धामी सरकार युवाओं के लिए करने जा रही खास स्किल जनगणना, ऐसे करेगा काम
- ANH News
- 27 अक्टू॰
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उत्तराखंड की पुष्कर सिंह धामी सरकार राज्य में युवाओं की शिक्षा और कौशल के स्तर का आकलन करने के लिए पहली बार कौशल जनगणना कराने जा रही है। यह खास तरह की जनगणना राज्य के युवाओं की रुचियों, क्षमताओं और उद्योगों में उनकी कौशल आवश्यकताओं की जानकारी जुटाने के उद्देश्य से की जाएगी। इसके आधार पर सरकार युवाओं को कौशल आईडी प्रदान करेगी, जिससे उन्हें उनके रूचि और क्षमता के अनुसार रोजगार से जोड़ा जा सकेगा।
यह पहल देश में अब तक केवल आंध्र प्रदेश में ही की जा चुकी है। अगर उत्तराखंड में यह सफलतापूर्वक लागू हुई, तो यह राज्य देश में दूसरा ऐसा राज्य बन जाएगा, जहां युवाओं की क्षमताओं और कौशल के आधार पर रोजगार और प्रशिक्षण योजनाओं को सीधे रूप से आकार दिया जाएगा।
सरकार की योजना के तहत कौशल विकास समिति ने इसकी तैयारियों का काम शुरू कर दिया है। राज्य में बढ़ती रोजगार और स्वरोजगार की मांगों को देखते हुए सरकार यह जानना चाहती है कि किन क्षेत्रों में किस प्रकार की कौशल आवश्यकता है और युवाओं की रुचि किन उद्योगों और व्यवसायों में है। इस जानकारी के आधार पर प्रशिक्षण कार्यक्रम और रोजगार योजनाएं तैयार की जाएंगी।
कौशल जनगणना के नोडल अधिकारी पंकज कुमार के अनुसार, शासन ने इसकी अनुमति दे दी है और अब डीपीआर तैयार करने के लिए कंसल्टेंसी का चयन किया जा रहा है। डेटा संग्रहण ऑनलाइन और ऑफलाइन दोनों माध्यमों से किया जा सकता है, इस पर अंतिम निर्णय अभी लिया जाना बाकी है।
इस जनगणना से प्रदेश में मौजूदा कौशल का व्यापक मूल्यांकन होगा और यह पता चलेगा कि उद्योगों की जरूरतों और युवाओं की क्षमताओं के बीच कहां अंतर है। इस डेटा के आधार पर प्रशिक्षण कार्यक्रम तैयार किए जाएंगे और युवाओं को सही रोजगार के अवसर उपलब्ध कराए जाएंगे।
आंध्र प्रदेश में इसी तरह की कौशल जनगणना पहले ही लागू हो चुकी है, जहां 15 से 59 वर्ष की आयु वर्ग के युवाओं और कंपनियों की कौशल आवश्यकताओं का डेटा एकत्र किया गया। उत्तराखंड में भी इसी प्रकार की दो-चरणीय योजना अपनाई जा सकती है, जिससे युवाओं के कौशल और रोजगार के बीच बेहतर तालमेल स्थापित किया जा सके।युवाओं की विशेष ‘जनगणना’ शुरू, इस राज्य में देश में दूसरी बार, जानें- क्या है तरीका





