UKSSSC Paper Case: मास्टरमाइंड खालिद और बहन का रचाया पूरा खेल, कोई दिवाना नहीं शामिल
- ANH News
- 25 सित॰
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अपडेट करने की तारीख: 26 सित॰

उत्तराखंड अधीनस्थ सेवा चयन आयोग (UKSSSC) की परीक्षा में पेपर लीक मामले में जांच ने नया मोड़ ले लिया है। पुलिस ने इस पूरे प्रकरण का मास्टरमाइंड खालिद मलिक को माना है, जो खुद पहले भी इस परीक्षा में कुछ अंकों से असफल हो चुका था। असफलता के बाद इस बार उसने नकल के जरिए पास होने की रणनीति बनाई और अपनी बहन साबिया को इसमें सहयोगी बनाया।
जांच अधिकारी एसपी जया बलूनी ने प्रेस वार्ता में खुलासा किया कि खालिद ने परीक्षा से ठीक एक दिन पहले हरिद्वार के बहादरपुर जट स्थित "आदर्श बाल सदन इंटर कॉलेज" परीक्षा केंद्र की दीवार फांदकर वहां के निर्माणाधीन हिस्से में एक छोटा मोबाइल फोन छिपाया था। परीक्षा वाले दिन वह फोन को निकालकर अपनी जैकेट में छिपाकर परीक्षा कक्ष में पहुंच गया। उत्तर पुस्तिका पर रोल नंबर भरने के दौरान उसने मौका देखकर प्रश्न पत्र के कुछ हिस्सों की फोटो खींची और बाथरूम जाने के बहाने बाहर जाकर वे तस्वीरें अपनी बहन साबिया को भेज दीं।
साबिया ने पहले से तय योजना के मुताबिक सहायक प्रोफेसर सुमन को वे प्रश्न भेजे, जिन्होंने अगले 10 मिनट में उत्तर हल कर उसे वापस भेज दिए। हालांकि, परीक्षा कक्ष में खालिद को दोबारा मोबाइल निकालने का अवसर नहीं मिला और उसकी योजना अधूरी रह गई। वह न तो जवाब देख सका और न ही OMR शीट में भर पाया।
पुलिस के अनुसार, परीक्षा के बाद जब सोशल मीडिया पर पेपर वायरल हुआ और उसे अपनी करतूत के उजागर होने का अंदेशा हुआ, तो खालिद फरार हो गया। उसने सबूत मिटाने की पूरी कोशिश की – मोबाइल और सिम को तोड़ा, डेटा डिलीट किया और मोबाइल को ट्रेन के कूड़ेदान में फेंक दिया। वह दिल्ली होते हुए लखनऊ गया और फिर हरिद्वार लौटा। देहरादून में आत्मसमर्पण की योजना बना ही रहा था कि पुलिस की संयुक्त टीम ने उसे गिरफ्तार कर लिया।
पुलिस ने यह भी स्पष्ट किया कि जिस व्यक्ति ‘दीवाना’ का नाम शुरू में सामने आया था, वह वास्तव में अस्तित्व में ही नहीं है। यह नाम साबिया ने पुलिस को गुमराह करने के लिए गढ़ा था। अभी तक जांच में न तो किसी संगठित गिरोह के शामिल होने के प्रमाण मिले हैं और न ही प्रश्नपत्र किसी अन्य स्रोत से लीक हुआ पाया गया है।
पुलिस अब इस मामले की तकनीकी जांच के लिए साइबर एक्सपर्ट्स और फोरेंसिक टीम की मदद ले रही है। खालिद और साबिया के सभी डिवाइस की गहन जांच की जा रही है। खालिद को 14 दिन की न्यायिक हिरासत में भेज दिया गया है, जबकि सहायक प्रोफेसर सुमन और साबिया अभी भी जांच के दायरे में हैं।
पुलिस ने आम लोगों से अपील की है कि यदि इस मामले से जुड़ी किसी के पास भी कोई जानकारी या साक्ष्य हो, तो वे पुलिस से संपर्क करें। जल्द ही इस उद्देश्य से एक हेल्पलाइन नंबर भी सार्वजनिक किया जाएगा।





