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Rishikesh: सतपाल महाराज ने निर्माणाधीन बजरंग सेतू और गंगा घाटों का स्थलीय निरीक्षण किया

  • लेखक की तस्वीर: ANH News
    ANH News
  • 27 सित॰
  • 2 मिनट पठन
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उत्तराखंड के पर्यटन मंत्री सतपाल महाराज ने निर्माणाधीन बजरंग सेतु और गंगा घाटों का निरीक्षण किया, जो कि 2019 से निर्माणाधीन है। इस सेतु का निर्माण कार्य अब तक पूरा नहीं हो पाया है, जिससे कई सवाल उठते हैं।


बजरंग सेतु का निर्माण लक्ष्मणझुला पुल के निकट किया जा रहा है, जिसे तकनीकी खामियों के चलते 2019 में बंद कर दिया गया था। यह सेतु स्थानीय लोगों के लिए जीवन रेखा है और पर्यटकों के लिए एक प्रमुख मार्ग। हर वर्ष, करीब 50 लाख पर्यटक ऋषिकेश आते हैं, जो इस सेतु के माध्यम से गंगा पार करना चाहते हैं। इसके बिना, उन्हें लंबा रास्ता तय करना पड़ता है।


मंत्री का निरीक्षण


मंत्री सतपाल महाराज ने हाल ही में निरीक्षण के दौरान निर्माण कार्य की प्रगति का जायजा लिया और जब उनसे पूछा गया कि सेतु का निर्माण कब तक पूरा होगा, तो उन्होंने सहजता से कहा, "मैं कोई ज्योतिष नहीं हूं जो ये सब बता सकूं।" इस उत्तर ने यह सवाल उठाया कि क्या सरकार इस परियोजना को गंभीरता से ले रही है या नहीं। एक जिम्मेदार मंत्री को इस प्रकार का उत्तर देना उचित नहीं है।


तकनीकी खामियां


बजरंग सेतु के निर्माण में देरी की कई वजहें हैं। इसकी कुल लागत 68 करोड़ 86 लाख रुपये है, और 6 साल में भी यह कार्य पूरा नहीं हो पाया। विशेषज्ञों की मानें तो निर्माण में देरी के पीछे डिजाइन परिवर्तन, सामग्री की उपलब्धता और श्रमिकों की कमी जैसी तकनीकी खामियां हैं। अगर हम देखें, तो औसतन, एक परियोजना को समय पर पूरा करने में 20% से अधिक बढ़ोतरी होती है यदि तकनीकी खामियां नजरअंदाज की जाती हैं।


युद्ध स्तर पर निर्माण कार्य


मंत्री ने यह भी बताया कि बजरंग सेतु का निर्माण कार्य अब "युद्ध स्तर" पर चल रहा है। यह सुनकर उम्मीद बंधती है कि जल्द ही यह सेतु तैयार हो जाएगा। लेकिन क्या यह सिर्फ एक आश्वासन है, या वास्तव में कार्य में तेजी लाई जा रही है?


स्थानीय लोगों की प्रतिक्रिया

स्थानीय लोगों की प्रतिक्रियाएं मिश्रित हैं। कुछ लोग मंत्री के दौरे को सकारात्मक मानते हैं, जबकि अन्य इसे औपचारिकता मानते हैं। स्थानीय व्यापारियों का कहना है कि सेतु के निर्माण में देरी ने उनके व्यवसाय पर नकारात्मक प्रभाव डाला है। एक स्थानीय व्यापारी ने कहा कि पिछले 6 महीनों में ग्राहक आवागमन में 30% की कमी आई है, जो उनके लिए बहुत चिंताजनक है।


वहीं मंत्री ने कहा कि सरकार इस परियोजना को उच्च प्राथमिकता दे रही है और जल्द ही इसे पूरा करने के लिए आवश्यक कदम उठाए जाएंगे।


अंत की बात

बजरंग सेतु का निर्माण केवल एक भौतिक संरचना नहीं है, बल्कि यह स्थानीय लोगों और पर्यटकों के लिए एक महत्वपूर्ण संपर्क बिंदु है। तकनीकी खामियों और देरी के बावजूद, उम्मीद है कि सरकार इस परियोजना को जल्द पूरा करेगी। मंत्री सतपाल महाराज की प्रतिक्रिया से यह स्पष्ट होता है कि सरकार इस मुद्दे को गंभीरता से ले रही है। लेकिन वास्तविक स्थिति क्या है, यह समय ही बताएगा।


इस प्रकार, बजरंग सेतु का निर्माण कार्य सिर्फ एक निर्माण परियोजना नहीं है, बल्कि यह स्थानीय समुदाय की उम्मीदों का प्रतीक है। उम्मीद है कि यह सेतु जल्द तैयार होगा और ऋषिकेश की सुंदरता में चार चांद लगाएगा।



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