आरडीआई स्थापना दिवस पर जनसेवा का संकल्प, छात्रवृत्ति और स्वास्थ्य शिविरों से मिला लाभ
- ANH News
- 22 सित॰
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अपडेट करने की तारीख: 23 सित॰

देहरादून के डोईवाला क्षेत्र स्थित हिमालयन इंस्टिट्यूट हॉस्पिटल ट्रस्ट (एचआईएचटी) के अंतर्गत संचालित ग्राम्य विकास संस्थान (रूरल डेवलपमेंट इंस्टिट्यूट - आरडीआई) का स्थापना दिवस उत्साह और सेवाभाव के वातावरण में दो दिवसीय कार्यक्रमों के साथ मनाया गया। 20 और 21 सितंबर को आयोजित इस वार्षिक उत्सव में न केवल संस्थान की उपलब्धियों को रेखांकित किया गया, बल्कि समाज के जरूरतमंद वर्गों तक पहुँच बनाकर सेवा का संकल्प भी दोहराया गया।
समारोह की शुरुआत रविवार को आरडीआई सभागार में हुई, जहां संस्थापक डॉ. स्वामी राम के चित्र के समक्ष दीप प्रज्ज्वलन कर कार्यक्रम का शुभारंभ किया गया। मुख्य समारोह के मुख्य अतिथि स्वामी राम हिमालयन विश्वविद्यालय के अध्यक्ष एवं एचआईएचटी की अध्यक्षीय समिति के सदस्य डॉ. विजय धस्माना ने स्वामी राम के दृष्टिकोण को स्मरण करते हुए कहा कि ग्रामीण भारत के सतत और समग्र विकास के लिए संस्थान की स्थापना की गई थी। उन्होंने कहा कि आरडीआई की परिकल्पना, जो एक समय में केवल एक विचार के रूप में अंकुरित हुई थी, आज एक ऐसे मजबूत वटवृक्ष का रूप ले चुकी है, जो हजारों जरूरतमंदों को शिक्षा, स्वास्थ्य और आजीविका जैसी आवश्यकताओं की छांव दे रहा है।
आरडीआई की निदेशक बी. मैथिली ने संस्थान की यात्रा, परियोजनाओं और जमीनी कार्यों का विस्तार से वर्णन किया। कार्यक्रम का संचालन नीलम पाण्डेय ने किया। इस अवसर पर डायरेक्टर ऑपरेशन साधना मिश्रा, डॉ. राजीव बिज्लवाण, नीतेश कौशिक, सुनील खंडूड़ी सहित संस्थान के अनेक अधिकारी, कर्मचारी और क्षेत्रीय कार्यकर्ता भी उपस्थित रहे।
स्थापना दिवस के अवसर पर समाज के उन बच्चों को विशेष रूप से सम्मानित किया गया, जो विपरीत परिस्थितियों में भी शिक्षा में उत्कृष्ट प्रदर्शन कर रहे हैं। ऐसे 59 जरूरतमंद एवं मेधावी बच्चों को दस-दस हजार रुपये की छात्रवृत्ति दी गई। इनमें 54 बच्चे ऐसे थे जो या तो अनाथ हैं या एकल अभिभावक के संरक्षण में जीवन जी रहे हैं। ध्यान मंदिर ट्रस्ट की सचिव साधना मिश्रा ने बताया कि "सक्षम कार्यक्रम" के माध्यम से ट्रस्ट वर्तमान में 1000 से अधिक बच्चों को शिक्षा, स्वास्थ्य और आजीविका संबंधी प्रशिक्षण प्रदान कर रहा है। इस अवसर पर पांच और बच्चों को विशेष छात्रवृत्ति भी दी गई।
स्वास्थ्य सेवा के क्षेत्र में भी संस्थान की पहुंच व्यापक रही। हरिद्वार जिले के बहादराबाद, सलेमपुर और भगवानपुर जैसे सीमित स्वास्थ्य संसाधनों वाले क्षेत्रों में आरडीआई की 35 सदस्यीय टीम द्वारा निशुल्क स्वास्थ्य शिविर आयोजित किए गए, जिनसे लगभग 2000 से अधिक मरीज लाभान्वित हुए। इसके साथ ही पांच स्कूलों में जागरूकता कार्यक्रम आयोजित किए गए, जिनमें छात्रों को नशे के दुष्प्रभावों की जानकारी दी गई, योगाभ्यास कराया गया और ड्रॉप-आउट बच्चों को पुनः मुख्यधारा से जोड़ने की पहल की गई।
आरडीआई द्वारा चलाए जा रहे विभिन्न कार्यक्रमों के माध्यम से इस वर्ष संस्थान ने लगभग 5000 लोगों तक सीधी पहुंच बनाकर स्वास्थ्य, शिक्षा और सामाजिक जागरूकता की दिशा में महत्वपूर्ण योगदान दिया है। इस स्थापना दिवस पर आयोजित समस्त कार्यक्रमों ने संस्थान की जनसेवा की प्रतिबद्धता को एक बार फिर मजबूती से स्थापित किया है।





