ये हैं असली रावण, 8 साल की बच्ची से दुष्कर्म, ऐसे राक्षसों से कैसे बचेगी बेटियां?
- ANH News
- 6 अक्टू॰
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ऋषिकेश: एक मकान मालिक पर अपने किराएदार की 8 वर्षीय बेटी से दुष्कर्म का आरोप लगा है। यह घटना न केवल पीड़िता के परिवार को बल्कि पूरे समुदाय को हिला कर रख दिया है।
घटना का विवरण
30 सितंबर को, जब एक स्थानीय युवक अपने काम पर गया था, उसकी पत्नी भी घर पर नहीं थी। इस स्थिति का फायदा उठाते हुए, मकान मालिक ने बच्ची को बहलाकर उसके साथ दुष्कर्म किया। जब पिता घर लौटकर आया, तब उसकी बेटी ने उसे अपनी आपबीती सुनाई। यह जानकर परिवार में भयानक हड़कंप मच गया। यह घटना केवल एक परिवार को नहीं, बल्कि पूरे समाज को मुश्किल में डाल देती है।
पुलिस की कार्रवाई
पिता ने तुरंत इस भयावह घटना की रिपोर्ट पुलिस में की। ऋषिकेश कोतवाली पुलिस ने सक्रियता दिखाते हुए मामले को गंभीरता से लिया, एफआईआर दर्ज की और पीड़िता का मेडिकल परीक्षण कराया। मेडिकल रिपोर्ट में दुष्कर्म की पुष्टि हुई। पुलिस ने आरोपी मकान मालिक, भारत सिंह, जिसकी उम्र 50 वर्ष है, को गिरफ्तार किया। गिरफ्तारी से पहले इस मामले में पीड़िता और उसके परिवार की सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए अस्थायी उपाय किए गए।
समाज पर प्रभाव
यह घटना न केवल पीड़िता के परिवार पर असर डालती है, बल्कि समाज में भय और चिंता का माहौल भी पैदा करती है। नाबालिगों के खिलाफ होने वाले इस प्रकार के अपराधों की बढ़ती संख्या, जो कि पिछले साल की तुलना में 25% ज्यादा है, सोचने पर मजबूर करती है। समाज की जिम्मेदारी होती है कि वह पीड़ितों का समर्थन करे और ऐसे अपराधों के खिलाफ एकजुट होकर आवाज उठाए। हमें यह याद रखने की आवश्यकता है कि हमारे बच्चे कब सुरक्षित रहते हैं और उनके कल के लिए क्या कर सकते हैं।
कानूनी प्रक्रिया
कानूनी प्रक्रिया में कई महत्वपूर्ण चरण होते हैं, जैसे कि शिकायत दर्ज करना, मेडिकल परीक्षण कराना, और सबूत इकट्ठा करना। इस मामले में, पुलिस ने तेजी से कार्रवाई की और आरोपी को गिरफ्तार किया। यह होना आवश्यक है कि न्यायालय में मामले की सुनवाई जल्दी से जल्दी हो, ताकि पीड़िता को न्याय मिल सके।
विशेष ध्यान रखें
ऋषिकेश में हुई यह घटना एक गंभीर चेतावनी है। हमें अपने बच्चों की सुरक्षा के प्रति सजग रहना चाहिए। समाज को मिलकर ऐसे अपराधों के खिलाफ खड़ा होना होगा और पीड़ितों का समर्थन करना चाहिए। यह घटना हमें याद दिलाती है कि सुरक्षा केवल एक व्यक्तिगत जिम्मेदारी नहीं, बल्कि यह सामूहिक प्रयास का परिणाम है।
हमें यह सुनिश्चित करना चाहिए कि हम अपने बच्चों को सुरक्षित रखने के लिए सभी आवश्यक कदम उठाएं। अपने आस-पास के लोगों के प्रति जागरूक रहना और संदिग्ध गतिविधियों की रिपोर्ट करना आवश्यक है।
इस प्रकार की घटनाओं के खिलाफ जागरूकता फैलाना और सकारात्मक बदलाव लाना आवश्यक है। हमें एक ऐसा वातावरण बनाना चाहिए जहां सभी बच्चे सुरक्षित महसूस करें और अपने अधिकारों के लिए खड़े हो सकें।





