18 सौ करोड़ रुपये की शहरी विकास योजना का डीपीआर तैयार, नरेंद्रनगर का भी नाम हुआ शामिल
- ANH News
- 4 सित॰
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अपडेट करने की तारीख: 5 सित॰

उत्तराखंड में शहरी अवसंरचना के सशक्त विकास की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम उठाया गया है। एकीकृत शहरी अवसंरचना विकास योजना (IUIDSS) के अंतर्गत कूड़ा प्रबंधन और अन्य बुनियादी सुविधाओं को सुदृढ़ करने हेतु ऋषिकेश, तपोवन, मुनिकीरेती, स्वर्गाश्रम और अब नरेंद्रनगर को भी योजना में शामिल करते हुए 1800 करोड़ रुपये की परियोजना के लिए डीपीआर (डिटेल्ड प्रोजेक्ट रिपोर्ट) तैयार करने की प्रक्रिया शुरू कर दी गई है।
USADA की बैठक में हुई योजना पर विस्तार से चर्चा:
बुधवार को इस महत्वाकांक्षी योजना के क्रियान्वयन के लिए जिम्मेदार संस्था उत्तराखंड शहरी क्षेत्र विकास एजेंसी (USUDA) के अधिकारियों ने ऋषिकेश नगर निगम कार्यालय में एक महत्वपूर्ण बैठक आयोजित की। बैठक में नगर निगम महापौर शंभू पासवान, नगर आयुक्त गोपाल राम बिनवाल सहित क्षेत्र के विभिन्न शहरी निकायों के अधिशासी अधिकारी, सहायक नगर आयुक्त चंद्रकांत भट्ट, और अन्य अधिकारी उपस्थित रहे।
बैठक में अधिकारियों को योजना की रूपरेखा, उद्देश्य और आगामी कार्यप्रणाली के बारे में पुनः विस्तृत जानकारी दी गई, साथ ही डीपीआर निर्माण हेतु आवश्यक सुझाव भी आमंत्रित किए गए।
वर्ष 2026 से होंगे कार्य शुरू, 2029 तक पूर्णता का लक्ष्य:
USUDA अधिकारियों ने बताया कि इस परियोजना को जर्मन बैंक के वित्तीय सहयोग से क्रियान्वित किया जा रहा है। योजना के अंतर्गत चिन्हित क्षेत्रीय निकायों में वर्ष 2026 से निर्माण कार्य शुरू किए जाएंगे, और वर्ष 2029 तक सभी कार्य पूर्ण करने का लक्ष्य निर्धारित किया गया है।
इन प्रमुख क्षेत्रों पर रहेगा फोकस:
कूड़ा प्रबंधन व्यवस्था को अत्याधुनिक तकनीकों से सुसज्जित करना
गंगाघाटों का सौंदर्यीकरण और साफ-सफाई की सुदृढ़ व्यवस्था
सार्वजनिक स्थलों (बस स्टॉप, पार्क, टॉयलेट आदि) पर आवश्यक बुनियादी सुविधाओं का विकास
चौक-चौराहों का चौड़ीकरण और सौंदर्यीकरण
स्मार्ट सिटी मानकों के अनुरूप शहरी क्षेत्र का पुनर्विकास
स्थानीय निकायों से मांगे गए सुझाव:
बैठक के दौरान नगर आयुक्त और अधिशासी अधिकारियों से उनके क्षेत्रों की आवश्यकताओं के अनुरूप सुझाव भी लिए गए, ताकि डीपीआर स्थानीय आवश्यकताओं को ध्यान में रखते हुए तैयार की जा सके। अधिकारियों को निर्देश दिया गया कि वे अपने-अपने निकाय क्षेत्रों की प्राथमिकताओं को सूचीबद्ध कर एजेंसी को शीघ्र उपलब्ध कराएं।
इस योजना के तहत ऋषिकेश और आसपास के क्षेत्रों में समग्र शहरी विकास की नींव रखी जा रही है, जिससे न केवल पर्यावरणीय और बुनियादी सुविधाएं बेहतर होंगी, बल्कि पर्यटन और आर्थिक गतिविधियों को भी नया आयाम मिलेगा।





