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ऋषिकेश में शनिवार से गंगा में रिवर राफ्टिंग का रोमांच

  • लेखक की तस्वीर: ANH News
    ANH News
  • 24 सित॰
  • 2 मिनट पठन

अपडेट करने की तारीख: 25 सित॰

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ऋषिकेश: रिवर राफ्टिंग के शौकीनों का इंतजार अब खत्म हो गया है। 27 सितंबर से गंगा में रिवर राफ्टिंग का संचालन शुरू होगा। तकनीकी टीम ने मरीन ड्राइव से लेकर खारास्रोत मुनि की रेती तक गंगा नदी में रेकी की।


27 सितंबर से गंगा में रिवर राफ्टिंग का संचालन शुरू हो जायेगा। तकनीकी टीम ने मरीन ड्राइव से लेकर खारास्रोत मुनि की रेती तक गंगा नदी में रेकी की गई है। इस टीम का आईटीबीपी शिवपुरी के निरीक्षक बैनजोत, वन विभाग से दुर्लभ सिंह भंडारी, अरविन्द और धर्मेंद्र नेगी हिस्सा बने। बने।


उत्तराखंड के कौड़ियाला-मुनिकीरेती ईको टूरिज्म जोन में राफ्टिंग गतिविधियाँ फिर से शुरू होने की तैयारी जोर-शोर से चल रही है। राज्य के पर्यटन विभाग की तकनीकी समिति आगामी बुधवार को इस क्षेत्र का निरीक्षण करेगी, जिसके बाद राफ्टिंग की अनुमति मिलने की संभावना है। निरीक्षण के दौरान गंगा नदी के मरीन ड्राइव से लेकर खारास्रोत तक की दूरी पर राफ्टिंग की स्थिति का जायजा लिया जाएगा। इस कार्य में विशेषज्ञों के साथ-साथ अनुभवी गाइड भी शामिल होंगे, ताकि नदी के स्तर, बहाव और सुरक्षा की पूरी जांच हो सके। उम्मीद जताई जा रही है कि 28 सितंबर से गंगा में रंग-बिरंगी राफ्ट्स देखने को मिलेंगी और इस साहसिक खेल का दौर फिर से शुरू होगा।


मानसून की शुरुआत के साथ ही गंगा में राफ्टिंग पर रोक लगाई गई थी, जो आमतौर पर सितंबर के तीसरे सप्ताह तक जारी रहती है। पिछले वर्ष भी राफ्टिंग का सीजन 24 सितंबर से शुरू हुआ था, जब पर्यटन विभाग ने तकनीकी सर्वे के बाद अनुमति प्रदान की थी। इस बार अगस्त और सितंबर में भारी बारिश के कारण तकनीकी समिति समय पर सर्वे नहीं कर पाई थी, जिससे राफ्टिंग की शुरुआत में देरी हुई। हाल ही में पर्यटन विभाग के अधिकारियों ने राफ्टिंग कंपनियों के प्रतिनिधियों के साथ बैठक की, जिसमें तय किया गया कि 24 सितंबर को गंगा नदी में राफ्टिंग के लिए निरीक्षण किया जाएगा। इस निरीक्षण के आधार पर ही राफ्टिंग शुरू करने के संबंध में अंतिम निर्णय लिया जाएगा।


मुनिकीरेती क्षेत्र में राफ्टिंग केवल एक खेल नहीं बल्कि कई सैकड़ों परिवारों की आजीविका का भी महत्वपूर्ण स्रोत है। गर्मियों में यह क्षेत्र साहसिक खेल प्रेमियों और पर्यटकों से गुलजार रहता है, जिनमें अधिकांश पर्यटक हरियाणा, दिल्ली, एनसीआर, उत्तर प्रदेश और अन्य राज्यों से आते हैं। पर्यटन विभाग के साहसिक पर्यटन अधिकारी जसपाल चौहान के अनुसार, गंगा नदी का वर्तमान जल स्तर 338.05 मीटर पर है। तकनीकी समिति इस जल स्तर और नदी के व्यवहार का विश्लेषण कर तय करेगी कि राफ्टिंग के लिए परिस्थितियाँ अनुकूल और सुरक्षित हैं या नहीं।


योजना के तहत राफ्टिंग की शुरुआत कई चरणों में की जाएगी। प्रारंभिक चरण में ब्रह्मपुरी क्षेत्र से राफ्टिंग की अनुमति दी जाएगी, उसके बाद फूलचट्टी क्षेत्र में भी इस खेल को पुनः शुरू किया जाएगा। इन दोनों स्थानों के बाद अन्य संभावित राफ्टिंग स्थलों का भी विस्तृत सर्वे किया जाएगा और सुरक्षित पाए जाने पर वहां भी राफ्टिंग की अनुमति दी जाएगी। इस प्रकार पर्यटन विभाग पूरी सावधानी और सुरक्षा के साथ राफ्टिंग गतिविधियों को पुनर्जीवित करने की दिशा में कार्यरत है, ताकि न केवल पर्यटकों को मनोरंजन और रोमांच का अनुभव मिले, बल्कि स्थानीय लोगों की आर्थिक स्थिति भी मजबूत हो सके।

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