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उत्तराखंड को मिली 8140 करोड़ की सौगात, PM बोले- 2047 तक अहम भूमिका निभाएगा राज्य

  • लेखक की तस्वीर: ANH News
    ANH News
  • 11 घंटे पहले
  • 3 मिनट पठन
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उत्तराखंड आज अपना रजत जयंती वर्ष मना रहा है। राज्य गठन के 25 वर्ष पूरे होने के अवसर पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने देहरादून पहुंचकर इस ऐतिहासिक दिन का हिस्सा बने। उन्होंने इस अवसर पर एक स्मारक डाक टिकट जारी किया और राज्यवासियों को विकास की नई सौगातें दीं। प्रधानमंत्री ने अपने संबोधन की शुरुआत गढ़वाली भाषा में “दीदी भुल्यों... दाणा सयाणों, आप सभी तैं म्यार नमस्कार” कहकर की, जिससे पूरा कार्यक्रम स्थल जोश और उत्साह से गूंज उठा।


प्रधानमंत्री ने इस अवसर पर 8140 करोड़ रुपये से अधिक की विभिन्न विकास परियोजनाओं का शिलान्यास और उद्घाटन किया। ये योजनाएं पेयजल, सिंचाई, तकनीकी शिक्षा, ऊर्जा, शहरी विकास, खेल और कौशल विकास जैसे कई प्रमुख क्षेत्रों से जुड़ी हैं। उन्होंने साथ ही 28,000 किसानों के खातों में फसल बीमा योजना के तहत 62 करोड़ रुपये की राशि भी जारी की।


अपने भाषण में प्रधानमंत्री मोदी ने कहा कि “जहां चाह, वहां राह”। उन्होंने बताया कि जब लक्ष्य स्पष्ट होता है, तो मंज़िल खुद-ब-खुद मिल जाती है और उत्तराखंड इसका सशक्त उदाहरण है। उन्होंने कहा कि राज्य ने योग, आयुर्वेद और पर्यटन के क्षेत्र में असाधारण प्रगति की है। यहां की हर विधानसभा में योग केंद्र, होम-स्टे और स्थानीय उत्पादों को बढ़ावा देने वाले केंद्र विकसित किए जाने चाहिए।


प्रधानमंत्री ने कहा कि उत्तराखंड की विकास यात्रा अद्भुत है। उन्होंने बताया कि राज्य का हर गांव अब वैक्सीन कवरेज के दायरे में आ चुका है, बिजली उत्पादन चार गुना बढ़ गया है, सड़कों की लंबाई दोगुनी हो गई है और अब राज्य में दस मेडिकल कॉलेज कार्यरत हैं। उन्होंने यह भी उल्लेख किया कि आज उत्तराखंड में एक दिन में जितने लोग हवाई यात्रा से आते हैं, वह संख्या पहले छह महीनों में आने वाले यात्रियों के बराबर है।


उन्होंने रजत जयंती पर आयोजित विशेष प्रदर्शनी का उल्लेख करते हुए कहा कि यह प्रदर्शनी उत्तराखंड की सफलता की गाथा बयां करती है। 25 वर्ष पहले जहां राज्य का बजट मात्र 4000 करोड़ रुपये था, वहीं आज यह बढ़कर एक लाख करोड़ रुपये को पार कर चुका है। प्रधानमंत्री ने इस मौके पर राज्य के उन आंदोलनकारियों और शहीदों को नमन किया, जिन्होंने उत्तराखंड के निर्माण के लिए अपना सर्वस्व न्योछावर कर दिया।


पीएम मोदी ने कहा कि आज का दिन एक लंबी तपस्या का फल है। यह वही सपना है जो उत्तराखंड की देवतुल्य जनता ने देखा था और जिसे अटल बिहारी वाजपेयी की सरकार ने साकार किया। उन्होंने कहा कि उत्तराखंड ने साबित कर दिया है कि जब संकल्प मजबूत हो, तो सीमित संसाधन भी विकास की ऊंचाइयों को छू सकते हैं।


प्रधानमंत्री ने यह भी कहा कि उन्हें उत्तराखंड और यहां के लोगों से गहरा लगाव है। जब वे यहां आते हैं, तो जनता की लगन और जज्बा उन्हें प्रेरित करता है। उन्होंने विश्वास जताया कि आने वाला दशक उत्तराखंड के उत्कर्ष का कालखंड होगा और 2047 तक जब भारत विकसित राष्ट्र बनेगा, तब देवभूमि उत्तराखंड इस यात्रा में अग्रणी भूमिका निभाएगा।


इस मौके पर मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने प्रधानमंत्री मोदी का स्वागत किया और उन्हें ऊखीमठ स्थित बाबा केदारनाथ के शीतकालीन प्रवास स्थल की प्रतिकृति भेंट की। उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री मोदी ने पूरे विश्व में भारत का मान बढ़ाया है और यह भरोसा जगाया है कि “हम किसी से कम नहीं।”


देहरादून के फॉरेस्ट रिसर्च इंस्टीट्यूट (FRI) में आयोजित इस मुख्य समारोह में पारंपरिक ढोल-नगाड़ों के साथ प्रधानमंत्री का स्वागत किया गया। पूरा परिसर “जय उत्तराखंड” और “भारत माता की जय” के नारों से गूंज उठा। प्रधानमंत्री ने अपने गढ़वाली संबोधन और विकास के विज़न के साथ राज्य की जनता में नए आत्मविश्वास और ऊर्जा का संचार किया।


कार्यक्रम का समापन प्रधानमंत्री मोदी के इस संदेश के साथ हुआ कि उत्तराखंड आत्मनिर्भर भारत के संकल्प की धड़कन है- और आने वाले वर्षों में यह राज्य पूरे देश के लिए विकास, समर्पण और आत्मविश्वास का प्रतीक बनेगा।

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