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ऋषिकेश में बढ़े पानी के बिलों पर हंगामा, पार्षदों ने जल संस्थान में की तालाबंदी

  • लेखक की तस्वीर: ANH News
    ANH News
  • 10 अग॰
  • 2 मिनट पठन
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ऋषिकेश: तीर्थनगरी ऋषिकेश में जल संस्थान की कार्यप्रणाली को लेकर जनता का आक्रोश फूट पड़ा है। पानी के बिलों में अचानक हुई अत्यधिक बढ़ोत्तरी से नाराज नगर निगम पार्षदों ने शुक्रवार को जल संस्थान कार्यालय में तालाबंदी कर दी। पार्षदों ने न केवल अधिकारियों पर गंभीर आरोप लगाए, बल्कि चेतावनी दी कि यदि जल्द समाधान नहीं हुआ, तो आंदोलन को और उग्र किया जाएगा।


बढ़ते बिलों से जनता में रोष, अधिकारियों पर लगाए उदासीनता के आरोप

पिछले कई दिनों से नगर निगम क्षेत्र में रह रहे हजारों उपभोक्ता अन्यायपूर्ण रूप से बढ़े पानी के बिलों से परेशान हैं। स्थानीय लोगों का कहना है कि उन्होंने इस संबंध में कई बार जल संस्थान से शिकायत की, लेकिन अधिकारियों ने ना तो सुनवाई की और ना ही कोई कार्रवाई की।


शुक्रवार को नाराजगी इस हद तक बढ़ गई कि नगर निगम पार्षद राजेन्द्र प्रेम सिंह बिष्ट के नेतृत्व में बड़ी संख्या में पार्षद जल संस्थान कार्यालय पहुंचे और वहीं तालाबंदी कर विरोध प्रदर्शन शुरू कर दिया।


पार्षदों ने कहा “यह जनविरोधी रवैया है”

मौके पर मौजूद पार्षदों ने जल संस्थान की कार्यप्रणाली पर सवाल उठाते हुए कहा कि अधिकारियों का जनता की समस्याओं के प्रति रवैया बेहद असंवेदनशील और तानाशाही भरा है।


पार्षद राजेन्द्र प्रेम सिंह बिष्ट ने कहा, “लोग पहले ही महंगाई से परेशान हैं, ऊपर से पानी जैसे मूलभूत सेवा के बिलों में अचानक भारी बढ़ोत्तरी कर देना जनता के साथ सरासर अन्याय है। अगर इस समस्या का जल्द हल नहीं निकाला गया तो हम सड़क पर उतरकर आंदोलन करने को मजबूर होंगे।”


कई पार्षदों ने जताया आक्रोश

इस विरोध प्रदर्शन में पार्षद संजय बिष्ट, सुरेन्द्र सिंह नेगी, सुनीता भारद्वाज, मोहन प्रसाद वशिष्ठ, राजेश कोठियाल, सिमरन उप्पल, वीरेंद्र रमोला, सत्या कपरूवाण, हर्षवर्द्धन रावत, सचवीर भंडारी, चेतन चौहान, संध्या बिष्ट आदि मौजूद रहे। सभी ने मिलकर एक सुर में जल संस्थान से पारदर्शिता और जवाबदेही की मांग की।

प्रशासन की चुप्पी पर सवाल

आम उपभोक्ताओं का कहना है कि जब एक आम आदमी अपने हक के लिए आवाज़ उठाता है, तो उसे नजरअंदाज किया जाता है। वहीं, आज जब जनप्रतिनिधियों ने सामने आकर बात की है, तब भी प्रशासन की ओर से कोई ठोस प्रतिक्रिया नहीं आई है।


क्या कहता है जल संस्थान?

अब तक जल संस्थान की ओर से इस मामले में कोई आधिकारिक बयान सामने नहीं आया है। ऐसे में जनता की बेचैनी और भी बढ़ती जा रही है। पार्षदों ने चेताया है कि यदि जल संस्थान ने जल्द ही जनता के हित में कोई ठोस कदम नहीं उठाया, तो यह विरोध प्रदर्शन और तेज़ होगा।

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