कैबिनेट विस्तार की आहट से जागे अरमान, किसे मिलेगा मंत्री बनने का मौका?
- ANH News
- 25 अग॰
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अपडेट करने की तारीख: 26 अग॰

देहरादून। उत्तराखंड में लंबे समय से प्रतीक्षित कैबिनेट विस्तार को लेकर राजनीतिक गतिविधियां एक बार फिर तेज हो गई हैं। मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी और भाजपा प्रदेश अध्यक्ष महेंद्र भट्ट दोनों ने ही रविवार को सार्वजनिक रूप से कैबिनेट विस्तार के संकेत दिए, जिससे संगठन और विधायकों के बीच चर्चाओं का दौर तेज हो गया है।
पांच पद खाली, विधायकों की उम्मीदें जगीं-
वर्तमान में राज्य मंत्रिमंडल में पांच पद रिक्त हैं। इनमें से चार पद काफी समय से खाली हैं, जबकि एक पद पूर्व संसदीय कार्य मंत्री प्रेमचंद अग्रवाल के इस्तीफे के बाद रिक्त हुआ है।
भाजपा के कई विधायक इन पदों के भराव की प्रतीक्षा में हैं और अब नेतृत्व के संकेतों के बाद उनके सपनों को नई उड़ान मिलती दिखाई दे रही है।
मुख्यमंत्री की दिल्ली यात्रा और हाईकमान से चर्चा-
पार्टी सूत्रों के अनुसार, मुख्यमंत्री धामी की हालिया नई दिल्ली यात्रा के दौरान उन्होंने भाजपा के शीर्ष नेतृत्व के साथ मंत्रिमंडल विस्तार को लेकर गहन चर्चा की है। अब माना जा रहा है कि हाईकमान की हरी झंडी के बाद इस पर शीघ्र निर्णय लिया जा सकता है।
मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने इस बारे में कहा-"कैबिनेट विस्तार को लेकर शीर्ष नेतृत्व से बातचीत चल रही है। हमारी पार्टी लोकतांत्रिक मूल्यों पर काम करती है, और जब भी हाईकमान निर्णय करेगा, इस पर कार्यवाही की जाएगी।"
भाजपा प्रदेश अध्यक्ष ने भी दिए स्पष्ट संकेत-
भाजपा प्रदेश अध्यक्ष महेंद्र भट्ट ने भी रविवार को इस दिशा में उम्मीदें मजबूत करते हुए कहा:
"कैबिनेट में खाली चल रहे पदों को लेकर लंबे समय से मंथन चल रहा है। अब इन पदों को जल्द भरा जाएगा।"
किसे मिल सकता है मौका? चर्चा में ये नाम-
कैबिनेट में शामिल किए जाने वाले संभावित विधायकों के नामों को लेकर भी चर्चाएं जोरों पर हैं। जिन चेहरों को प्रमुख दावेदार माना जा रहा है, उनमें शामिल हैं:
खजान दास
मदन कौशिक
प्रदीप बत्रा
विनोद कंडारी
भरत चौधरी
बंशीधर भगत
बिशन सिंह चुफाल
राम सिंह कैड़ा
आदि।
हालांकि अंतिम निर्णय हाईकमान की स्वीकृति पर ही निर्भर होगा।
उत्तराखंड में कैबिनेट विस्तार को लेकर राजनीतिक सरगर्मी एक बार फिर बढ़ चुकी है। भाजपा के वरिष्ठ नेताओं द्वारा दिए गए स्पष्ट संकेतों से यह स्पष्ट है कि आने वाले दिनों में प्रदेश को नए मंत्रियों की सौगात मिल सकती है। अब सभी की निगाहें भाजपा के केंद्रीय नेतृत्व के निर्णय पर टिकी हैं, जो तय करेगा कि कौन विधायक मंत्री पद की शपथ लेंगे और कौन अभी इंतजार की कतार में रहेंगे।





