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ओपन कराटे चैंपियनशिप में ऋषिकेश के खिलाड़ियों का परचम, जीते 9 स्वर्ण सहित 25 पदक

  • लेखक की तस्वीर: ANH News
    ANH News
  • 19 अग॰
  • 2 मिनट पठन

अपडेट करने की तारीख: 20 अग॰

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ऋषिकेश, 17 अगस्त। देहरादून में आयोजित तृतीय राज्य स्तरीय ओपन कराटे प्रतियोगिता में ऋषिकेश के खिलाड़ियों ने शानदार प्रदर्शन करते हुए कुल 25 पदकों पर कब्जा जमाया। खिलाड़ियों ने 9 स्वर्ण, 8 रजत, और 8 कांस्य पदक जीतकर न केवल अपने शहर का नाम रोशन किया, बल्कि आगामी राष्ट्रीय प्रतियोगिताओं के लिए भी अपनी दावेदारी मजबूत की।


यह प्रतियोगिता 17 अगस्त को देहरादून में आयोजित की गई थी, जिसमें उत्तराखंड के विभिन्न जिलों से आए लगभग 200 प्रतिभागियों ने भाग लिया।


बालिका वर्ग में दमदार प्रदर्शन

मुख्य प्रशिक्षक अजय कुमार ने बताया कि बालिका वर्ग में ऋषिकेश की बेटियों ने आत्मविश्वास और कौशल का शानदार प्रदर्शन किया:


वैदेही जांगिड़ – स्वर्ण


आराध्या रावत – स्वर्ण


अंशिका साहनी – स्वर्ण


सविनया झिंगन – स्वर्ण


रीवा कौशिक – कांस्य


रिहल शर्मा – रजत


रमण वर्मा – कांस्य


माही वर्मा – कांस्य


बालक वर्ग में उभरते सितारे

बालक वर्ग में भी ऋषिकेश के खिलाड़ियों ने जोश और अनुशासन के साथ मुकाबले में भाग लेते हुए कई पदक अपने नाम किए:


पलाक्ष ठाकुर (8 वर्ष) – स्वर्ण


विवांश पटवाल – स्वर्ण


शिवांश गुप्ता – स्वर्ण


रुद्राक्ष शर्मा – स्वर्ण


देवलाल भारद्वाज – स्वर्ण


रुत्विज बिष्ट – रजत


देवांश नौटियाल – रजत


अभिषेक भारद्वाज – रजत


अद्विक राणा – रजत


सुमित राणा – रजत


आरुष ढाली – रजत


अन्मेष रतूड़ी – कांस्य


सिद्धार्थ सिंह – कांस्य


अर्णव पंवार – कांस्य


आदित्य राणा – कांस्य


रोहन चौधरी – कांस्य


वैभव चौधरी – रजत


राष्ट्रीय प्रतियोगिता की तैयारी

प्रशिक्षक अजय कुमार ने आगे बताया कि ये सभी खिलाड़ी अब आगामी सितंबर माह में मेरठ में आयोजित होने वाली यूनाइटेड शोतोकान नॉर्थ इंडिया कराटे प्रतियोगिता में प्रतिभाग करेंगे। इसके लिए सभी खिलाड़ी पूरी मेहनत और अनुशासन के साथ अभ्यास में जुटे हुए हैं।


इस अवसर पर कोच सिद्धार्थ, प्राची, और टीम मैनेजर वैभव भी खिलाड़ियों के साथ मौजूद रहे और उन्होंने खिलाड़ियों को भविष्य के लिए शुभकामनाएं दीं।


ऋषिकेश के युवाओं का यह प्रदर्शन न केवल उनकी मेहनत और लगन को दर्शाता है, बल्कि यह भी प्रमाणित करता है कि छोटे शहरों के खिलाड़ी भी अंतरराष्ट्रीय स्तर तक पहुँचने की क्षमता रखते हैं, बशर्ते उन्हें सही मार्गदर्शन और अवसर मिले।

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