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उत्तराखंड के सभी नगर निकायों में 18 नागरिक सेवाएं होंगी डिजिटल, 22.8 करोड़ की मंजूरी

  • लेखक की तस्वीर: ANH News
    ANH News
  • 11 अक्टू॰
  • 2 मिनट पठन
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उत्तराखंड में शहरी विकास के क्षेत्र में एक बड़ी पहल करते हुए राज्य के सभी नगर निकायों में नागरिक सेवाओं को डिजिटल रूप देने की तैयारी जोरों पर है। अब शहरी क्षेत्रों के नागरिक घर बैठे ही पानी का टैंकर मंगवाने से लेकर फायर एनओसी, पालतू कुत्तों के पंजीकरण और अन्य महत्वपूर्ण सेवाओं का लाभ एक क्लिक पर ले सकेंगे।


शहरी विकास विभाग द्वारा तैयार किए गए म्युनिसिपल शेयर्ड सर्विस सेंटर (एमएसएससी) प्रोजेक्ट को केंद्र सरकार ने मंजूरी दे दी है। इस महत्वाकांक्षी परियोजना के तहत उत्तराखंड को केंद्र से 22.8 करोड़ रुपये की सहायता प्राप्त होगी। यह परियोजना राष्ट्रीय शहरी डिजिटल मिशन (एनयूडीएम) के तहत आवासन एवं शहरी कार्य मंत्रालय को भेजी गई थी, और गर्व की बात यह है कि देशभर में केवल 10 राज्यों को इस प्रोजेक्ट के लिए चुना गया है, जिनमें उत्तराखंड भी शामिल है।


एमएसएससी परियोजना का उद्देश्य राज्य के सभी नगर निकायों में नागरिक सेवाओं की डिलीवरी को पूर्णतः ऑनलाइन, पारदर्शी और सुलभ बनाना है। इसके लिए एक एकीकृत डिजिटल प्लेटफॉर्म विकसित किया जाएगा, जहां 18 प्रकार की शहरी सेवाएं नागरिकों को एक ही मंच पर मिलेंगी। इससे न केवल लोगों को लंबी लाइनों और कार्यालयों के चक्कर से मुक्ति मिलेगी, बल्कि शासन की दक्षता और जवाबदेही भी बढ़ेगी।


इस परियोजना में शहरी निकाय कार्यालयों के आईटी ढांचे को सुदृढ़ किया जाएगा, डिजिटल कनेक्टिविटी को मजबूत किया जाएगा, और कर्मचारियों को आधुनिक तकनीकी प्रशिक्षण प्रदान किया जाएगा, ताकि वे नई प्रणाली को सहज रूप से अपना सकें।


परियोजना के अंतर्गत प्रदेश के चार प्रमुख शहरों – देहरादून, ऋषिकेश, हल्द्वानी और रुद्रपुर में आधुनिक नगर सेवा केंद्र भी स्थापित किए जाएंगे। ये केंद्र पासपोर्ट सेवा केंद्र की तर्ज पर काम करेंगे, जहां नागरिक एक ही स्थान पर विभिन्न सेवाओं का लाभ ले सकेंगे।


इस डिजिटल बदलाव के अंतर्गत प्रॉपर्टी टैक्स का भुगतान, पानी व सीवेज कनेक्शन का प्रबंधन, ट्रेड लाइसेंस, सार्वजनिक शिकायत निवारण प्रणाली, फायर एनओसी, ई-वेस्ट प्रबंधन, कूड़ा प्रबंधन, विज्ञापन एवं होर्डिंग संबंधी अनुमति, सेप्टिक टैंक की सफाई जैसी सेवाएं डिजिटल रूप में उपलब्ध कराई जाएंगी। इसके अतिरिक्त, पालतू कुत्तों का पंजीकरण, रेहड़ी-ठेली व्यवसायियों का प्रबंधन, समुदायिक भवनों की बुकिंग, नगर संपत्तियों का रिकॉर्ड और नागरिक अनुरोध जैसे—पेयजल टैंक या मोबाइल टॉयलेट की मांग—भी अब ऑनलाइन ही की जा सकेगी।


इसके अलावा, पहले से ही संचालित सेवाएं जैसे जन्म-मृत्यु प्रमाणपत्र और ऑनलाइन बिल्डिंग प्लान अप्रूवल को भी इस नए प्लेटफॉर्म में एकीकृत किया जाएगा, जिससे नागरिकों को एक ही पोर्टल पर सभी आवश्यक सुविधाएं प्राप्त हो सकें।


शहरी विकास और आईटी विभाग के सचिव, नितेश झा ने कहा कि एमएसएससी परियोजना को केंद्र की मंजूरी मिलना उत्तराखंड के लिए बड़ी उपलब्धि है। उन्होंने यह भी कहा कि आईटीडीए के सहयोग से इस परियोजना के तहत तैयार किया जाने वाला मंच न केवल सेवाओं की उपलब्धता बढ़ाएगा, बल्कि नागरिकों के जीवन को और अधिक सहज और सुविधाजनक बनाएगा।


निश्चित ही, उत्तराखंड के नगर निकायों में डिजिटल सेवाओं की यह पहल न सिर्फ शासन के तरीके में बदलाव लाएगी, बल्कि नागरिकों की रोजमर्रा की समस्याओं का समाधान भी आसान बनाएगी। यह परियोजना राज्य को स्मार्ट गवर्नेंस की दिशा में एक मजबूत कदम की तरह साबित होगी।

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