मां कूष्मांडा की पूजा विधि: जानें कौन सा रंग है शुभ और कौन से मंत्र करेंगे मनोकामना पूरी
- ANH News
- 26 सित॰
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अपडेट करने की तारीख: 27 सित॰

25 सितंबर 2025 को नवरात्रि का चौथा दिन है, जिसे मां कूष्मांडा की आराधना के लिए विशेष माना जाता है। मां कूष्मांडा को सृष्टि की रचयिता के रूप में जाना जाता है, जो शक्ति और ऊर्जा की प्रतिमूर्ति हैं। इस दिन मां की पूजा करने से बुद्धि, बल और यश की प्राप्ति होती है। इसके साथ ही जीवन से नकारात्मकता दूर होकर सुख-संपन्नता और सफलता का मार्ग प्रशस्त होता है।
नवरात्रि के चौथे दिन रॉयल ब्लू रंग को विशेष महत्व दिया गया है। यह रंग न केवल शक्ति और आत्मविश्वास का प्रतीक है, बल्कि समृद्धि और विचारों की गहराई को भी दर्शाता है। इसलिए इस दिन रॉयल ब्लू रंग के वस्त्र पहनना अत्यंत शुभ माना जाता है।
सुबह उठकर स्नान के बाद साफ-सुथरे वस्त्र धारण करना चाहिए, जिसमें रॉयल ब्लू रंग का वस्त्र विशेष प्रभावी होता है। पूजा स्थल की सफाई और गंगाजल से छिड़काव के बाद फूलों से उसकी शोभा बढ़ाई जाती है। मां कूष्मांडा की तस्वीर या प्रतिमा को लकड़ी की चौकी पर पीले वस्त्र के ऊपर स्थापित कर श्रद्धा के साथ ध्यान लगाया जाता है। पूजा के दौरान मां को पीले रंग के वस्त्र, फल-फूल, मिठाइयाँ, अक्षत, नैवेद्य, धूप और दीप अर्पित किए जाते हैं। इसके पश्चात मां कूष्मांडा को भोग लगाया जाता है और दुर्गा चालीसा या दुर्गा सप्तशती का पाठ कर अपनी भूलों के लिए क्षमा याचना की जाती है।
इस दिन मंत्र जाप का भी विशेष महत्व होता है। "ॐ देवी कूष्माण्डायै नमः" के साथ बीज मंत्र "ऐं ह्रीं क्लीं कूष्मांडायै नमः" का जप करना शुभ फलदायी माना जाता है। इसके अतिरिक्त स्तुति मंत्र में कहा गया है,
"या देवी सर्वभूतेषु मां कूष्माण्डा रूपेण संस्थिता
नमस्तस्यै नमस्तस्यै नमस्तस्यै नमो नमः,"
जो मां की दिव्य शक्ति की महिमा का गुणगान करता है।
इस प्रकार नवरात्रि के चौथे दिन मां कूष्मांडा की आराधना करने और रॉयल ब्लू रंग के वस्त्र धारण करने से जीवन में सकारात्मकता, सामर्थ्य और समृद्धि की प्राप्ति होती है, जो भक्तों के लिए अनमोल आशीर्वाद सिद्ध होती है।





