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Rishikesh: बैराज-नीलकंठ मोटर मार्ग पर अब नहीं भटकेंगे श्रद्धालु

  • लेखक की तस्वीर: ANH News
    ANH News
  • 7 सित॰
  • 2 मिनट पठन

अपडेट करने की तारीख: 8 सित॰

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बैराज से नीलकंठ मंदिर की ओर जाने वाले मोटर मार्ग पर यात्रियों और श्रद्धालुओं को अब रास्ता ढूंढने में कठिनाई नहीं होगी। लोक निर्माण विभाग (लोनिवि) दुगड्डा द्वारा सात लाख रुपये की लागत से इस मार्ग पर सात महत्वपूर्ण स्थानों पर साइन बोर्ड लगाए जा रहे हैं। यह कार्य विभाग द्वारा प्रारंभ कर दिया गया है और शीघ्र ही पूरे मार्ग पर साइन बोर्ड स्पष्ट रूप से दिखाई देने लगेंगे।


यह मार्ग धार्मिक और पर्यटन की दृष्टि से अत्यंत महत्वपूर्ण है, क्योंकि नीलकंठ महादेव मंदिर में प्रतिदिन बड़ी संख्या में श्रद्धालु दर्शन के लिए पहुंचते हैं। लेकिन अब तक इस मार्ग पर उचित दिशासूचक बोर्डों का अभाव था, जिसके कारण कई बार श्रद्धालु भ्रमित होकर पीपलकोटी से दिउली की ओर चले जाते थे। साइन बोर्ड न होने से मार्ग की दूरी, आस-पास के गांवों, तथा स्थानीय होटलों व रिज़ॉर्टों की जानकारी यात्रियों को नहीं मिल पाती थी।


खासकर घट्टूगाड़, खैरखाल और पीपलकोटी क्षेत्र में अनेक होटल और रिजॉर्ट हैं, जहां देश-विदेश से पर्यटक आते हैं। लेकिन स्थानों की स्पष्ट पहचान न होने और दिशासूचक संकेतों की कमी के चलते उन्हें गंतव्य तक पहुंचने में दिक्कत होती है। कई पर्यटक तो गूगल मैप के भरोसे कांडी रोड की ओर भटक जाते हैं, जिससे उनका समय और ऊर्जा दोनों व्यर्थ होती है।


स्थानीय ग्रामीणों कोमल सिंह, गौरव कपरूवान, कार्तिक कपरूवान, शमशेर पयाल और अनुज आदि ने बताया कि लंबे समय से इस मार्ग पर साइन बोर्ड लगाए जाने की मांग की जा रही थी। अब जब यह कार्य शुरू हो गया है, तो निश्चित रूप से इससे न केवल श्रद्धालुओं को बल्कि पर्यटकों और वाहन चालकों को भी बड़ी राहत मिलेगी।


साइन बोर्डों पर स्थान का नाम और उसकी दूरी स्पष्ट रूप से अंकित की जाएगी, जिससे यात्रियों को सही मार्ग की पहचान में सुविधा होगी। यह पहल दिन और रात, दोनों समय यात्रा करने वालों के लिए लाभकारी सिद्ध होगी। बैराज से लेकर पीपलकोटी तक कुल सात स्थानों पर ये साइन बोर्ड लगाए जा रहे हैं।


लोनिवि दुगड्डा के अपर सहायक अभियंता शशि प्रकाश ने जानकारी देते हुए बताया कि सभी प्रमुख स्थानों को चिह्नित कर वहां साइन बोर्ड लगाने का कार्य प्रगति पर है, और शीघ्र ही यह पूरी तरह पूर्ण कर लिया जाएगा। यह कदम न केवल मार्गदर्शन के लिए उपयोगी होगा, बल्कि क्षेत्रीय पर्यटन को भी प्रोत्साहित करेगा।

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