के कई मामले भी उजागर हो चुके हैं। पुलिस और एसटीएफ इस पूरे मामले की गहनता से जांच कर रहे हैं। एसपी सिटी प्रमोद कुमार ने बताया कि जांच में हर पहलू को बारीकी से देखा जा रहा है और जल्द ही इस मामले में और लोगों के नाम भी सामने आ सकते हैं।


इस पूरे घटनाक्रम से स्पष्ट होता है कि परीक्षा प्रणाली को भ्रष्ट करने वाले गिरोहों पर पुलिस की कड़ी नजर है और भविष्य में इस तरह की घटनाओं को रोकने के लिए कड़ी कार्रवाई की जाएगी।

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