15 नवंबर से खुलेगा राजाजी टाइगर रिजर्व, पर्यटक फिर उठा सकेंगे जंगल सफारी का रोमांच
- ANH News
- 24 अक्टू॰
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ऋषिकेश: विश्वप्रसिद्ध राजाजी टाइगर रिजर्व पार्क एक बार फिर सैलानियों के लिए अपने द्वार खोलने जा रहा है। हर वर्ष की भाँति इस बार भी पार्क में 15 नवंबर से जंगल सफारी की शुरुआत होगी, जो आगामी 15 जून तक जारी रहेगी। इस अवधि में देश-विदेश से आने वाले हजारों पर्यटक यहां के घने जंगलों, वन्य जीवों और प्राकृतिक सौंदर्य का आनंद उठाएंगे।
पार्क प्रशासन के अनुसार, पर्यटन व्यवसायियों व सफारी वाहन स्वामियों के पंजीकरण की प्रक्रिया शुरू हो चुकी है। इच्छुक व्यवसायी अपने आवेदन पत्र 25 अक्तूबर तक राजाजी टाइगर रिजर्व की आधिकारिक वेबसाइट rajajitigerreserve.uk.in
या प्रधान कार्यालय से प्राप्त कर सकते हैं। वहीं, आवेदन जमा करने की अंतिम तिथि 30 अक्तूबर निर्धारित की गई है। पंजीकरण पूर्ण होने के बाद सफारी वाहनों का सत्यापन और अनुमति प्रक्रिया पूरी की जाएगी।
जंगल सफारी से प्रदेश को होता है करोड़ों का राजस्व:
राजाजी टाइगर रिजर्व में प्रतिवर्ष बड़ी संख्या में पर्यटक पहुंचते हैं, जिससे न केवल स्थानीय लोगों को रोजगार मिलता है बल्कि पार्क प्रशासन को भी अच्छा-खासा राजस्व प्राप्त होता है। अनुमान है कि जंगल सफारी से हर वर्ष एक करोड़ रुपये से अधिक की आमदनी होती है, जो राज्य के पर्यटन और वन्यजीव संरक्षण दोनों को सशक्त बनाने में सहायक है।
प्रकृति और वन्य जीवन का अद्भुत संगम:
राजाजी टाइगर रिजर्व पार्क एशियाई हाथियों और रॉयल बंगाल टाइगर की सुरक्षित शरणस्थली के रूप में जाना जाता है। इन दो प्रमुख प्रजातियों के अलावा यहां तेंदुआ, जंगली बिल्ली, हिमालयी काला भालू, स्लॉथ भालू, धारीदार लकड़बग्घा, सांभर, जंगली सुअर, चित्तीदार हिरण, बार्किंग हिरण और कई अन्य दुर्लभ वन्य जीव बड़ी संख्या में पाए जाते हैं। घने साल व शीशम के जंगलों, कल-कल बहती नदियों और पक्षियों की मधुर ध्वनियों के बीच सफारी पर्यटकों को एक अविस्मरणीय अनुभव प्रदान करती है।
चार प्रमुख रेंजों में होती है जंगल सफारी:
राजाजी टाइगर रिजर्व का क्षेत्रफल विशाल है, और पर्यटक यहां चार प्रमुख रेंजों में जंगल सफारी का आनंद ले सकते हैं। इनमें चिल्लावाली रेंज (30 किमी), हरिद्वार रानीपुर रेंज (24 किमी), मोतीचूर रेंज (22 किमी) और चीला रेंज (36 किमी) शामिल हैं। इन सभी रेंजों में वन्यजीव दर्शन के साथ-साथ प्राकृतिक विविधता का भी अद्भुत संगम देखने को मिलता है।
वर्तमान में पार्क के भीतर गेट और सड़कों की मरम्मत का कार्य तेजी से चल रहा है। पार्क प्रशासन का कहना है कि 31 अक्तूबर तक सभी सफारी ट्रैक और आवश्यक व्यवस्थाओं का कार्य पूरा कर लिया जाएगा, ताकि 15 नवंबर से पर्यटकों को किसी भी प्रकार की असुविधा न हो।
स्थानीय लोगों को मिलता है रोजगार:
राजाजी टाइगर रिजर्व न केवल जैव विविधता का केंद्र है, बल्कि यह आसपास के गांवों के लिए आजीविका का एक प्रमुख स्रोत भी है। पार्क क्षेत्र में 160 से अधिक सफारी वाहन संचालित होते हैं, जिनसे प्रत्यक्ष और अप्रत्यक्ष रूप से 200 से अधिक स्थानीय लोगों को रोजगार मिलता है। इन लोगों में ड्राइवर, गाइड, होटल कर्मी और हस्तशिल्प विक्रेता शामिल हैं, जिनकी जीविका पर्यटन पर निर्भर करती है।
राजाजी टाइगर रिजर्व के सहायक वन संरक्षक (ACF) अजय लिंगवाल ने बताया कि “पार्क प्रशासन ने इस बार सफारी संचालन के लिए सभी तैयारियाँ लगभग पूरी कर ली हैं। सफारी पंजीकरण की प्रक्रिया जारी है और निर्धारित समय सीमा के भीतर सभी आवेदन प्राप्त कर लिए जाएंगे। हमारा प्रयास है कि पर्यटकों को इस बार और भी बेहतर अनुभव मिल सके।”





