UKSSSC: पेपर लीक के बाद सतर्क हुआ आयोग, होगी हर केंद्र की जांच, वॉशरूम तक लगाए जाएंगे जैमर
- ANH News
- 29 सित॰
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उत्तराखंड अधीनस्थ सेवा चयन आयोग (UKSSSC) की स्नातक स्तरीय परीक्षा पेपर लीक प्रकरण में उलझने के चलते जहां एक ओर चयन प्रक्रिया पर अस्थायी विराम लग गया है, वहीं आयोग अब आगामी परीक्षाओं को लेकर पूरी तरह से सतर्क और सक्रिय हो गया है। पेपर लीक की पुनरावृत्ति रोकने के लिए आयोग अब पहले से कहीं अधिक सख्त और तकनीकी रूप से तैयार नजर आ रहा है।
आयोग की अगली बड़ी परीक्षा पांच अक्तूबर को प्रस्तावित है, जिसमें सहकारी समितियों में सहकारी निरीक्षक वर्ग-2 और सहायक विकास अधिकारी (सहकारिता) के कुल 45 पदों पर भर्ती की जाएगी। कम अभ्यर्थियों के चलते यह परीक्षा केवल देहरादून और नैनीताल जिलों में आयोजित की जा रही है। आयोग ने दोनों जिलों के जिलाधिकारियों को निर्देशित किया है कि परीक्षा केंद्रों की सुरक्षा और पारदर्शिता सुनिश्चित करने के लिए वे स्वयं अपने स्तर से हर केंद्र की बारीकी से जांच करें। किसी भी प्रकार की गड़बड़ी या लापरवाही की कोई गुंजाइश नहीं छोड़ी जाएगी।
हाल ही में सम्पन्न हुई स्नातक स्तरीय परीक्षा में उजागर हुई खामियों से सबक लेते हुए आयोग इस बार पहले से कहीं अधिक सख्ती और निगरानी बरतने जा रहा है। परीक्षा से एक दिन पूर्व चार अक्तूबर को सभी केंद्रों पर पूर्ण रिहर्सल कराई जाएगी, जिसमें जैमर, सीसीटीवी, प्रवेश प्रक्रिया और सुरक्षा व्यवस्था की पूरी जांच की जाएगी। साथ ही परीक्षा केंद्रों में रात्रिकालीन चौकीदारों की तैनाती भी सुनिश्चित की गई है, जिससे सुरक्षा में किसी भी स्तर पर चूक की आशंका खत्म की जा सके।
इस बार अभ्यर्थियों को भी पहले से अधिक सतर्क रहना होगा। आयोग ने स्पष्ट किया है कि सभी अभ्यर्थियों को परीक्षा केंद्र पर परीक्षा समय से कम से कम दो घंटे पूर्व पहुंचना अनिवार्य होगा, क्योंकि प्रवेश द्वार पर ही व्यापक स्तर पर फिजिकल और इलेक्ट्रॉनिक चेकिंग की जाएगी। देरी से आने पर अभ्यर्थियों को प्रवेश से वंचित किया जा सकता है।
आयोग के अध्यक्ष जीएस मर्तोलिया ने बताया कि इस बार जैमर की गुणवत्ता और तैनाती को लेकर विशेष सतर्कता बरती जा रही है। उन्होंने संबंधित कंपनी ईसीआईएल से बात कर स्पष्ट किया है कि केवल लेटेस्ट तकनीक वाले जैमर ही लगाए जाएंगे, और यह व्यवस्था केवल परीक्षा कक्षों तक सीमित नहीं रहेगी, बल्कि वॉशरूम आदि संवेदनशील स्थानों पर भी जैमर लगाए जाएंगे।
पिछली परीक्षा की गलतियों को सुधारने का दावा करते हुए मर्तोलिया ने कहा कि अब कोई भी स्तर ऐसा नहीं छोड़ा जाएगा, जहां से गड़बड़ी की आशंका बने। इस बार हर तैयारी एक दिन पहले ही परखी जाएगी, ताकि परीक्षा का संचालन पूरी तरह पारदर्शी और निष्कलंक हो सके।
सरकार द्वारा स्नातक स्तरीय परीक्षा की उत्तर कुंजी, मूल्यांकन और परिणाम समेत सारी प्रक्रियाएं एक माह के लिए स्थगित कर दी गई हैं, और मामले की एसआईटी जांच जारी है। ऐसे में आयोग अब अगली परीक्षा को न केवल एक चुनौती के रूप में देख रहा है, बल्कि अपनी साख बचाने के मौके के तौर पर भी।
इस परीक्षा के जरिए आयोग यह दिखाने की कोशिश कर रहा है कि भविष्य में कोई भी परीक्षा लीक या लापरवाही की भेंट नहीं चढ़ेगी। तैयारियों का यह स्तर उत्तराखंड की प्रतियोगी परीक्षाओं की प्रक्रिया को दोबारा विश्वासयोग्य और पारदर्शी बनाने की दिशा में एक बड़ा कदम साबित हो सकता है।





