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तीर्थनगरी का शिक्षा जगत गमगीन, 85 वर्षीय प्रखर शिक्षाविद् ईश्वर दत्त जोशी का निधन

  • लेखक की तस्वीर: ANH News
    ANH News
  • 31 जुल॰
  • 2 मिनट पठन
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ऋषिकेश ने आज शिक्षा जगत के एक प्रखर और सम्मानित व्यक्तित्व को खो दिया। श्री भरत मंदिर इंटर कॉलेज के पूर्व प्रधानाचार्य और क्षेत्र के प्रतिष्ठित शिक्षाविद् ईश्वर दत्त जोशी (आई.डी. जोशी) का बुधवार प्रातः निधन हो गया। वे 85 वर्ष के थे और पिछले कुछ समय से अस्वस्थ चल रहे थे।


शिक्षा के क्षेत्र में रहा अमूल्य योगदान

ईश्वर दत्त जोशी जी ने शिक्षा के क्षेत्र में अपने चार दशकों से भी अधिक के समर्पित सेवा काल में हजारों विद्यार्थियों को न केवल शिक्षित किया, बल्कि जीवन के मूल्यों का भी बोध कराया। श्री भरत मंदिर इंटर कॉलेज में उन्होंने एक आदर्श प्रधानाचार्य के रूप में संस्था की गरिमा को नई ऊँचाइयों तक पहुँचाया। उनके नेतृत्व में विद्यालय ने कई शैक्षणिक और सामाजिक उपलब्धियाँ हासिल कीं।


सादगी, अनुशासन और मूल्य-आधारित शिक्षा के पक्षधर

जोशी जी अपने विद्यार्थियों और सहकर्मियों के बीच अनुशासनप्रिय, सौम्य, तथा मूल्यनिष्ठ शिक्षक के रूप में विख्यात थे। शिक्षा को उन्होंने केवल नौकरी नहीं, बल्कि सेवा का माध्यम माना। वे छात्रों के लिए न केवल एक शिक्षक, बल्कि मार्गदर्शक, संरक्षक और प्रेरणा-पुरुष थे।


निधन से शोक की लहर

उनके निधन की खबर से शिक्षा क्षेत्र में शोक की लहर दौड़ गई है। स्थानीय शिक्षकों, पूर्व छात्रों और सामाजिक संगठनों ने गहरा शोक व्यक्त करते हुए इसे शहर के बौद्धिक परिदृश्य की अपूरणीय क्षति बताया है। विद्यालय में विशेष शोकसभा का आयोजन कर उन्हें श्रद्धांजलि दी गई।


समाज और संस्कृति से भी रहा गहरा जुड़ाव

जोशी जी न केवल एक शिक्षाविद् थे, बल्कि समाजसेवा, संस्कृति और लोक परंपराओं से भी उनका गहरा जुड़ाव रहा। उन्होंने हमेशा नई पीढ़ी को संस्कार, संस्कृति और शिक्षा के त्रिवेणी संगम की सीख दी।


शब्दों में श्रद्धांजलि

उनके शिष्यों और सहकर्मियों ने नम आँखों से उन्हें याद करते हुए कहा

"जोशी सर सिर्फ शिक्षक नहीं, एक संस्था थे। उनके सिद्धांत और शिक्षाएं सदैव हमारे जीवन का मार्गदर्शन करेंगी।"


अंतिम संस्कार

जानकारी के अनुसार, उनका अंतिम संस्कार बुधवार दोपहर को हरिद्वार में पूर्ण विधि-विधान से किया गया। उनके पार्थिव शरीर को श्रद्धांजलि देने के लिए बड़ी संख्या में शिक्षक, छात्र, सामाजिक कार्यकर्ता और स्थानीय नागरिक उपस्थित रहे।

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