लिव-इन रिलेशनशिप में रहने वालों के लिए यूसीसी ने पेश किया नया नियम
- ANH News
- 28 जन॰
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सामान नागरिक संहिता (यूसीसी) के तहत एक महत्वपूर्ण प्रावधान लिव-इन रिलेशनशिप में रहने वाले जोड़ों के लिए पेश किया गया है, जो बिना शादी किए एक साथ रहने की इच्छा रखते हैं, लेकिन उन्हें किराए पर घर नहीं मिल पाता। इस नियम के अनुसार, ऐसे जोड़े अब यूसीसी पोर्टल पर पंजीकरण कराकर एक प्रोविजिनल सर्टिफिकेट प्राप्त कर सकते हैं, जो उन्हें 30 दिनों तक वैध रहेगा। यदि आवश्यकता हो, तो इसे 15 और दिनों के लिए बढ़ाया भी जा सकता है। इस सर्टिफिकेट के आधार पर, ये जोड़े किराए का घर ले सकते हैं, और मकान मालिक यह कारण नहीं बना सकते कि शादी नहीं होने के कारण वे लिव-इन रिलेशनशिप को मान्यता नहीं देंगे।
यूसीसी नियमावली समिति के अध्यक्ष शत्रुघ्न सिंह के अनुसार, यदि किसी जोड़े के पास पहले से साझा आवास है, तो उनका पंजीकरण संक्षिप्त जांच के बाद सीधे हो जाएगा। यदि आवास नहीं है, तो वे पहले प्रोविजिनल सर्टिफिकेट प्राप्त कर सकते हैं और फिर 45 दिनों के भीतर आवास प्रमाणपत्र दाखिल करके पूर्ण पंजीकरण करवा सकते हैं।
यूसीसी के अन्य महत्वपूर्ण प्रावधान:
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-लिव-इन रिलेशनशिप समाप्ति: जोड़े ऑनलाइन या ऑफलाइन तरीके से लिव-इन रिलेशनशिप को समाप्त कर सकते हैं। यदि एक साथी आवेदन करता है, तो रजिस्ट्रार दूसरे साथी से पुष्टि लेकर इसे स्वीकार करेगा।
-बच्चे का जन्म: यदि लिव-इन में रहने वाले जोड़े के यहां बच्चा जन्म लेता है, तो इसे रजिस्ट्रार को 30 दिन के भीतर सूचित करना अनिवार्य होगा। इस संबंधी किसी भी विवाद का निपटारा सिविल कोर्ट में होगा।
-लिव-इन संबंध से जुड़ी प्रक्रिया में शुल्क: लिव-इन संबंध से जुड़े किसी भी परिवर्तन या समाप्ति में शुल्क का भुगतान करना होगा।
कानूनी दंड:
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-यदि कोई जोड़ा एक महीने के भीतर लिव-इन रिलेशनशिप का पंजीकरण नहीं कराता, तो उसे तीन महीने तक की जेल, 10,000 रुपये जुर्माना या दोनों सजा हो सकती है।
-पंजीकरण में गलत जानकारी देने, दस्तावेजों में धोखाधड़ी करने या सूचना छिपाने पर तीन महीने की सजा या 25,000 रुपये जुर्माना हो सकता है।
-यदि किसी ने पंजीकरण के नोटिस के बावजूद उसे पूरा नहीं किया, तो उसे छह महीने की सजा, 25,000 रुपये जुर्माना या दोनों सजा मिल सकती हैं।
यह प्रावधान लिव-इन रिलेशनशिप में रहने वाले जोड़ों के लिए एक कानूनी और संरचित रास्ता प्रदान करते हैं, जिससे वे बिना शादी किए भी एक साथ रहने का अधिकार प्राप्त कर सकते हैं और उनके लिए मकान किराए पर लेना भी आसान हो सकता है।