उत्तराखंड पुलिस को रजत जयंती पर मिलेगा विशेष सम्मान, CM धामी ने की चार अहम घोषणाएं
- ANH News
- 22 अक्टू॰
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उत्तराखंड राज्य की स्थापना की 25वीं वर्षगांठ के अवसर पर मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने एक भावुक और प्रेरणादायक कार्यक्रम के दौरान प्रदेश पुलिस बल के लिए चार अहम घोषणाएं कीं। यह अवसर और भी विशेष बन गया जब यह घोषणाएं पुलिस स्मृति दिवस पर आयोजित रैतिक परेड के मंच से की गईं। कार्यक्रम का आयोजन देहरादून स्थित पुलिस लाइन में हुआ, जहां मुख्यमंत्री बतौर मुख्य अतिथि शामिल हुए।
हर वर्ष 21 अक्तूबर को देश भर में पुलिस स्मृति दिवस मनाया जाता है, जो 1959 में लद्दाख की बर्फीली पहाड़ियों में चीनी सेना के धोखे से किए गए हमले में शहीद हुए 10 सीआरपीएफ जवानों की स्मृति में समर्पित है। यह दिन न केवल उन वीर जवानों को श्रद्धांजलि देने का अवसर है, बल्कि देश की सुरक्षा में लगे हर प्रहरी के अदम्य साहस और बलिदान को सम्मानित करने का दिन भी है।
मुख्यमंत्री ने इस अवसर पर घोषणा की कि राज्य की रजत जयंती के उपलक्ष्य में प्रदेश के सभी पुलिस कार्मिकों को "विशेष रजत जयंती पदक" प्रदान किया जाएगा। यह पदक उनके निष्ठा, परिश्रम और प्रदेश की सुरक्षा व्यवस्था में उनके अमूल्य योगदान का प्रतीक होगा।
इसके साथ ही मुख्यमंत्री ने पुलिस बल के बुनियादी ढांचे और कल्याण के लिए भी महत्वपूर्ण घोषणाएं कीं। उन्होंने बताया कि आवासीय भवन निर्माण के लिए अगले तीन वर्षों तक हर साल 100 करोड़ रुपये की धनराशि उपलब्ध कराई जाएगी, जिससे पुलिसकर्मियों को बेहतर रहने की सुविधाएं मिल सकेंगी।
इसके अलावा, आपदा राहत कार्यों में अहम भूमिका निभाने वाली एसडीआरएफ (राज्य आपदा प्रतिक्रिया बल) के जवानों के लिए पांच नई बैरकों का निर्माण किया जाएगा, जिससे उनकी कार्यदक्षता और जीवन स्तर में सुधार होगा।
पुलिस कल्याण नीति के अंतर्गत भी धनराशि में वृद्धि की गई है। पहले यह राशि ढाई करोड़ रुपये थी, जिसे बढ़ाकर अब साढ़े चार करोड़ रुपये कर दिया गया है। यह राशि पुलिस कर्मियों और उनके परिजनों के सामाजिक, स्वास्थ्य व आर्थिक कल्याण में सहायक होगी।
इस मौके पर मुख्यमंत्री ने उन वीर पुलिसकर्मियों को श्रद्धांजलि अर्पित की, जिन्होंने पिछले वर्ष ड्यूटी के दौरान बलिदान दिया। उनके परिजनों को मंच पर सम्मानित किया गया और आर्थिक सहायता प्रदान की गई। मुख्यमंत्री ने अपने संबोधन में कहा कि उत्तराखंड की सीमाएं न केवल अंतरराष्ट्रीय सीमाओं से जुड़ी हैं, बल्कि उत्तर प्रदेश और हिमाचल प्रदेश जैसे राज्यों से भी लगती हैं। ऐसे में यहां की भौगोलिक एवं सामरिक स्थिति इसे अत्यंत संवेदनशील बनाती है। इस कारण प्रदेश में शांति और सुरक्षा बनाए रखने में पुलिस बल की भूमिका अत्यंत महत्वपूर्ण हो जाती है। उन्होंने कहा कि किसी भी राज्य की पुलिस व्यवस्था उसकी सुरक्षा और समृद्धि की रीढ़ होती है।
पुलिस महानिदेशक (DGP) दीपम सेठ ने भी कार्यक्रम को संबोधित करते हुए बताया कि इस वर्ष देश भर में ड्यूटी के दौरान शहीद हुए 186 पुलिसकर्मियों को श्रद्धांजलि दी जा रही है। उत्तराखंड पुलिस ने भी पिछले वर्ष अपने चार बहादुर साथियों को खोया, जिनकी स्मृति में यह दिवस और भी भावनात्मक बन गया।
यह संपूर्ण कार्यक्रम न केवल श्रद्धांजलि का अवसर था, बल्कि पुलिस बल के मनोबल, सम्मान और भविष्य के कल्याण के लिए सरकार की प्रतिबद्धता का भी परिचायक था।





