top of page

पूर्व कैबिनेट मंत्री ने ब्रह्मकुमारी बहनों से बंधवाया रक्षासूत्र

  • लेखक की तस्वीर: ANH News
    ANH News
  • 4 अग॰
  • 2 मिनट पठन
ree

ऋषिकेश: भाई-बहन के प्रेम और समर्पण का प्रतीक पर्व रक्षा बंधन सोमवार को पूरे श्रद्धा और भावनात्मक उल्लास के साथ मनाया गया। इसी क्रम में, पूर्व कैबिनेट मंत्री डॉ. प्रेमचंद अग्रवाल के आवास पर ब्रह्मकुमारीज संस्था की बहनों ने उन्हें रक्षासूत्र बांधकर भाई-बहन के इस पवित्र पर्व को विशेष रूप से मनाया।


इस अवसर पर ब्रह्मकुमारी मीना दीदी, गीता दीदी, कुमारी स्वाति एवं कुमारी अक्षिता विशेष रूप से उपस्थित रहीं। बहनों ने मंत्री डॉ. अग्रवाल की कलाई पर रक्षासूत्र बांधकर शुभकामनाएं दीं, और उन्हें बड़े भाई के रूप में सम्मान प्रकट किया। डॉ. अग्रवाल ने भी बहनों को स्नेहपूर्वक आशीर्वाद देते हुए इस पारंपरिक पर्व की गहराई को रेखांकित किया।


“रक्षाबंधन सिर्फ एक रस्म नहीं, बल्कि अटूट भावनात्मक संबंध है” – डॉ. अग्रवाल

डॉ. प्रेमचंद अग्रवाल ने कहा, “रक्षा बंधन महज एक धागा बांधने की परंपरा नहीं, बल्कि यह भाई-बहन के प्रेम, विश्वास और त्याग की प्रतीक डोर है, जो जन्मों तक बनी रहती है।” उन्होंने यह भी कहा कि हर घर में बहन का होना सौभाग्य होता है, क्योंकि बहन ही वह शख्स होती है जो मां के बाद भाई के हर सुख-दुख को सबसे बेहतर ढंग से समझती है।


उन्होंने महाभारत का उदाहरण देते हुए बताया कि कैसे भगवान श्रीकृष्ण की उंगली कटने पर द्रौपदी ने बिना किसी संकोच के अपनी साड़ी का टुकड़ा फाड़कर उनकी उंगली पर बांध दिया। बदले में श्रीकृष्ण ने द्रौपदी को जीवनभर हर संकट से बचाने का वचन दिया — और द्रौपदी चीरहरण के दौरान उस वादे को निभाकर भाई-बहन के पवित्र रिश्ते की सबसे सुंदर मिसाल पेश की।


सांस्कृतिक मूल्यों को जीवंत रखने की प्रेरणा

डॉ. अग्रवाल ने ब्रह्मकुमारीज संस्था द्वारा लगातार समाज में सांस्कृतिक और आध्यात्मिक मूल्यों के प्रचार-प्रसार के लिए किए जा रहे कार्यों की सराहना की। उन्होंने कहा कि ऐसे आयोजनों से आज की पीढ़ी को अपने संस्कारों और संस्कृति से जुड़ाव महसूस होता है, जो समय की सबसे बड़ी आवश्यकता है।


कार्यक्रम के अंत में सभी बहनों को स्मृति-चिन्ह और उपहार भेंट कर उनका सम्मान किया गया।

bottom of page