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अंकिता भंडारी की तीसरी पुण्यतिथि पर त्रिवेणी घाट पर प्रदर्शन और सड़क जाम

  • लेखक की तस्वीर: ANH News
    ANH News
  • 22 सित॰
  • 2 मिनट पठन

अपडेट करने की तारीख: 23 सित॰

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उत्तराखंड के पौड़ी गढ़वाल की बेटी अंकिता भंडारी की तीसरी पुण्यतिथि पर न्याय की मांग को लेकर भारी गहमागहमी देखने को मिली। उत्तराखंड क्रांति दल ने त्रिवेणी घाट चौकी के सामने जोरदार प्रदर्शन करते हुए सड़क जाम कर दिया, जिससे वहां से गुजर रहे श्रद्धालु भी जाम में फंस गए और कुछ समय के लिए हल्की-फुल्की नोक-झोंक का माहौल भी बन गया। प्रदर्शनकारियों ने हत्याकांड में शामिल वीआईपी के नाम के खुलासे और उसकी गिरफ्तारी की तत्काल मांग की।


अंकिता भंडारी के हत्याकांड को लेकर न्याय की गुहार उठाने वाले कांग्रेस समेत कई वामपंथी जनसंगठनों ने शहर में एक व्यापक रैली निकाली। इस रैली में शामिल लोगों ने हत्याकांड के दोषियों को मिली सजा को न्याय की अपेक्षा से कम बताया और आरोप लगाया कि असली कातिल अभी भी बेकसूर लोगों के पीछे पनप रहे हैं। उन्होंने फांसी की सजा और मामले में शामिल वीआईपी के नाम का खुलासा करने की जोरदार मांग की।


गुरुवार को मल्लीताल के श्रीराम सेवक सभा में संगठनों के सदस्यों ने एकत्र होकर “अंकिता को न्याय दो” और “वीआईपी को गिरफ्तार करो” जैसे नारों से विरोध प्रदर्शन शुरू किया, जो धीरे-धीरे एक भव्य रैली में तब्दील हो गया। हाथों में तख्तियां लिए प्रदर्शनकारियों ने प्रदेश सरकार पर गंभीर आरोप लगाए कि वह इस मामले में संलिप्त वीआईपी को बचाने के लिए हर संभव कोशिश कर रही है। उनका कहना था कि हत्याकांड को हुए तीन साल हो चुके हैं, लेकिन सरकार की जांच अभी तक अधूरी है और सच को छुपाने की साजिश जारी है।


प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष करन माहरा ने इस मौके पर कहा कि राज्य सरकार असली हत्यारों को संरक्षण दे रही है और उनकी पार्टी सत्ता में आने पर हत्याकांड की जांच में लापरवाही बरतने वाले अधिकारियों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई करेगी। रैली माल रोड से होते हुए तल्लीताल पहुंची, जहां एक सभा का आयोजन किया गया। इस सभा में पूर्व सांसद महेंद्र पाल, कांग्रेस जिलाध्यक्ष राहुल छिमवाल, धीरज बिष्ट, कमलेश तिवारी, कैलाश अधिकारी, प्रभात ध्यानी, पालिकाध्यक्ष सरस्वती खेतवाल, प्रो शेखर पाठक, उमा भट्ट, दिनेश उपाध्याय, कैलाश जोशी, कैलाश पांडे, भारती जोशी सहित कई अन्य गणमान्य लोग मौजूद रहे।


इस प्रदर्शन और रैली के जरिए साफ संदेश दिया गया कि अंकिता भंडारी के परिवार और समर्थक न्याय की लड़ाई से पीछे हटने वाले नहीं हैं और वह तब तक संघर्ष जारी रखेंगे जब तक कि पूरा सच सामने न आ जाए और दोषियों को सख्त सजा न मिल जाए।

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