top of page

बदरीनाथ धाम के कपाट बंद होने की तिथियाँ, विशेषताएँ

  • लेखक की तस्वीर: ANH News
    ANH News
  • 2 अक्टू॰
  • 3 मिनट पठन

अपडेट करने की तारीख: 3 अक्टू॰

ree

भू- बैकुंठ श्री बदरीनाथ धाम, उत्तराखंड के चार धामों में से एक, हर वर्ष लाखों श्रद्धालुओं के लिए एक महत्वपूर्ण तीर्थ स्थल बना रहता है। यह तीर्थ स्थान सिर्फ आध्यात्मिक यात्रा नहीं है, बल्कि यह पवित्रता, शांति और स्वर्गिक सौंदर्य का भी प्रतीक है। इस वर्ष, बदरीनाथ धाम के कपाट 25 नवंबर को शाम 2 बजकर 56 मिनट पर बंद होंगे। यह समय भक्तों के लिए एक अनूठा अवसर है, जब वे इस पवित्र स्थल के दर्शन करना चाहते हैं।


बदरीनाथ धाम का महत्व


बदरीनाथ धाम का धार्मिक और सांस्कृतिक महत्व गहन है। यह भगवान विष्णु का एक प्रमुख तीर्थ स्थल माना जाता है। हर साल यहाँ लगभग 7 लाख श्रद्धालु आते हैं, जो अपनी आस्था के साथ इस पवित्र स्थान की यात्रा करते हैं। बदरीनाथ धाम की यात्रा न केवल आध्यात्मिक होती है, बल्कि इसकी प्राकृतिक सुंदरता भी मंत्रमुग्ध कर देती है। यहाँ के खूबसूरत पहाड़, नदियाँ और हरियाली इसे एक अद्वितीय स्थल बनाते हैं।


कपाट बंद होने की तिथि


इस वर्ष, बदरीनाथ धाम के कपाट 25 नवंबर को शाम 2 बजकर 56 मिनट पर बंद होंगे। यह तिथि हर वर्ष बदलती है, मगर आमतौर पर कार्तिक मास की शुक्ल पक्ष की एकादशी के आसपास होती है। इस दिन, तीर्थयात्री भगवान बदरीनाथ के अंतिम दर्शन के लिए बड़ी संख्या में एकत्र होते हैं। पिछले वर्ष, सुबह 10 बजे तक 5,000 से ज्यादा श्रद्धालुओं ने अंत में इस मंदिर का दर्शन किया।


अन्य धामों के कपाट बंद होने की तिथियाँ


बदरीनाथ धाम के अलावा, अन्य प्रमुख धामों के कपाट भी शीतकाल के लिए बंद होते हैं। उदाहरण के लिए:


  • श्री केदारनाथ धाम के कपाट 23 अक्टूबर 2025 को बंद होंगे।

  • द्वितीय केदार श्री मद्महेश्वर जी के कपाट 18 नवंबर को बंद होंगे।

  • तृतीय केदार श्री तुंगनाथ जी के कपाट 6 नवंबर को बंद होंगे।


ये तिथियाँ श्रद्धालुओं के लिए महत्वपूर्ण हैं ताकि वे इन धामों की यात्रा की योजना बना सकें।


यात्रा की तैयारी


बदरीनाथ धाम की यात्रा के लिए उचित तैयारी आवश्यक है। यदि आप नवम्बर में यहाँ यात्रा करने की योजना बना रहे हैं, तो मौसम के बारे में जानकारी रखना जरूरी है। यहाँ का तापमान 2°C से 10°C के बीच रहता है, इसलिए गर्म कपड़े बेहद जरूरी हैं। इसके अलावा स्वास्थ्य सुविधाओं का ध्यान रखना और यात्रा के साधनों की व्यवस्था करना भी महत्वपूर्ण है।


श्रद्धालुओं के लिए विशेष आयोजन


बदरीनाथ धाम के कपाट बंद होने के अवसर पर विशेष आयोजन आयोजित किए जाते हैं। यहाँ भव्य पूजा-अर्चना होती है, जिसमें भक्तों की बड़ी संख्या शामिल होती है। यह एक ऐसा समय होता है जब श्रद्धालु अपनी इच्छाएँ भगवान के समक्ष रखते हैं। पिछले वर्ष, लगभग 10,000 भक्तों ने विभिन्न प्रकार की पूजा-अर्चना में भाग लिया, जिससे यह आयोजन हर साल की खासियत बनता है।


प्राकृतिक सौंदर्य का अनुभव


बदरीनाथ धाम का प्राकृतिक सौंदर्य अद्वितीय है। यहाँ पहाड़ों, जलधाराओं और हरी वादियों का मिलाजुला दृश्य मन को मोह लेता है। कपाट बंद होने के बाद यह स्थान शांत और सुरम्य हो जाता है। श्रद्धालु यहाँ की शांति और प्राकृतिक सौंदर्य का अनुभव कर सकते हैं और यह यात्रा के सबसे खास पहलुओं में से एक है।

श्रद्धालुओं की आस्था


बदरीनाथ धाम में श्रद्धालुओं की आस्था अद्वितीय है। यहाँ आने वाले भक्त अपनी समस्याओं का समाधान और मानसिक शांति की खोज में आते हैं। यह स्थान न केवल धार्मिक दृष्टि से महत्वपूर्ण है, बल्कि यह मानसिक और भावनात्मक स्वास्थ्य के लिए भी लाभकारी है। एक हालिया सर्वे ने दिखाया कि 65% श्रद्धालु मानसिक शांति के लिए यहाँ आते हैं, जो इसकी गहनता को दर्शाता है।


यात्रा के दौरान ध्यान रखने योग्य बातें


बदरीनाथ धाम की यात्रा के दौरान कुछ बातों का ध्यान रखना आवश्यक है। श्रद्धालुओं को अपने स्वास्थ्य का ध्यान रखना चाहिए, यात्रा के समय पर्याप्त पानी और भोजन का प्रबंध करना चाहिए। इसके अलावा, स्थानीय नियमों और परंपराओं का सम्मान करना भी बेहद महत्वपूर्ण है।


अंतिम विचार


इस वर्ष, बदरीनाथ धाम के कपाट 25 नवंबर को बंद होंगे, और यह एक महत्वपूर्ण अवसर है जब श्रद्धालु भगवान बदरीनाथ के दर्शन कर सकते हैं। अन्य धामों के कपाट बंद होने की तिथियाँ भी श्रद्धालुओं के लिए महत्वपूर्ण हैं। यात्रा की तैयारी, प्राकृतिक सौंदर्य का अनुभव, और श्रद्धालुओं की आस्था इस यात्रा को विशेष बनाते हैं।


बदरीनाथ धाम की यात्रा न केवल धार्मिक होती है, बल्कि यह एक अद्वितीय अनुभव भी प्रदान करती है। इस लिए, यदि आप इस वर्ष बदरीनाथ धाम की यात्रा की योजना बना रहे हैं, तो सुनिश्चित करें कि आप सभी आवश्यक तैयारियाँ कर लें और इस पवित्र स्थान का अनुभव करें।

bottom of page