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आवारा और निराश्रित पशुओं को मिला सहारा, गोशाला में भेजने का काम शुरु

  • लेखक की तस्वीर: ANH News
    ANH News
  • 26 सित॰
  • 3 मिनट पठन

अपडेट करने की तारीख: 27 सित॰

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ऋषिकेश: आवारा और निराश्रित गोवंश को सुरक्षित स्थान पर भेजने की प्रक्रिया आज से शुरू हो गई है। यह कदम न केवल पशुओं के लिए आवश्यक है, बल्कि यह सड़क सुरक्षा को भी महत्वपूर्ण रूप से सुधारने में मदद करेगा।


नगर निगम की पहल

ऋषिकेश नगर निगम की टीम ने आवारा और निराश्रित गोवंश को पकड़ने की मुहिम शुरू की है। यह कदम ऐसे स्थानों पर सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए उठाया गया है, जहां गोवंश की मौजूदगी सड़क हादसों का कारण बनती है। आंकड़ों के अनुसार, हर साल कुछ सड़क दुर्घटनाओं में आवारा पशुओं की भूमिका होती है, जिससे कई लोगों को चोटें आती हैं।


समस्या की गंभीरता

ऋषिकेश विधानसभा क्षेत्र में लगभग 2,500 से 3,000 आवारा और निराश्रित गोवंश सड़कों पर घूमते हैं। इनमें से केवल ऋषिकेश नगर निगम क्षेत्र में ही 800 से अधिक गोवंश चिन्हित किए गए हैं। यह संख्या इस समस्या की गंभीरता को दर्शाती है। यदि इसे समय रहते नहीं सुलझाया गया, तो सड़क पर दुर्घटनाओं का खतरा और बढ़ सकता है।


राज्य मंत्री की पहल

राज्य मंत्री सुरेंद्र मोघा की पहल से निराश्रित गोवंश को शिफ्ट करने का काम शुरू हुआ है। उनका मानना है कि इस कदम से सड़क हादसों की संख्या में 30% तक कमी लाने की आशा है। साथ ही, गोवंश की आपसी लड़ाई में चोटिल होने वाले व्यक्तियों के लिए यह भी सुरक्षा प्रदान करेगा।


राज्य मंत्री ने बताया कि अगले 3 से 4 महीने में सभी गोवंश को पशु कल्याण बोर्ड की रजिस्टर्ड गौशाला में स्थानांतरित करने का लक्ष्य रखा गया है। गौशाला में इन पशुओं को किसी भी प्रकार की दिक्कत नहीं होगी, इससे यह सुनिश्चित होगा कि गोवंश को एक सुरक्षित और स्वस्थ वातावरण मिले।


सड़क सुरक्षा में सुधार

इस पहल का एक महत्वपूर्ण लाभ सड़क सुरक्षा में सुधार होगा। आवारा गोवंश का सड़कों पर उपस्थित होना अक्सर दुर्घटनाओं का कारण बनता है। जब ये गोवंश गौशाला में सुरक्षित रूप से रहेंगे, तो सड़क पर होने वाले हादसों में काफी कमी आएगी। एक रिपोर्ट के अनुसार, आवारा पशुओं की वजह से करीब 15% सड़क हादसे होते हैं।


स्थानीय लोगों की प्रतिक्रिया

स्थानीय लोगों ने इस पहल का बहुत स्वागत किया है। उनका मानना है कि यह कदम न केवल गोवंश के लिए, बल्कि मानव जीवन के लिए भी महत्वपूर्ण है। लोग महसूस कर रहे हैं कि अब उनकी सड़कें अधिक सुरक्षित होंगी और उनके परिवार को एक सुरक्षित वातावरण मिलेगा।


श्यामपुर की गाड़ी मयचक ग्राम सभा के स्थानीय लोगों ने सामूहिक प्रयास से 20 निराश्रित गोवंश को पकड़कर हरिद्वार के गौशाला में भेजा है। यह पहल स्थानीय समुदाय की सक्रिय भागीदारी को दर्शाती है। स्थानीय लोगों ने अपनी मेहनत से यह सुनिश्चित किया कि अपने आसपास के वातावरण और पशुओं की सुरक्षा की जाए।


भविष्य की योजनाएँ

इस पहल के सफल कार्यान्वयन के बाद, राज्य मंत्री ने भविष्य में और भी योजनाएँ बनाने की बात की है। उनका लक्ष्य है कि अन्य क्षेत्रों में भी समान पहल की जाए, ताकि सभी आवारा और निराश्रित गोवंश को सुरक्षित स्थान पर भेजा जा सके।


सारांश

ऋषिकेश में आवारा गोवंश को गौशाला में भेजने की यह पहल न केवल पशुओं के कल्याण के लिए जरूरी है, बल्कि यह सड़क सुरक्षा में सुधार लाने में भी सहायक रहेगी। स्थानीय समुदाय की भागीदारी और राज्य मंत्री की सक्रियता इस कार्य को सफल बनाने में महत्वपूर्ण भूमिका निभा रही है।


यह कदम न केवल एक सकारात्मक बदलाव का प्रतीक है, बल्कि यह सभी के लिए एक सुरक्षित और स्वस्थ वातावरण बनाने की दिशा में एक महत्वपूर्ण प्रयास है।



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