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सरकारी स्कूल के 10,000 छात्रों को मिलेगा डॉक्टर-इंजीनियर बनने का मौका, फ्री कोचिंग योजना शुरू

  • लेखक की तस्वीर: ANH News
    ANH News
  • 17 अक्टू॰
  • 2 मिनट पठन
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उत्तराखंड सरकार आर्थिक रूप से कमजोर वर्ग के युवाओं को प्रतियोगी परीक्षाओं की तैयारी के लिए नि:शुल्क कोचिंग सुविधा प्रदान करने के लिए प्रतिबद्ध है। इस संबंध में मुख्य सचिव आनंद बर्धन की अध्यक्षता में सचिवालय सभागार में एक समीक्षा बैठक आयोजित की गई, जिसमें निःशुल्क कोचिंग योजना की गुणवत्ता और उसकी प्रभावशीलता पर विशेष चर्चा हुई।


मुख्य सचिव आनंद बर्धन ने शिक्षा विभाग को स्पष्ट निर्देश दिए कि कोचिंग योजना का संचालन उच्च मानकों के अनुरूप हो और इसमें किसी प्रकार की शिथिलता या खानापूर्ति न हो। उन्होंने यह भी कहा कि कोचिंग का परिणाम स्पष्ट और सार्थक होना चाहिए, ताकि चयनित प्रतियोगियों को वास्तविक लाभ मिल सके। साथ ही उन्होंने कोचिंग के लिए सभी आवश्यक प्रक्रियाओं को शीघ्र पूरा करने का भी निर्देश दिया, ताकि योजना समय से प्रभावी रूप में लागू हो सके।


इस अवसर पर निदेशक शिक्षा डॉ. मुकुल कुमार सती ने बताया कि इस वर्ष 10 हजार छात्रों को प्रतियोगी परीक्षाओं की नि:शुल्क कोचिंग दी जाएगी। इसमें कक्षा 11 में अध्ययनरत छात्रों को दो वर्ष तक कोचिंग मिलेगी, जबकि 12वीं पास करने वाले प्रतियोगियों को एक वर्ष की तैयारी कराई जाएगी। कोचिंग आर्ट्स, साइंस और कॉमर्स तीनों प्रमुख शैक्षिक धाराओं के अनुरूप होगी, जिसमें लगभग सभी प्रमुख प्रतियोगी परीक्षाओं की तैयारी शामिल होगी।


इसके अतिरिक्त, मेधावी विद्यार्थियों के लिए तीन वर्ष तक एडवांस कोचिंग की भी व्यवस्था की गई है, जिससे वे अपनी प्रतिस्पर्धात्मक क्षमताओं को और बेहतर कर सकें। बैठक में सचिव दिलीप जावलकर, अपर सचिव मनुज गोयल समेत अन्य संबंधित अधिकारी भी उपस्थित थे, जिन्होंने योजना के सफल क्रियान्वयन और आवश्यक संसाधनों के प्रबंध पर अपने विचार प्रस्तुत किए।


यह योजना उत्तराखंड सरकार की युवाओं को सशक्त बनाने और उन्हें प्रतियोगी परीक्षाओं में सफलता दिलाने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम है, जो शिक्षा के क्षेत्र में समान अवसर प्रदान करने के उद्देश्य से संचालित की जा रही है।

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