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UKSSSC नकल मामला: जनता सीधे पेश कर सकेगी शिकायतें, खुली अदालत में होगी सुनवाई

  • लेखक की तस्वीर: ANH News
    ANH News
  • 26 अक्टू॰
  • 2 मिनट पठन
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उत्तराखंड अधीनस्थ सेवा चयन आयोग (यूकेएसएसएससी) की स्नातक स्तरीय परीक्षा-2025 में कथित नकल और अनियमितताओं के आरोपों की जांच के लिए गठित एकल सदस्यीय जांच आयोग अब सीधे जनता से जुड़कर तथ्य जुटाएगा। आयोग के अध्यक्ष, सेवानिवृत्त न्यायमूर्ति यूसी ध्यानी, 27 अक्तूबर को हरिद्वार आएंगे और एचआरडीए सभागार में दोपहर एक बजे से तीन बजे तक जनसुनवाई आयोजित करेंगे।


अपर जिलाधिकारी (वित्त एवं राजस्व) दीपेन्द्र सिंह नेगी ने बताया कि इस जनसुनवाई के दौरान किसी भी अभ्यर्थी, परीक्षक, परीक्षा से जुड़े अधिकारी-कर्मचारी या आम नागरिक को मौका मिलेगा कि वे परीक्षा में हुई कथित नकल या अन्य अनियमितताओं से संबंधित तथ्य, साक्ष्य या अपनी शिकायतें सीधे आयोग के समक्ष प्रस्तुत कर सकेंगे। उन्होंने बताया कि न्यायमूर्ति ध्यानी का यह दौरा एक दिवसीय होगा, और इसी दौरान वे जिले के अधिकारियों से भी परीक्षा से संबंधित रिपोर्ट और जानकारी प्राप्त करेंगे।


आयोग द्वारा प्राप्त शिकायतें और जनसुनवाई के दौरान रखे गए बयानों को जांच रिपोर्ट का हिस्सा बनाया जाएगा। यह कदम इस बात की पुष्टि करता है कि जांच पूरी तरह पारदर्शी और निष्पक्ष तरीके से की जाएगी, और जनता की आवाज़ को सीधे प्रक्रिया में शामिल किया जाएगा।


इस मामले की पृष्ठभूमि बताते हुए, यह ध्यान देने योग्य है कि पिछले महीने स्नातक स्तरीय परीक्षा-2025 के दौरान प्रश्न पत्र के तीन पेज सोशल मीडिया पर वायरल होने के बाद विवाद बढ़ गया था। मामले में देहरादून पुलिस ने मुकदमा दर्ज किया और लक्सर से मुख्य आरोपी व उसकी बहन को गिरफ्तार किया। इसके साथ ही शासन ने पुलिस और विभागीय कर्मचारियों के खिलाफ निलंबन कार्रवाई की थी। बाद में विशेष जांच टीम (एसआईटी) का गठन कर मामले की गहन जांच शुरू की गई थी।


अब आयोग की जनसुनवाई और जनता से सीधे तथ्य जुटाने की प्रक्रिया से इस मामले में न केवल निष्पक्षता बढ़ेगी, बल्कि जांच की पूरी प्रक्रिया में पारदर्शिता सुनिश्चित होगी। इससे अभ्यर्थियों और आम नागरिकों का भरोसा भी मजबूत होगा कि परीक्षा प्रणाली में अनियमितताओं के खिलाफ सख्त कदम उठाए जा रहे हैं।

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