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ऋषिकेश-बदरीनाथ हाईवे हादसे पर डीएम ने दिए जांच और सुरक्षा के सख्त निर्देश, उच्चस्तरीय जांच समिति का भी गठन

  • लेखक की तस्वीर: ANH News
    ANH News
  • 28 जून
  • 3 मिनट पठन

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रुद्रप्रयाग: घोलतीर के समीप ऋषिकेश-बदरीनाथ राष्ट्रीय राजमार्ग पर हुई भीषण वाहन दुर्घटना के बाद जिलाधिकारी प्रतीक जैन ने हादसे की मजिस्ट्रियल जांच के आदेश जारी किए हैं। जांच की ज़िम्मेदारी उप जिलाधिकारी (एसडीएम) याक्षी अरोड़ा को सौंपी गई है।


यह दुःखद दुर्घटना 26 जून 2025 को उस समय हुई, जब एक यात्री वाहन रुद्रप्रयाग से बदरीनाथ की ओर जाते हुए अनियंत्रित होकर अलकनंदा नदी में गिर गया। हादसे में अब तक चार यात्रियों की मौत, आठ घायल, तथा आठ लोग लापता बताए जा रहे हैं।


एसडीएम याक्षी अरोड़ा ने जानकारी दी है कि जो व्यक्ति इस दुर्घटना के बारे में प्रत्यक्षदर्शी हैं अथवा कोई भी सूचना देना चाहते हैं, वे एक सप्ताह के भीतर किसी भी कार्यदिवस में एसडीएम कार्यालय में आकर जानकारी दे सकते हैं।


हाईवे की सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए उच्चस्तरीय समिति गठित

जिलाधिकारी प्रतीक जैन ने शुक्रवार को घटनास्थल का स्थलीय निरीक्षण किया और मामले की गंभीरता को देखते हुए उच्चस्तरीय जांच समिति के गठन की घोषणा की। यह समिति उप जिलाधिकारी की अध्यक्षता में गठित की गई है, जिसमें एआरटीओ, पुलिस, लोक निर्माण विभाग (PWD) और राष्ट्रीय राजमार्ग (NH) से जुड़े अधिकारी शामिल हैं।


इस समिति का उद्देश्य जिले के सभी राष्ट्रीय राजमार्गों का विस्तृत सर्वेक्षण कर संवेदनशील और अति संवेदनशील 'डेंजर ज़ोन' की पहचान करना है, ताकि भविष्य में इस तरह की दुर्घटनाओं को रोका जा सके।


जिलाधिकारी ने सभी संबंधित विभागों को आपसी समन्वय और त्वरित प्रतिक्रिया प्रणाली विकसित करने के निर्देश दिए हैं, जिससे संकट की स्थिति में तुरंत और प्रभावी कदम उठाए जा सकें।


रेस्क्यू कार्यों में आधुनिक तकनीक का प्रयोग

घटनास्थल पर पहुंचकर डीएम प्रतीक जैन ने रेस्क्यू टीमों, पुलिस और राहत एजेंसियों से जानकारी ली। उन्हें बताया गया कि लापता यात्रियों की खोजबीन के लिए ड्रोन, डीप वॉटर कैमरा और अन्य आधुनिक उपकरणों का उपयोग किया जा रहा है।


उन्होंने कहा कि राज्य प्रशासन इस घटना को लेकर अत्यंत गंभीर है और यह सुनिश्चित करने का प्रयास कर रहा है कि ऐसी त्रासदी भविष्य में दोहराई न जाए।


हाईवे पर सुरक्षा प्रबंधन को लेकर विशेष निर्देश

जिलाधिकारी ने सभी राष्ट्रीय राजमार्गों पर सुरक्षा अवसंरचना को मजबूत करने के निर्देश दिए हैं, जिनमें शामिल हैं:


सभी डेंजर जोन पर सुरक्षा साइनेज (चेतावनी संकेतक) लगाना


पैराफिट (सुरक्षा दीवार) और क्रैश बैरियर का निर्माण


स्लिपरी और भूस्खलन संभावित क्षेत्रों में विशेष सतर्कता


रात्रिकालीन यात्रा पर संयम एवं प्रकाश व्यवस्था बेहतर करना


श्रद्धालुओं से जिलाधिकारी की अपील: यात्रा में बरतें पूरी सावधानी

चारधाम यात्रा सीजन को देखते हुए जिलाधिकारी प्रतीक जैन ने विशेष रूप से केदारनाथ और बदरीनाथ यात्रा पर जाने वाले श्रद्धालुओं से सावधानीपूर्वक यात्रा करने की अपील की है। उन्होंने कहा:


"बरसात के मौसम में पर्वतीय मार्गों पर भूस्खलन, फिसलन और पत्थर गिरने की संभावनाएँ अधिक रहती हैं, ऐसे में यात्रियों को हर कदम सोच-समझकर रखना चाहिए।"


उन्होंने यात्रियों से आग्रह किया कि:


अपने वाहन की गति नियंत्रित रखें


चालक पर्याप्त विश्राम के बाद ही यात्रा करें


मौसम और सड़क की स्थिति की जानकारी लेकर ही आगे बढ़ें


किसी भी स्थिति में लापरवाही न बरतें


साथ ही, उन्होंने संबंधित विभागों को निर्देशित किया है कि वे यात्रा मार्गों पर बैरिकेडिंग, चेतावनी बोर्ड और सुरक्षा व्यवस्था सुनिश्चित करें।


यह हादसा एक बार फिर यह याद दिलाता है कि पर्वतीय क्षेत्रों में सड़क सुरक्षा कितनी महत्वपूर्ण है। जिलाधिकारी द्वारा उठाए गए ये कदम केवल एक दुर्घटना की जांच तक सीमित नहीं हैं, बल्कि भविष्य की सुरक्षा व्यवस्था को मजबूत करने की दिशा में एक ठोस प्रयास हैं।

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