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मिलावटखोरों पर प्रशासन का वार, त्यौहारों से पहले खाद्य पदार्थों पर FDA की पैनी नजर

  • लेखक की तस्वीर: ANH News
    ANH News
  • 9 अक्टू॰
  • 2 मिनट पठन
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करवाचौथ और दीपावली जैसे प्रमुख त्योहारों के नजदीक आते ही उत्तराखंड में खाद्य सुरक्षा एवं औषधि प्रशासन विभाग ने प्रदेशभर में मिलावटखोरी के विरुद्ध सख्त अभियान शुरू कर दिया है। त्योहारों के समय बाजारों में खाद्य पदार्थों की मांग बढ़ जाती है और इसी का लाभ उठाकर कुछ असामाजिक तत्व मिलावटी उत्पादों की आपूर्ति करने लगते हैं। ऐसे में प्रशासन ने आम जनमानस के स्वास्थ्य की रक्षा के लिए छापेमारी और चेकिंग की कार्यवाही को तेज कर दिया है।


राज्य सरकार के शीर्ष स्तर से भी इस मामले में पूरी गंभीरता दिखाई जा रही है। मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी और स्वास्थ्य मंत्री डॉ. धन सिंह रावत ने मिलावटखोरों के खिलाफ सख्त कार्रवाई के निर्देश दिए हैं। मुख्यमंत्री ने स्पष्ट कहा है कि त्योहारों के इस मौसम में उपभोक्ताओं के स्वास्थ्य से कोई समझौता स्वीकार नहीं किया जाएगा। उन्होंने अधिकारियों को निर्देश दिए कि बाजारों में बिकने वाले मावा, खोया, पनीर, घी, दूध और मिठाइयों की गुणवत्ता पर कड़ी निगरानी रखी जाए, ताकि कोई भी मिलावटी या नकली उत्पाद लोगों तक न पहुंच सके।

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स्वास्थ्य सचिव और एफडीए के आयुक्त डॉ. आर. राजेश कुमार ने बताया कि प्रदेश में मिलावट पर प्रभावी रोक लगाने के लिए एक सघन अभियान चलाया जा रहा है। सीमावर्ती जिलों पर विशेष सतर्कता बरती जा रही है, ताकि बाहरी राज्यों से नकली, मिलावटी और बिना मानक खाद्य सामग्री की आपूर्ति को रोका जा सके। वहीं, अपर आयुक्त ताजबर सिंह जग्गी ने जानकारी दी कि देहरादून, हरिद्वार, ऊधमसिंहनगर और नैनीताल जैसे प्रमुख जिलों के अलावा चारधाम यात्रा मार्गों और पर्यटन स्थलों पर भी निगरानी बढ़ा दी गई है।


इन क्षेत्रों में अतिरिक्त टीमें तैनात की गई हैं जो मौके पर ही मोबाइल लैब के माध्यम से मावा, पनीर, मिठाई, तेल, घी जैसे उत्पादों की जांच कर रही हैं। संदिग्ध नमूनों को प्रयोगशालाओं में भेजा जा रहा है, और यदि कोई उत्पाद मिलावटी पाया जाता है, तो संबंधित प्रतिष्ठानों के खिलाफ कठोर कार्रवाई की जा रही है, जिसमें लाइसेंस रद्द करना और जुर्माना शामिल है।


इस अभियान के तहत अब तक कई स्थानों पर मिलावटी खाद्य पदार्थों की बड़ी खेप पकड़ी जा चुकी है। भगवानपुर के बालेकी युसुफपुर गांव में खाद्य सुरक्षा विभाग और पुलिस की संयुक्त टीम ने एक वाहन को रोका, जिसमें बिना किसी प्रमाणन के पनीर सप्लाई किया जा रहा था। टीम ने पनीर जब्त कर वाहन चालक और सप्लायर के विरुद्ध खाद्य सुरक्षा एवं मानक अधिनियम, 2006 के अंतर्गत मामला दर्ज कर लिया।

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इसी तरह ऋषिकेश में भी एक वाहन से पांच क्विंटल क्रीम, 35 किलोग्राम घी और 50 किलोग्राम मिल्क पाउडर जब्त किया गया। इन उत्पादों के साथ न तो गुणवत्ता प्रमाण पत्र मौजूद थे और न ही कोई वैध दस्तावेज। सभी उत्पादों के नमूने जांच के लिए प्रयोगशाला भेज दिए गए हैं।


त्योहारी सीज़न में प्रशासन का यह अभियान उपभोक्ताओं के स्वास्थ्य की रक्षा के लिए एक महत्वपूर्ण कदम है, जिससे न केवल मिलावटखोरों में भय पैदा हो रहा है, बल्कि आम जनता को भी यह भरोसा मिल रहा है कि सरकार उनकी सुरक्षा को सर्वोच्च प्राथमिकता दे रही है।

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