UKSSSC परीक्षा पर बड़ा फैसला, आयोग रिपोर्ट के आधार पर रद्द, तीन माह के भीतर होगी दोबारा परीक्षा
- ANH News
- 13 अक्टू॰
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उत्तराखंड अधीनस्थ सेवा चयन आयोग की स्नातक स्तरीय परीक्षा रद्द करने का बड़ा फैसला राज्य सरकार ने लिया है। यह निर्णय तीन महीने के भीतर परीक्षा दोबारा आयोजित करने के प्रस्ताव के साथ लिया गया है। इस मामले की जांच के लिए गठित एकल सदस्यीय जांच आयोग ने अपनी रिपोर्ट मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी को सौंप दी है, जिसके आधार पर यह फैसला हुआ।
21 सितंबर को आयोजित इस परीक्षा में लगभग एक लाख पांच हजार अभ्यर्थी शामिल हुए थे। हालांकि, परीक्षा के दौरान हरिद्वार के एक केंद्र से पेपर के तीन पन्ने मोबाइल के माध्यम से बाहर आ गए और सोशल मीडिया पर वायरल हो गए। इस घटना ने अभ्यर्थियों और आम जनता के बीच काफी आक्रोश पैदा किया, जिसके बाद उत्तराखंड बेरोजगार संघ के बैनर तले युवाओं ने धरना-प्रदर्शन शुरू कर दिया। युवाओं की मांगों को लेकर मुख्यमंत्री धामी ने सीधे आंदोलन स्थल पर पहुंचकर उनसे संवाद किया और कार्रवाई का आश्वासन दिया।
सरकार ने इस प्रकरण की गंभीरता को देखते हुए एसआईटी का गठन किया और साथ ही उत्तराखंड उच्च न्यायालय से सेवानिवृत्त न्यायमूर्ति यूसी ध्यानी की अध्यक्षता में एकल सदस्यीय जांच आयोग भी गठित किया गया। जांच आयोग ने राज्य के विभिन्न हिस्सों में आयोजित जनसंवाद के आधार पर अपनी रिपोर्ट तैयार कर दी, जिसे मुख्यमंत्री को सौंपा गया। रिपोर्ट में परीक्षा में हुई अनियमितताओं और पेपर लीक की पुष्टि की गई।
इस पर तत्काल प्रतिक्रिया देते हुए सरकार ने यूकेएसएसएससी की स्नातक स्तरीय भर्ती परीक्षा को निरस्त करने के आदेश जारी किए। सरकार ने स्पष्ट किया कि इस परीक्षा को निरस्त करने का फैसला अन्य परीक्षाओं को प्रभावित नहीं करेगा। वहीं, भाजपा विधायक प्रतिनिधिमंडल ने भी मुख्यमंत्री से छात्रहित में परीक्षा रद्द करने और पुनः परीक्षा कराने की मांग की थी।
यह कदम युवाओं की मांगों और जांच आयोग की रिपोर्ट के मद्देनजर उठाया गया है, ताकि भर्ती प्रक्रिया में पारदर्शिता और न्याय सुनिश्चित किया जा सके। परीक्षा रद्द होने के बाद अब तीन महीने के अंदर नई परीक्षा आयोजित की जाएगी, जिससे अभ्यर्थियों को उचित मौका मिल सके और किसी प्रकार की अनियमितता न हो। इस फैसले से उत्तराखंड में भर्ती परीक्षाओं की विश्वसनीयता को पुनः स्थापित करने की कोशिश की जा रही है।





